राजस्थान के टोंक जिले के डिग्गी कस्बे में भूरिया महादेव बाबा धाम के महंत सियाराम दास महाराज (93) की मंगलवार रात बदमाशों ने हत्या कर दी। इसका पता बुधवार सुबह उस समय लगा, जब लोग मंदिर में पूजा करने गए। मंदिर में महंत के शव को देखकर लोग दंग रह गए। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और नाराजगी जताते हुए बाजार बंद करा दिया। स्थानीय लोग हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंदिर के बाहर धरने पर बैठ गए। फिलहाल पुलिस ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी है।
ग्रामीणों ने बताया कि डिग्गी में प्राचीन भूरिया महादेव बाबा धाम है। मूलत: करौली जिले के रहने वाले महंत सियाराम दास महाराज यहां करीब 50 साल से पूजा-पाठ करते थे। मंदिर में वे अकेले ही रहते थे। मंगलवार रात वे मंदिर में सोए हुए थे, उसी समय बदमाशों ने उनके सिर पर किसी हथियार से हमला कर हत्या कर दी और फरार हो गए। इसका पता लोगों को सुबह करीब आठ बजे मंदिर में आने पर चला। महंत की हत्या के मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया। इससे पहले एफएसएल की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य इकट्ठा किए।
इस मामले को लेकर एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि यह हत्या है। इसके लिए टीम गठित कर हत्यारों की तलाश की जा रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्यारों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
महंत की हत्या के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा- “बहुत दुखद है कि टोंक क्षेत्र के ख्यात महंत संत सियाराम दास बाबा जी की निर्मम हत्या कर दी गई। राजस्थान में साधु-संत अपराधियों के निशाने पर क्यों हैं? देश में कहीं और ऐसा नहीं देखा गया। संत समाज की अवहेलना गहलोत सरकार की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा है। अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए कांग्रेस साधु-संतों को प्रताड़ित करने वाले असामाजिक तत्वों को प्रोत्साहित करती है। यह ऐसा पाप है जिसका दंड अवश्वसंभावी है, शीघ्र ही जिसे सनातन धर्म को आघात पहुंचा रहे अधर्मियों को भुगतना होगा”।
वहीं बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष और टोंक के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सिर्फ सरकार के प्रचार-प्रसार में लगा है। अधिकारियों को उनकी ड्यूटी करने दें। इन्हें चुनाव प्रचार में नहीं लगाएं। राज्य सरकार की गलत नीतियों से मालपुरा क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं होती हैं।
बता दें कि इस घटना से कुछ दिन पहले ही नवगठित डीडवाना जिले के कुचामन थाना इलाके में स्थित रसाल गाँव में हरिराम बाबा की बगीची के संत मोहनदास की निर्दयतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया गया था। हत्या के समय उनके हाथ-पाँव बँधे हुए थे और उनकी आँखों पर भी पट्टी बंधी हुई थी। इस घटना के कारण इलाके में तनाव फैल गया था।
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