कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब एक और अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जो सोमवार का है। इसमें वह कह रही हैं कि महाभारत को काजी नजरूल इस्लाम ने लिखा था। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला। वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि इतिहास को विकृत करना ममता बनर्जी की पुरानी आदत रही है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर शुभेंदु ने लिखा, “ममता बनर्जी द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं को सार्वजनिक तौर पर तोड़-मरोड़ कर पेश करना आदत बन गई है। यह आमतौर पर लोगों को हास्य प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, कोई भी नाराज नहीं दिखता क्योंकि हर कोई जानता है कि सीएम का सामान्य ज्ञान वास्तव में बहुत खराब है। लेकिन हाल ही में उनमें हिंदू धर्म से संबंधित तथ्यों को विकृत करने की प्रवृत्ति विकसित हो गई है।
चार जुलाई को उन्होंने एक टीवी साक्षात्कार में कहा था, उन्होंने या उनकी सरकार ने तारकेश्वर, कालीघाट, दक्षिणेश्वर और अन्य हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे पवित्र मंदिरों का निर्माण किया है।
28 अगस्त को टीएमसीपी स्थापना दिवस के अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे महान महाकाव्य महाभारत काजी नजरूल इस्लाम द्वारा लिखा गया था।
इस पर भाजपा ने कहा कि मुझे लगता है कि वह बहुत अच्छी तरह से जानती है कि महान ऋषि; महर्षि वेदव्यास महाभारत के रचयिता हैं लेकिन उन्होंने जान-बूझकर कहा कि महाभारत के रचयिता काजी नजरूल इस्लाम हैं। ऐसा लगता है कि वह हमारे महान धर्म के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करके संतुष्टि की विकृत भावना महसूस करती हैं।”
राजवंशी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पर माफी मांगे ममता : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजवंशी समुदाय को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी मांगने को कहा है । एक दिन पहले एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के दलित राजवंशी समुदाय की तुलना अपने पैरों से की थी। उनकी इस तरह की टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है। उत्तर बंगाल के प्रभारी और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है। बुधवार सुबह उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा है, “एक शर्मनाक टिप्पणी में, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजवंशी समुदाय को आहत और अपमानित किया, जब उन्होंने उनकी तुलना अपने पैरों से की। जबकि अन्य संप्रदायों के लोगों को अपने हाथों के रूप में संदर्भित किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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