इसरो ने मंगलवार को एक और खुशखबरी दी। चंद्रमा पर रोवर प्रज्ञान अपने काम में तत्परता से जुटा है। उसने चंद्रमा की सतह में सल्फर और ऑक्सीजन की पुष्टि कर दी है। अब हाइड्रोजन की तलाश कर रहा है।
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के डायरेक्टर नीलेश देसाई ने मंगलवार को बताया कि रोवर पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण ने स्पष्ट रूप से दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह में सल्फर (S) की उपस्थिति की पुष्टि की है…Al, Ca, Fe, Cr, Ti, Mn, Si, और O की उपस्थिति का भी पता चला है, जैसा कि अपेक्षित था। हाइड्रोजन (H) की तलाश जारी है। रोवर में दो पेलोड हैं-एक्स-रे स्पेक्ट्रोग्राफ और लेजर-प्रेरित स्पेक्ट्रोग्राफ। इसके प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सल्फर की स्पेक्टरल लाइन स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ scientific experiments continue …..
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
— ISRO (@isro) August 29, 2023
इसरो ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी भी दी है। सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी दी थी कि 27 अगस्त को रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला। रोवर को पथ पर वापस जाने का आदेश दिया गया। यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
इससे पहले रविवार को विक्रम लैंडर में लगे पेलोड ने चंद्रमा की सतह पर तापमान की जानकारी दी थी। चांद के दक्षिणी ध्रुव में अब प्रज्ञान ने खुदाई शुरू कर दी है। इस दौरान तापमान में बाहर और सतह के नीचे काफी अंतर देखने को मिला है, जिससे वैज्ञानिक हैरान हैं। चंद्रमा का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस है लेकिन सतह से 10 सेंटीमीटर के अंदर यह 50 डिग्री सेल्सियस है।
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