यूपी के मुजफ्फरनगर में एक स्कूल में बच्चे को थप्पड़ मारने के प्रकरण में AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर केस दर्ज किया गया है। दरअसल जुबैर ने एक वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल से वायरल किया था। जिससे बच्चे की पहचान उजागर हो गई। हालांकि एनसीपीसीआर की चेतावनी के बाद जुबैर ने वीडियो हटा लिया लेकिन माफ़ी तक नहीं माँगी थी। वहीं वीडियो भी तब तक वायरल हो चुका था।
जुबैर पर यह एफआईआर विष्णुदत्त नाम के शख्स ने मंसूपुर थाने में दर्ज में दर्ज कराई है। FIR में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर करने का आरोप लगा है और बच्चों के संरक्षण और देखभाल अधिनियम धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसमे कहा गया है कि “पहचान उजागर कर किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन किया गया है।”
दोषी पाए जाने पर होगी इतनी सजा
बता दें कि किसी नाबालिग बच्चे की पहचान उजागर करना ‘किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015’ का उल्लंघन है। इस कानून के सेक्शन-74 के तहत, दोषी पाए जाने पर 6 महीने तक की जेल और 2 लाख रुपए तक के जुर्माने की सज़ा दी जा सकती है। वहीं इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) पहला ही चेतावनी दे चुका है कि इस मामले में बच्चों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न किया जाए और इस घटना की जानकारी संस्था को ईमेल के द्वारा दिया जाए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में एक प्राइवेट स्कूल “नेहा पब्लिक स्कूल” से एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे स्कूल की दिव्यांग शिक्षिका तृप्ता त्यागी एक बच्चे को पहाड़ा नहीं याद करने पर अन्य बच्चों के माध्यम से सजा दिलवा रही है। वीडियो को उस मुस्लिम बच्चे के चचेरे भाई ने ही बनाया था। वीडियो में वह वीडियो बनाते समय वो हँसता हुआ सुनाई दे रहा है। बता दें कि वही शिक्षिका के पास अपने भाई की पढ़ाई से सम्बंधित शिकायत लेकर आया था।
क्या है पूरा सच
इस घटना को एक सांप्रदायिक एंगल देने का भरपूर प्रयास किया। ट्विटर पर मोहम्मद जुबैर, संजय सिंह, सदफ अमीन जैसे कइयों लोगों ने इसे इसी एंगल से ट्वीट भी किए। राहुल गाँधी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक ने इस पर राजनीति करते हुए इसे हिन्दू-मुस्लिम एंगल दिया। वहीं इस मामले को इस्लामी मुल्क क़तर के मीडिया संस्थान ‘अल जजीरा’ ने भी हिन्दू-मुस्लिम की हवा देने का प्रयास किया। जबकि बच्चे का परिवार ही इससे इनकार कर रहा है।
इस मामले में मुस्लिम बच्चे के अब्बा ने कहा कि उन्होंने ही शिक्षिका को बच्चे की पढ़ाई को लेकर सख्ती बरतने के लिए कहा था, पता नहीं कौन लोग है जो अफवाह उड़ा रहे है। वहीं उसी गांव के 2 मुस्लिम, जो बचपन में शिक्षिका तृप्ता त्यागी से पढ़ चुके हैं और अब अपने बच्चों को उन्ही से पढ़वा रहे है, उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी भी मैडम को धर्म के आधार पर भेदभाव करते हुए नहीं देखा।
वहीं अधिकारियों ने इस मामले के तूल पकड़ने के बाद ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ को बंद किए जाने का नोटिस भी दे दिया है।
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