उत्तराखंड: चकराता वन प्रभाग में हरे पेड़ों की अवैध कटाई में 21 मामले दर्ज, 17 लोग नामजद

एक हफ्ते में अपना पक्ष नहीं रखा तो होगी न्यायालय की कार्रवाई

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उत्तराखंड ब्यूरो

देहरादून। चकराता कनासर फॉरेस्ट रेंज में हजारों पेड़ों की अवैध कटाई मामले में चकराता डीएफओ ने 21 मामले दर्ज करते हुए 19 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। आरोपियों को एक हफ्ते में अपना पक्ष रखने के लिए डीएफओ कार्यालय में आने के लिए समय दिया गया है।

डीएफओ कल्याणी नेगी ने आज अपनी जांच-पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए उन लोगों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया, जिनके यहां से वन संपदा की तस्करी का माल बरामद हुआ है या फिर ये लोग अवैध कटान में लिप्त रहे। डीएफओ कल्याणी ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय रजानु के प्राचार्य केशर सिंह चौहान के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। उल्लेखनीय है कि इस विद्यालय के कमरों में लकड़ी तस्करी का माल छुपाया हुआ था जिसे वन अधिकारियों ने बरामद किया था। इसके अलावा हरिराम, चंदिया, सरदार सिंह, सैन सिंह, महावीर सिंह, साधु सिंह, जीत सिंह, सुरजन सिंह, फतेह सिंह, देय सिंह, राजेश नेगी, लेख राज, विजन सिंह, फकीरा, पूरन सिंह केसर सिंह के नाम भी मामला दर्ज किया है। इनमें ज्यादातर आरोपी मशक गांव के हैं, जहां कई घरों में अवैध कटान के देवदार के स्लीपर छुपाकर रखे गए थे।

राजेश नेगी, सहायक विकास अधिकारी(पंचायत) हैं, जबकि देय सिंह मशक गांव के प्रधान हैं। साधु सिंह इस अवैध कटान मामले में फर्जी कागजात बनाने वाला बताया गया है। वह पहले पेड़ कटवाता है और वन विभाग के द्वारा संज्ञान में आते ही वन कर्मियों से मिलीभगत करके, पेड़ पर मामूली जुर्माना डलवा कर अवैध काम को वैध करवा लेने का काम किया करता है। चकराता डिवीजन के अपराध रजिस्टर में ऐसे कई नाम दर्ज हैं जोकि इस काले धंधे को सफेद करने का काम करते थे।

डीएफओ कल्याणी ने वन अधिनियम 2001 की धारा 26, उपधारा 4 के तहत नामजद अभियुक्त को नोटिस दिया है। माना जा रहा है कि इस प्रकरण में अभी और कई नाम सामने आ सकते हैं। सीएम धामी ने पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में पीसीसीएफ हाफ को समस्त रिपोर्ट देने को कहा है, ये भी जानकारी में आया है कि अभी एनफील्ड टी फॉरेस्ट मामले में भी कई वन तस्करों के भेद खुलने वाले हैं।

 

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