संस्कृति में अंतर्निहित होती है एकजुट करने की क्षमता : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
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संस्कृति में अंतर्निहित होती है एकजुट करने की क्षमता : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी में जी-20 के संस्कृति मंत्रियों की बैठक को अपने वीडियो संदेश से संबोधित किया

by WEB DESK
Aug 26, 2023, 07:00 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी में जी-20 के संस्कृति मंत्रियों की बैठक के दौरान अपने वीडियो संदेश में कहा कि ‘संस्कृति में एकजुट करने की क्षमता अंतर्निहित होती है। यह हमें विविध पृष्ठभूमि और दृष्टिकोणों को समझने में सक्षम बनाती है। हम अपनी शाश्वत और विविध संस्कृति पर बहुत गर्व करते हैं। हम अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को भी बहुत महत्व देते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत सिर्फ वह नहीं है जो पत्थरों पर गढ़ी जाती है, यह परंपराएं, रीति-रिवाज और त्योहार भी है जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। हमारा मानना है कि विरासत आर्थिक विकास और विविधीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। यह हमें विविध पृष्ठभूमियों और दृष्टिकोणों को समझने में सक्षम बनाता है। इसलिए आपका कार्य संपूर्ण मानवता के लिए बहुत महत्व रखता है। हम भारतवासियों को अपनी सनातन और विविध संस्कृति पर बहुत गर्व है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को भी बहुत महत्व देते हैं। हम अपने विरासत स्थलों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि भारत के सभी गांवों के स्तर पर भी अपनी सांस्कृतिक संपदा और कलाकारों का मानचित्रण किया है। हम अपनी संस्कृति का जश्न मनाने के लिए कई केंद्र भी बना रहे हैं। उनमें से प्रमुख हैं देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातीय संग्रहालय। ये संग्रहालय भारत के जनजातीय समुदायों की जीवंत संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।

प्रधानमंत्री ने बताया कि नई दिल्ली में हमारे पास प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय है। यह अपनी तरह का अनोखा प्रयास है जो भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करता है। हम ‘युगे-युगीन भारत’ राष्ट्रीय संग्रहालय भी बना रहे हैं। पूरा होने पर यह दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा। इसमें भारत के 5000 साल से अधिक पुराने इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सांस्कृतिक संपत्ति की बहाली का मुद्दा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस संबंध में आपके प्रयासों का स्वागत करता हूं। मूर्त विरासत का केवल भौतिक मूल्य नहीं होता। यह किसी राष्ट्र का इतिहास और पहचान भी है। हर किसी को अपनी सांस्कृतिक विरासत तक पहुंचने और उसका आनंद लेने का अधिकार है। मोदी ने बताया कि वर्ष 2014 के बाद से भारत सैकड़ों ऐसी कलाकृतियां वापस लाया है जो हमारी प्राचीन सभ्यता की महिमा को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने कहा कि विरासत आर्थिक विकास और विविधीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। भारत को लगभग 3,000 अद्वितीय कलाओं और शिल्पों के साथ अपनी 2,000 साल पुरानी शिल्प विरासत पर गर्व है।

प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में 4सी- कल्चर, क्रिएटिविटी, कॉमर्स और कॉरपोरेशन (सहयोग) का बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आपके समूह ने ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ अभियान शुरू किया है। यह वसुधैव कुटुंबकम की भावना को ही समाहित करता है। यह हमें एक करुणामय, समावेशी और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए संस्कृति की शक्ति का उपयोग करने में समर्थ बनाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं जो मेरा संसदीय क्षेत्र है। काशी न केवल दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है, यहां से कुछ ही दूरी पर सारनाथ भी है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यह वास्तव में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी है। यह वास्तव में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी है।

जी-20 के संस्कृति मंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, संस्कृति मंत्रालय के सचिव, जी-20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष गोविंद मोहन और जी-20 देशों के संस्कृति मंत्रियों ने पूरे उत्साह के साथ देखा व सुना।

Topics: वाराणसी में जी २० बैठकG20 culture ministers meetingप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीPrime Minister Narendra ModiG20G20 Newsजी २० समाचारG20 meeting in Varanasiजी-20 के संस्कृति मंत्रियों की बैठक
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