अमेरिका की एक लेखिका हैं ऐन कोल्टर। इन्हें वहां रूढ़िवादी माना जाता है। इनके विचार अक्सर अटपटे और आलोचनात्मक होते हैं। कूल्टर आज लोगों के गुस्से के निशाने पर हैं। कारण है उनकी निक्की हेली और विवेक रामास्वामी को लेकर चिढ़। दोनों पर उनकी नस्लवादी टिप्पणी समझदार लोगों को हजम नहीं हो रही है, उन्होंने कोल्टर की भर्त्सना की है।
कोल्टर ने भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली और विवेक रामास्वामी पर ऐसे वक्त पर नस्लवादी टिप्पणी की है जब वे दोनों ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने हैं और रामास्वामी को तो अब लोग गंभीर उम्मीदवार मानकर उनके समर्थन में उतरने लगे हैं।
Nikki and Vivek are involved in some Hindu business, it seems. Not our fight.
— Ann Coulter (@AnnCoulter) August 24, 2023
कोल्टर ने इन दोनों को लेकर ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली है। उल्लेखनीय है कि परंपरानुसार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच विभिन्न मुद्दों पर एक परिचर्चा होती है कि उनका विभिन्न मुद्दों पर दृष्टिकोण क्या है। निक्की और रामास्वामी के बीच अमेरिकी विदेश नीति तथा यूक्रेन और इस्राएल को अमेरिकी मदद पर परिचर्चा को लेकर कोल्टर ने ट्विटर पर लिखा कि, “लगता है निक्की तथा विवेक किसी हिंदू कारोबार में लगे हैं। यह लड़ाई हमारी नहीं है”।
रामास्वामी की वरिष्ठ सलाहकार व संचार निदेशक, ट्रिसिया मैक्लॉघलिन ने एनबीसी न्यूज से बात करते हुए कहा कि कोल्टर जो चाहे ट्वीट कर सकती हैं। लेकिन विवेक उन्हीं यहूदी-ईसाई मूल्यों को मानते और जीते हैं, जिन पर इस देश की बुनियाद पड़ी है। विवेक ने जिस तरह अपना पारिवारिक जीवन जिया है वह उनके बच्चों तथा पोते-पोतियों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण सामने रखता है।
कोल्टर के ट्वीट का सबसे पहले जवाब दिया रामास्वामी की वरिष्ठ सलाहकार व संचार निदेशक, ट्रिसिया मैक्लॉघलिन ने। उन्होंने एनबीसी न्यूज से बात करते हुए कहा कि कोल्टर जो चाहे ट्वीट कर सकती हैं। लेकिन विवेक उन्हीं यहूदी-ईसाई मूल्यों को मानते और जीते हैं, जिन पर इस देश की बुनियाद पड़ी है। विवेक ने जिस तरह अपना पारिवारिक जीवन जिया है वह उनके बच्चों तथा पोते-पोतियों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण सामने रखता है।
हवाई की पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड ने 2020 में डेमोक्रेट उम्मीदवार के नाते राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा था। उनके बाद विवेक रामास्वामी अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दूसरे हिन्दू उम्मीदवार बनकर सामने आए हैं। निक्की हेली यूं तो सिख परिवार से आती हैं, लेकिन बाद वे ईसाई मत में कन्वर्ट हो गई थीं। लेकिन तो भी इन दोनों को लेकर सोशल मीडिया पर गुस्साए लोगों ने भारतीय-अमेरिकियों के विरुद्ध कोल्टर की ऐसी नस्लवादी टिप्पणी के विरुद्ध आवाज बुलंद की है।
सांगय मिश्र, जो ‘डेसिस डिवाइडेड: दि पॉलिटिकल लाइव्स ऑफ साउथ एशियन अमेरिकन्स’ किताब के लेखक हैं, उन्होंने टिप्पणी की है कि इस बात की पूरी उम्मीद थी कि कोल्टर उन दोनों पर चोट करेगी, लेकिन एक धर्म का उल्लेख करते हुए नस्लवाद का प्रयोग घृणित बात से बढ़कर है।
अमेरिका की संस्था हिंदू एक्शन ने भी कोल्टर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया करते हुए लिखा है कि अमेरिकी हिंदू विज्ञान, आईटी, स्वास्थ्य तथा नीति अनुसंधान में सबसे आगे हैं। सांगय मिश्र, जो ‘डेसिस डिवाइडेड: दि पॉलिटिकल लाइव्स ऑफ साउथ एशियन अमेरिकन्स’ किताब के लेखक हैं, उन्होंने टिप्पणी की है कि इस बात की पूरी उम्मीद थी कि कोल्टर उन दोनों पर चोट करेगी, लेकिन एक धर्म का उल्लेख करते हुए नस्लवाद का प्रयोग घृणित बात से बढ़कर है।
वैसे ये लेखिका कोल्टर निक्की हेली को लेकर पहले भी उलटा सीधा बोल चुकी हैं। वे उन्हें “बिम्बो” और “अजीबोगरीब जीव” कह चुकी हैं, इतना ही नहीं, एक बार तो उन्होंने निक्की को कहा था “अपने देश वापस जाओ”। यह तब की बात है जब हेली ने गत 14 फरवरी को एक वीडियो जारी करके अपनी राष्ट्रपति पद की दावेदारी घोषित की थी। तब कोल्टर ने एक पॉडकास्ट से बात करते हुए निक्की के लिए कहा था,”तुम अपने देश क्यों नहीं लौट जातीं?
कोल्टर के हेली तक ही नहीं रुकीं, इस बहाने उन्होंने भारत को लेकर भी उलटी—सीधी बात कही। उन्होंने कहा, “आखिर गायों की पूजा करने से क्या मिला? वहां लोग भूख से मर रहे हैं। क्या आपको पता है, उनके यहां चूहों का एक मंदिर है, वहां वे चूहों की पूजा करते हैं?”
गत माह नेब्रास्का में एक ईसाई पादरी, लॉर्ड ऑफ होस्ट्स चर्च के पादरी हैंक कुनेमैन ने चर्च में अपनी तकरीर में विवेक रामास्वामी के हिंदू होने पर हमला किया था और लोगों से अपील की थी कि उन्हें वोट न दें। उस पादरी ने कहा था कि क्योंकि विवेक रामास्वामी हिंदू हैं इसलिए जो भी इंसान उनको समर्थन देगा, तो यह ‘गॉड से झगड़ा’ होने जैसा होगा।
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