नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में संसद में पारित कानून को चुनौती देने के लिए दिल्ली सरकार को याचिका में संशोधन करने की अनुमति दे दी है।
दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती दी थी, जो अब संसद से पारित होकर कानून बन गया है। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या आपको कोई आपत्ति है तो मेहता ने कहा कि नहीं। उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली सरकार को याचिका में संशोधन की अनुमति दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका 20 जुलाई को पांच जजों की संविधान बेंच को रेफर कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने 11 मई को कहा था कि उप राज्यपाल के पास केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली से संबंधित सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक पर्यवेक्षण नहीं हो सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने सर्वसम्मत फैसले में कहा थी कि उप राज्यपाल की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती हैं। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा के पास भूमि, लोक व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर सूची 2 में सभी विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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