न्यूजीलैंड में कुछ भारतीय और बांग्लादेशी नागरिकों के कथित शोषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। काम करने के लिए वैध कागजात होने के बाद भी, न उन्हें ठीक से काम मिला है, न रहने की ठीकठाक जगह दी गई है। ऐसे आरोपों के बाद, न्यूजीलैंड की जस्टिन त्रूदो सरकार ने ऐसी दिक्कतें झेल रहे 115 भारतीयों और बांग्लादेशी नागरिकों की पूरी जांच करने की प्रक्रिया शुरू की है। जैसा पहले बताया, ये सभी रोजगार के लिए आवश्यक कार्य वीसा पर इस देश में आए हैं।
न्यूजीलैंड के आव्रजन प्राधिकरण ने इस बारे में एक वक्तव्य जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत और बांग्लादेश से काम के लिए बुलाए गए इन लोगों को ऐसी कंपनियों में भेजा गया था, जहां इतनी तादाद में लोगों को रखने लायक स्थान नहीं था। जहां उनको रहने की जगह दी गई, वहां गंदगी इतनी थी कि लोग बीमार पड़ जाएं। किसी भले इंसान का वहां रहना मुश्किल हो जाए। इसी प्राधिकरण ने ऐसी शिकायतों पर गौर करते हुए गत दिनों कहा है कि व्यापार, नवाचार और रोजगार मंत्रालय द्वारा इस मामले की गहन और समग्र जांच शुरू की गई है।
न्यूजीलैंड सरकार के आव्रजन प्राधिकरण का कहना है कि उनके जांचकर्ताओं ने सभी 115 भारतीय और बांग्लादेशी नागरिकों से बात की है। ये लोग वैध रोजगार कार्य वीसा से लैस होकर न्यूजीलैंड गए थे। इन सबने वीसा और काम पाने के लिए पूरी रकम चुकाई थी। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग किसी तरह का काम पाने के इंतजार में लगे हुए हैं।
न्यूजीलैंड सरकार के इस प्राधिकरण का कहना है कि उनके जांचकर्ताओं ने सभी 115 भारतीय और बांग्लादेशी नागरिकों से बात की है। ये लोग वैध रोजगार कार्य वीसा से लैस होकर न्यूजीलैंड गए थे। इन सबने वीसा और काम पाने के लिए पूरी रकम चुकाई थी। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग किसी तरह का काम पाने के इंतजार में लगे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि इन लोगों ने विदेश में नौकरी दिलाने वाली मान्यता प्राप्त एजेंसियों को अपने वीसा तथा रोजगार के लिए पूरे पैसे यानी लगभग 12,46,778 रुपये से लेकर लगभग 33,24,742 रुपये तक चुकाए थे। इतने सबके बाद भी इनमें से ज्यादातर कामगारों को कोई ऐसा कोई काम नहीं मिला है जिससे कुछ आमदनी हो।
इन लोगों को एईडब्ल्यूवी वीसा, जो अस्थायी कार्य वीसा होता है, वह दिया गया है। इनमें से कुछ ऐसे हैं जो पिछले कई माह से न्यूजीलैंड में रह रहे हैं तो कुछ लोगों को वहां पहुंचे ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। आव्रजन प्राधिकरण का कहना है कि अपने नागरिकों को हर प्रकार की सहायता दिलाने में भारतीय उच्चायोग पूरा प्रयास कर रहा है।
इस बारे में पिछले सप्ताह भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट भी किया था। उसमें कहा गया था कि ऑकलैंड में मुसीबत में फंसे भारतीय कामगारों की जानकारी लगते ही हम उनकी सहायता के लिए पहुंच गए। इन कामगारों को खान—पान और दूसरी कांसुलर सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। हम सभी लोगों के साथ संपर्क में हैं। न्यूजीलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय की भलाई में हम जुटे हुए हैं।
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