Chandryaan-3: लूना-25 के क्रैश होने के बाद अब भारत का चंद्रयान-3 पूरी दुनिया के लिए खास, जानिये क्या है वजह
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

Chandryaan-3: लूना-25 के क्रैश होने के बाद अब भारत का चंद्रयान-3 पूरी दुनिया के लिए खास, जानिये क्या है वजह

चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग ही एकमात्र उपाय है जो दुनियाभर के स्पेस मिशन के विभिन्न खगोलीय पिंडों पर सुरक्षित लैंडिंग का रास्ता सुनिश्चित करेगा।

by WEB DESK
Aug 21, 2023, 05:26 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कोलकाता। रूस के चंद्र मिशन लूना-25 के क्रैश होने के बाद अब भारत के चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की निगाहें टिक गई हैं। महज चंद घंटे बाद चंद्रयान-3 चंदा मामा की दुर्गम सतह के “सॉफ्ट आलिंगन” के उस वादे को पूरा करने के लिए तैयार है जो आज से तीन साल पहले (2019) 125 करोड़ देशवासियों ने चंद्रयान-2 के गुमशुदा हो जाने के बाद चांद से किया था।

आज (सोमवार) लूना-25 को भी चांद के सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन रविवार को ही उसका रूसी अंतरिक्ष एजेंसी से संपर्क टूट गया और दावा किया जा रहा है कि चांद की सतह से टकराकर हार्डवेयर डैमेज की वजह से मिशन को अंजाम देने में फेल हो गया है। इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा कर दी है कि 23 अगस्त (बुधवार) शाम करीब 6:00 बजे चंद्रयान-3 चांद के उस दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा जहां अरबों साल से सूरज की रोशनी नहीं पहुंची है। आखिर क्या होती है सॉफ्ट लैंडिंग और चंद्रयान-3 से पूरी दुनिया को क्या उम्मीदें हैं। इसे मशहूर विज्ञान लेखक विजय कुमार शर्मा ने सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, “स्पेस मिशन लॉन्च करना कोई मुश्किल नहीं है। स्पेसशिप का गंतव्य तक पहुंच जाना भी मुश्किल नहीं है। उसका सबसे खतरनाक, चुनौतीपूर्ण और असाध्य हिस्सा सफलतापूर्वक लैंडिंग होता है। कोई चाहे कितना भी एक्सपर्ट हो, यही एक ऐसी चीज है जिसमें विफलता की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। सॉफ्ट लैंडिंग ही एकमात्र उपाय है जो दुनियाभर के स्पेस मिशन के विभिन्न खगोलीय पिंडों पर सुरक्षित लैंडिंग का रास्ता सुनिश्चित करेगा।”

सॉफ्ट लैंडिंग मैकेनिज्म के तकनीकी पहलू को सरल शब्दों में स्पष्ट करते हुए विजय बताते हैं कि स्पेस शिप उतारने के दौरान नीचे की दिशा में रॉकेट फायर किए जाते हैं ताकि न्यूटन के क्रिया के बराबर प्रतिक्रिया के नियम अनुसार ऊपर की दिशा में धक्का लगे और स्पेसशिप की रफ्तार धीमी हो। रफ्तार धीमी करनी इसलिए जरूरी है कि चांद अपने गुरुत्वाकर्षण की वजह से स्पेसशिप को अपनी सतह की ओर तेज रफ्तार में खींच रहा होता है और अगर रफ्तार धीमी नहीं हुई तो स्पेसक्राफ्ट सतह से टकराकर नष्ट हो जाता है। इससे पूरा मिशन फेल हो जाता है। चंद्रयान-3 में रॉकेट बूस्टर लगे हैं जिनको नीचे की और फायरिंग किया जाएगा। इससे उसकी रफ्तार धीमी होगी और चांद की सतह तक पहुंचने तक ऑन बोर्ड कंप्यूटर से इस तरह से कमांड सेट किए गए हैं कि चांद के ग्रेविटी को कैंसिल करते हुए बिल्कुल शून्य रफ्तार कर इसके सतह को छुएगा। उसके बाद विक्रम चंद्रयान-3 से निकलकर वन लूनर डे यानी चांद के एक दिन जो धरती के 14 दिनों के बराबर है, सतह पर मिट्टी के सैंपल लेकर रिसर्च करेगा।”

चांद की सतह पर उतर रहे चंद्रयान-3 की गति धीमी करने के लिए सतह के करीब पैराशूट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता है? इस सवाल पर वह कहते हैं कि चांद की धरती पर हवा नहीं है। इसीलिए वहां पैराशूट काम नहीं करेगा। एकमात्र उपाय नीचे की ओर रॉकेट की फायरिंग है ताकि ऊपर की ओर लगे उसके धक्के से चंद्रयान की गति कम हो। विजय इस बात की उम्मीद जताते हैं कि इस बार चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की उम्मीद पूरी दुनिया को है, क्योंकि चंद्रयान-2 की विफलता से भारत ने सबक सीखा है और इस मिशन में कई बदलाव किए हैं।

चंद्रयान-3 की खूबियों का जिक्र करते हुए विजय ने कहा कि 2019 में भारत ने जब चंद्रयान-2 लॉन्च किया था तब कुछ ही दिनों के अंतराल पर इजरायल ने बेरेशीट, जापान ने हकूटो आर और एक दिन पहले ही रूस ने लूना-25 गंवाया है। इन सभी मिशनों को विफलता हाथ लगी। खास बात यह है कि चांद पर उतरने की कोशिश करने वाले विफलतम देशों में एकमात्र भारत ही है जो महज तीन सालों के अंतराल पर दूसरा प्रयास कर फिर चांद की वायुमंडल में दस्तक दे चुका है। इसीलिए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक चांद के उस हिस्से में उतरना बेहद अहम है जहां आज तक रोशनी नहीं पहुंची।

वो कहते हैं कि यहां अगर सफल लैंडिंग होती है तो इस हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश भारत होगा। विजय कहते हैं-” आज से 50 वर्ष के भीतर हम इंसानों के भेजे अंतरिक्षयान मिल्की-वे गैलेक्सी के विभिन्न हिस्सों में अपनी आमद दर्ज करा रहे होंगे। उन सुदूर मौजूद ग्रहों तक प्रकाश की गति से भेजे हमारे सिग्नल्स को भी स्पेसशिप तक पहुंचने में घंटे, हफ्तों, महीनों अथवा वर्षों का समय लगेगा। तब एकमात्र यही तरीका बचता है कि हम “सेफ लैंडिंग” की प्रक्रिया पूर्वनियोजित रूप से इंस्टॉल करके स्पेसशिप्स को दूसरे संसारों के सफर पर रवाना करें। जब तक हम अपने बगल में मौजूद चांद पर सेफ लैंडिंग में दक्षता हासिल नहीं कर लेते, तब तक अंतरिक्ष विस्तार की मानवीय महत्वकांक्षाओं पर सवालिया निशान बने रहेंगे। इसलिए चांद पर अगर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होती है तो यह भविष्य के अंतरिक्ष मिशन को सबसे सफल दिशा देने वाला होगा।”

साल 2019 में भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन की विफलता के बावजूद उससे हुए वैज्ञानिक लाभ का जिक्र करते हुए विजय कहते हैं, “महानतम अभियानों के शुरुआती दौर अक्सर मायूसी भरे होते हैं। 2019 में चंद्रयान-2 से संपर्क टूट जाने के बाद इसरो प्रमुख के शिवन को पड़े थे। पूरे देश में उदासी थी। मायूसी के उस दौर में भी दो दिनों तक सवा सौ करोड़ निगाहें रात के आसमान में टकटकी लगा कर चांद को निहार रही थीं, मानों किसी खो गए अपने को खोज रही हों। इस विफलता से एक संकल्प का जन्म हुआ था। वह था, आज नहीं तो कल, देर-सबेर… हम फिर आएंगे और चांद के सीने पर तिरंगा फहराएंगे। यह 125 करोड़ लोगों का चांद से किया गया वादा था, जिसे निभाने के लिए चंद्रयान-3 बिल्कुल करीब पहुंचकर दस्तक दे चुका है।

ये भी पढ़ें- Chandryaan-3: चंद्रमा पर चंद्रयान-2 ने चंद्रयान-3 का किया स्वागत, दोनों के बीच संचार स्थापित, ISRO ने दी खुशखबरी

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: chandrayaan updateISROचंद्रमाMoonचंद्रयान-3Chandrayaan-3चंद्रयान-3 और चंद्रयान-2 में संपर्कचांद मिशनचंद्रयान अपडेटcontact in chandrayaan-3 and chandrayaan-2moon missionइसरो
Share4TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

शुभांशु शुक्ला

18 दिन अंतरिक्ष में बिताकर लौटे Shubhanshu Shukla, देखिए धरती पर वापसी का वीडियो

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अन्तरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग करते सीएम धामी।

अंतरिक्ष अनुसंधान में उत्तराखंड की प्रतिभाओं का भविष्य उज्ज्वल : मुख्यमंत्री धामी

Shubhamshu Shukla ISS Mission

एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग फिर स्थगित, भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को जाना था स्पेस मिशन पर

धनुष तोप

संक्षिप्त समर का शिलालेख

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies