12 जून 2023 को राजेश दुबे अपने भतीजे की शादी में शामिल होने मिर्जापुर के कोलाही गांव में गए हुए थे इस दौरान वह अमजद नाम के युवक की बोलेरो गाड़ी किराए पर बुक करके ले गए थे। रास्ते में सफर के दौरान राजनैतिक चर्चा के दौरान अमजद ने पीएम मोदी और सीएम योगी को गन्दी गन्दी गलियां देना शुरू कर दिया जिसका विरोध जब राजेश ने किया तो अमजद से उसकी बहस हो गई।
इसके बाद जब राजेश जब अमजद की गाड़ी से उतार कर अपने घर की तरफ जा रहे थे तब अमजद ने राजेश के ऊपर बोलेरो चढ़ा दी जिससे राजेश की मौत हो गई। इस घटना के बाद राजेश के परिवार ने मिर्जापुर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अमजद को गिरफ्तार कर भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 और 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया और अमजद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस घटना के बाद राजेश के घर कई नेताओं का आना जाना लगा रहा और सभी उन्हें मदद का भरोसा दिया करते थे। लेकिन धरातल पर उन्हें किस के द्वारा कोई मदद प्राप्त नहीं हुई। वहीं राजेश का परिवार दिल्ली के संगम विहार वापस आ गया। यहां राजेश एक मेडिकल कम्पनी में सेल्स/परचेज मैनेजर थे। वैसे तो राजेश मूल रूप से मिर्जापुर जिले के गाँव कोलाही के रहने वाले थे। यह गाँव विध्यांचल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। लेकिन लगभग पिछले 3 दशकों से जीवन यापन हेतु उनका परिवार दिल्ली के संगम विहार इलाके में रहता है।
आर्थिक तंगी से रुक गई बेटी की पढ़ाई
पाञ्चजन्य ने जब उनके परिवार से फोन पर सम्पर्क किया तो राजेश की बिटिया पूजा दुबे से बात हुई। पूजा ने बताया कि “सरकारी नौकरी करना मेरा सपना लेकिन पापा के चले जाने के बाद अब परिवार के पास आगे की शिक्षा और तैयारियों के लिए किताबें खरीदने के लिए भी रुपए नहीं हैं। पूजा ने बताया की पूरा घर पापा (राजेश) की ही कमाई पर ही आश्रित था, अब उनके जाने के बाद उनका परिवार भगवान भरोसे ही चल रहा है”।
पूछने पर पूजा ने बताया कि उसका एक बड़ा भाई है लेकिन प्राइवेट नौकरी करता है। उसकी नौकरी से इतनी ही इनकम हो पति है कि वह उतने रुपए में अपनी पत्नी और बच्चे को ही पाल पाते है।
कैसे चुकाएंगे कर्ज यही बात करती रहती है परेशान
हमने जब पूजा की मां यानि मृतक राजेश की पत्नी शैल दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि “उनके जाने के बाद से हमारा परिवार गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भविष्य में बेटी पूजा का विवाह भी करना है छोटे बेटे को पढ़ाई शेष है। इन सबके लिए पैसे कहाँ से आएंगे यही चिंता मुझे दिन रात परेशान करती रहती है”। वहीं जब उनसे मकान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया “केवल मकान ही है हमारे पास खुद का लेकिन इसे भी उन्होंने कर्ज लेकर बनवाया था। अब जिन लोगों से कर्जा लिया था उन्हें भी पैसे वापस कैसे करेंगे ये बात हमेशा परेशान करती रहती है”।
मदद के वादे तो हुए लेकिन मिली कहीं से नहीं
पाञ्चजन्य ने जब मदद मिलने को लेकर सवाल पूछा तो मृतक राजेश के परिजनों ने बताया कि उन्हें कहीं से किसी भी प्रकार की मदद प्राप्त नहीं हुई। परिजनों ने बताया कि घटना के बाद कई प्रशासनिक अधिकारियों सहित तमाम लोग आए और उन्होंने हमारे परिवार को हर सम्भव मदद का भरोसा भी दिया, लेकिन किसी के द्वारा कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। भरे हुए गले के साथ परिजनों ने कहा कि लगता है लोगों ने अब उन्हें भुला दिया है। मृतक राजेश की पत्नी और बेटी ने मिल कर पीएम मोदी, सीएम योगी और उनके प्रशासनिक अधिकारियों से अपने परिवार की मदद के लिए गुहार भी लगाई है।
हम हिंदू भारत छोड़कर कहां जाएं
पाञ्चजन्य से चर्चा करते समय मृतक राजेश की बेटी ने कहा- कुछ समय पहले मैंने एक समाचार पढ़ा जिसमे एक जवान ने एक ट्रेन के अन्दर गोली चला दी जिसमे शायद कुछ मुस्लिम युवकों की मृत्यु हो गई। इसके बाद उन मुस्लिम लोगों के परिवार वालो ने बोला कि “ये भारत देश हमारे रहने के लिए सेफ नहीं हैं”। लेकिन मेरे पापा तो हिन्दू थे और शुरू से ही वो मोदी और योगी से प्रभावित थे। वे हमेशा ही योगी जी और मोदी जी की तारीफ करते थे। यही उन्होंने उस दिन भी किया जब वो अमजद की गाड़ी में बैठे थे। केवल मात्र मोदी-योगी की तारीफ़ करने की वजह से अमजद ने पापा पर गाड़ी चढ़ा दी और तब तब चढ़ा कर रखी जब तक वह मर नहीं गए। हम हिन्दू हैं, मेरे पापा हिन्दू थे, अब बताओ हम कहाँ जाएं देश छोड़ कर? हम क्या करें? हम भी तो इंसाफ के हकदार है, हमें भी न्याय मिलना चाहिए”।
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