नई दिल्ली। फ्लाइंग (पायलट) विंग कमांडर श्रेय तोमर को भारतीय सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसलिए वायु सेना पदक से सम्मानित किया है, क्योंकि उन्होंने विमान के दोनों इंजनों में आग लगने के बावजूद बहादुरी दिखाई। उन्होंने अपना धैर्य और मानसिक संतुलन को बनाए रखकर एक इंजन की आग बुझाई और दूसरे के सहारे लैंडिंग करके विमान को बचा लिया। उनकी इस समय लड़ाकू स्क्वाड्रन में तैनाती है।
विंग कमांडर श्रेय तोमर को लंबी अवधि के वैली फ्लाइंग मिशन का नेतृत्व करने के लिए 27 जनवरी 2023 को अधिकृत किया गया था। विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद ही कॉकपिट में दोनों इंजनों की अग्नि चेतावनी लाइटें लगभग एक साथ जल उठीं। यह लाइटें संकेत कर रही थीं कि दोनों इंजनों में आग लग गई है। इस स्थिति में पायलट ने अपना धैर्य और मानसिक संतुलन को बनाए रखकर स्थिति का तेजी से आकलन किया। उन्होंने एक ही इंजन पर भारी विमान की उड़ान को जारी रखते हुए इंजन नंबर 2 को बंद कर दिया। कम ऊंचाई पर होने के बावजूद विमान का वजन कम करने के लिए उन्होंने विमान में थ्रस्ट लगाया और ईंधन बचाते हुए विमान को कम ऊंचाई पर उतारना जारी रखा।
विंग कमांडर ने अपने बेहतरीन उड़ान कौशल और इलाके के अच्छे ज्ञान को प्रदर्शित करते हुए विमान को बचा लिया और एक विनाशकारी हादसे को टालने में सफलता हासिल की। इस घटना के बाद विमान की जांच से पता चला कि विमान को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके दोनों इंजनों में आग लगने के कारण इसके कुछ हिस्से जलकर खराब हो गए थे। विंग कमांडर श्रेय तोमर ने दोनों इंजनों में आग लगने के बावजूद असाधारण उच्च स्तर की पेशेवरता और साहस का परिचय दिया। इसके अलावा उन्होंने त्वरित निर्णय लेने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
विंग कमांडर अप्रत्याशित और काफी अधिक सक्रिय स्थिति का सामना करने के बावजूद विमान को सुरक्षित और त्वरित एकल इंजन पर उतारने में सफल रहे। इस विमान की उड़ान के महत्वपूर्ण चरण के दौरान कार्रवाई में किसी भी देरी या गलत कार्रवाई से स्थिति तेजी से बिगड़ सकती थी और जान-माल या दोनों को नुकसान पहुंच सकता था। असाधारण पेशेवरता और साहस के इस कार्य के लिए विंग कमांडर श्रेय तोमर को वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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