कश्मीर : आतंकवाद और शेख अब्दुल्ला
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कश्मीर : आतंकवाद और शेख अब्दुल्ला

कश्मीर नासूर नहीं था, अंग्रेजों ने अब्दुला से उसे बनवाया था

by WEB DESK
Aug 15, 2023, 04:57 pm IST
in भारत
शेख अब्दुल्ला

शेख अब्दुल्ला

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

1928 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और 1930 में रसायन विज्ञान में एमएससी की डिग्री प्राप्त की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से लौटकर उन्होंने श्रीनगर हाई स्कूल में शिक्षक की नौकरी की।

शेख अब्दुल्ला का जन्म 1905 में श्रीनगर में हुआ था। शेख ने इंटर तक पढ़ाई श्रीनगर के श्रीप्रताप कॉलेज में की और बाद में लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने 1928 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और 1930 में रसायन विज्ञान में एमएससी की डिग्री प्राप्त की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से लौटकर उन्होंने श्रीनगर हाई स्कूल में शिक्षक की नौकरी की।

महाराजा हरि सिंह ने एक सिविल सेवा रोजगार बोर्ड बनाया था, जहां प्रवेशकतार्ओं का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया जाता था। शेख अब्दुल्ला ने इस नीति का विरोध किया और सरकारी स्कूल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुसलमानों को पास की मस्जिद में इकट्ठा किया और उत्तेजक भाषण दिए। उन्होंने महाराजा पर मुसलमानों को सरकारी नौकरियों से दूर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने गोहत्या के लिए मुसलमानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की नीति की आलोचना की। शेख अब्दुल्ला बहुत कुशल भाषणकर्ता थे। अंग्रेजों ने उनकी प्रतिभा और रुझान को ताड़ लिया, और शेख अब्दुल्ला ने ब्रिटिश पोलिटिकल सर्विस के पूर्ण संरक्षण में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कट्टरपंथी विचारों का केंद्र था।

विश्वविद्यालय के ठीक बाहर, इन छात्रों ने ‘मुस्लिम रीडिंग रूम’ में बैठकों की परंपरा शुरू की। इसी रीडिंग रूम ग्रुप ने जुलाई 1931 में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ आंदोलन भड़काया। उसके पहले तक आम हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संकट और अशांति की शायद ही कोई घटना होती थी, लेकिन अब हिंदुओं की दुकानें जलाईं और लूटी गईं। कुछ हिंदुओं की हत्या भी की गई। मुस्लिम रीडिंग रूम के विद्रोह को भी अंग्रेजों का पूर्ण समर्थन प्राप्त था। यहां तक कि महाराजा हरिसिंह का ‘भरोसेमंद’ प्रधान मंत्री जी.ई.सी. वेकफील्ड भी इसका समर्थन कर रहा था। ब्रिटिश पोलिटिकल सर्विस की मदद से कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नाम से एक संगठन लाहौर में स्थापित किया गया और इसे धार्मिक विद्रोह भड़काने का सौंपा गया।

महाराजा को अंग्रेजों के इस षड़यंत्र का अंदाज हुआ और उन्होंने तुरंत वेकफील्ड को पद से हटाकर उसके स्थान पर प्रसिद्ध प्रशासक हरि कृष्ण कौल को नियुक्त किया। कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस ने अपनी हरकतें लाहौर से पुन: प्रारम्भ कीं। उन्होंने लोगों को फिर से विद्रोह के लिए उकसाया। पंजाब से भड़काने वाला साहित्य बड़े पैमाने पर कश्मीर लाया गया। शेख अब्दुल्ला ने फिर से महाराजा पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाते हुए जहरीले भाषण देना शुरू किया। 24 सितंबर 1931 को राज्य पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अंग्रेज तुरंत मध्यस्थता करने आ गए। अंग्रेज रीजेंट ने महाराजा को एक अल्टीमेटम जारी किया और चौबीस घंटे के भीतर इसे स्वीकार करने और लागू करने को कहा।

विश्वविद्यालय के ठीक बाहर, इन छात्रों ने ‘मुस्लिम रीडिंग रूम’ में बैठकों की परंपरा शुरू की। इसी रीडिंग रूम ग्रुप ने जुलाई 1931 में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ आंदोलन भड़काया। उसके पहले तक आम हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संकट और अशांति की शायद ही कोई घटना होती थी, लेकिन अब हिंदुओं की दुकानें जलाईं और लूटी गईं। कुछ हिंदुओं की हत्या भी की गई। मुस्लिम रीडिंग रूम के विद्रोह को भी अंग्रेजों का पूर्ण समर्थन प्राप्त था। यहां तक कि महाराजा हरिसिंह का ‘भरोसेमंद’ प्रधान मंत्री जी.ई.सी. वेकफील्ड भी इसका समर्थन कर रहा था।

जून 1939 में आल जम्मू एंड कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंस का नाम बदलकर आल जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस कर दिया गया। सितम्बर 1951 में राज्य में हुए चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में संविधान सभा की सभी 75 सीटों पर जीत हासिल की, जिनमें से अधिकांश चुनाव निर्विरोध हुए, कांग्रेस एक दो सीटों पर दिखावे के लिए लड़ी। अगस्त 1953 में अपनी बर्खास्तगी तक शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के ‘प्रधानमंत्री’ बने रहे थे।

एक खास वंशवादी पार्टी के नाते नेशनल कॉन्फ्रेंस का शीर्ष नेतृत्व इसकी स्थापना के समय से ही शेख अब्दुल्ला और उनके परिवार तक सीमित रहा है। पहले कमान शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के हाथ में थी। राज्य के ‘प्रधानमंत्री’ पद से 1953 में केन्द्र सरकार द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद उनके पुत्र फारुख अब्दुल्ला ने पार्टी की बागडोर संभाली। साल 2002 में फारुख के पुत्र उमर अब्दुल्ला प्रधान बने, वे भी 2009 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

इसी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 1965 में कांग्रेस का दामन थामा और खुद को उसमें विलीन कर दिया था। लेकिन 1977 के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्य में 76 में से 47 सीटें तथा 1983 में 46 सीटें जीतकर अपनी स्वतंत्र पहचान पुन: हासिल कर ली। अनेक बार आरोप लगा कि अब्दुल्लाओं के शासन तले जिहादी तत्व कश्मीर में अपनी जड़ें जमा रहे हैं, लेकिन केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनकी अनसुनी करती गई।

Topics: National Conferenceकश्मीर मुस्लिम कॉन्फ्रेंसनेशनल कॉन्फ्रेंसवेकफील्डKashmir Muslim ConferenceWakefieldKashmir: Terrorism and Sheikh Abdullahप्रधानमंत्रीPrime minister
Share6TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Comment on PM Modi

प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी, एफआईआर दर्ज

हिंदू हो.? धर्म पूछकर मारी गोलियां : रुहुल्ला के बयान के बाद पहलगाम आतंकी हमले से कश्मीर फिर लहूलुहान

वाराणसी में अधिकारियों को निर्देश देते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

वाराणसी: प्रधानमंत्री मोदी ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने का दिया निर्देश

राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रास्वां बायरू (बाएं) का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने रखा

क्या 73 साल के फ्रास्वां बायरू थाम पाएंगे फ्रांस में डगमगाती राजनीति! 3 महीने में दूसरे प्रधानमंत्री बनेंगे बायरू

अपनी बढ़त को लुटाती कांग्रेस पार्टी

बांग्लादेश की निवर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना

बांग्लादेश : अब नहीं लगेगी शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर रोक, अदालत से लौट गई ‘छात्रों’ की अर्जी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies