1951 : भारतीय जनसंघ की स्थापना : राजनीति में राष्ट्रीयता का उदय
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

1951 : भारतीय जनसंघ की स्थापना : राजनीति में राष्ट्रीयता का उदय

हिन्दू राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव के साथ काम करने पर जुटे कुछ तपस्वी कार्यकर्ता

by WEB DESK
Aug 13, 2023, 04:57 pm IST
in भारत
पं. दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

पं. दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जम्मू—कश्मीर में शेख से दोस्ती और वहां भारत विरोधी तत्वों को पनपने की शह देने से लेकर मुस्लिम तुष्टीकरण की हद तक जाने वाले पं. नेहरू मंत्रिमंडल के अपने साथियों से मशविरे तक की परवाह नहीं करते थे।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, नेहरू मंत्रिमंडल में हर तरह की विचारधारा के लोग तो शामिल थे, लेकिन नीतियों और सरकार के फैसलों पर समाजवाद की प्रतिच्छाया में साम्यवाद की स्पष्ट झलक मिलती थी। जम्मू—कश्मीर में शेख से दोस्ती और वहां भारत विरोधी तत्वों को पनपने की शह देने से लेकर मुस्लिम तुष्टीकरण की हद तक जाने वाले पं. नेहरू मंत्रिमंडल के अपने साथियों से मशविरे तक की परवाह नहीं करते थे। ऐसी परिस्थितियों में मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने त्यागपत्र देकर ऐसी राजनीति की राह पकड़ने का निश्चय किया जो सिर्फ भारत की चिति में गहन आस्था रखते हुए, बहुसंख्यक हिन्दुओं से जुड़े विषयों और देश की अखंडता से कोई समझौता न करने पर बल दे।

हिंदू राष्ट्र गैर-हिन्दू समुदायों को भी राष्ट्र जीवन में तब तक पूर्ण नागरिक स्वतंत्रता और राजनीतिक, पांथिक और सांस्कृतिक समानता की गारंटी देता है, जब तक वे किसी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में शामिल न हों या राष्ट्र को उसके परम वैभव के स्थान से गिराकर सत्ता हथियाने की महत्वाकांक्षाएं न पालें।

उधर पूर्वी बंगाल में पाकिस्तान हिंदुओं पर अमानवीय अत्याचार कर रहा था। फलत: हिन्दू वहां से पलायन कर भारत में शरणार्थी के रूप में आ रहे थे। ऐसी परिस्थितियों से व्यथित डॉ. मुखर्जी को केन्द्रीय मंत्री की आरामदेह कुर्सी रास आ भी कैसे सकती थी। 19 अप्रैल 1950 को उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद ऐसे राजनीतिक दल की तलाश में लगे जो उनके उपरोक्त विचारों का झलकाता हो। कांग्रेस सांप्रदायिक तुष्टीकरण की ओर बढ़ रही थी, तो अन्य दल भी स्वार्थपरक राजनीति में लगे थे। ऐसे में डॉ. मुखर्जी ने अपने मन की पीड़ा अपने सुपरिचित रा.स्व.संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी के सामने व्यक्त की और समाधान मांगा।

इसमें से भारतीय जनसंघ का विचार फलीभूत हुआ। रा.स्व.संघ और प्रस्तावित दल के संबंधों के बारे में मूलभूत बातों पर सहमति के बाद, दूसरा विचारणीय विषय उस आदर्शवाद के बारे में था, जिसके प्रति दल समर्पित रहने वाला था। जहां तक रा.स्व. संघ का संबंध है, इसका निश्चित सुविचारित आदर्श और कार्यपद्धति है।

 

डॉ. मुखर्जी संघ के हिंदू राष्ट्र के विचार से प्रभावित और पूर्ण सहमत थे। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र को उसके पूर्ण गौरव के साथ पुन: प्रतिष्ठित करने का विचार लोकतांत्रिक राज्य की आधुनिक अवधारणा से बेमेल नहीं है। हिंदू राष्ट्र गैर-हिन्दू समुदायों को भी राष्ट्र जीवन में तब तक पूर्ण नागरिक स्वतंत्रता और राजनीतिक, पांथिक और सांस्कृतिक समानता की गारंटी देता है, जब तक वे किसी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि में शामिल न हों या राष्ट्र को उसके परम वैभव के स्थान से गिराकर सत्ता हथियाने की महत्वाकांक्षाएं न पालें।

भारतीय जनसंघ का विचार फलीभूत हुआ। रा.स्व.संघ और प्रस्तावित दल के संबंधों के बारे में मूलभूत बातों पर सहमति के बाद, दूसरा विचारणीय विषय उस आदर्शवाद के बारे में था, जिसके प्रति दल समर्पित रहने वाला था। जहां तक रा.स्व. संघ का संबंध है, इसका निश्चित सुविचारित आदर्श और कार्यपद्धति है।

इस प्रकार पूर्ण सहमति होने पर श्रीगुरुजी ने अपने कुछ दृढ़ निश्चयी और कसौटी पर परखे सहयोगियों को चुना जो नए राजनीतिक दल के गठन का गुरुतर दायित्व निस्वार्थ और अचल निष्ठा से निभा सकते थे। श्रीगुरुजी ने एकात्म मानवदर्शन के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय और कुछ अन्य कार्यकतार्ओं से डॉ. मुखर्जी का इस हेतु सहयोग करने को कहा। इस प्रकार डॉ. मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय ने 21 अक्तूबर 1951 को राजधानी दिल्ली में भारतीय जनसंघ नामक राष्ट्रीय राजनीति दल की नींव डाली और आगे चलकर श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भैरोंसिंह शेखावत, लालकृष्ण आडवाणी सरीखे एक से एक निष्ठावान कार्यकतार्ओं की मालिका तैयार होती गई।

भारतीय जनसंघ ने 1952 में दीपक चुनाव चिन्ह और 94 उम्मीदवारों के साथ लोकसभा का अपना पहला चुनाव लड़ा और संसद में तीन राष्ट्रनिष्ठ सांसद भेजे। पहले चुनाव में जीतने वाले थे, कोलकाता दक्षिण पूर्व सीट से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मिदनापुर—झारग्राम सीट से दुर्गा चरण बनर्जी और चित्तौड़, राजस्थान से उमाशंकर त्रिवेदी। 1952 के बाद से यमुना में बहुत पानी बह चुका है। आज 2023 में केन्द्र में भारतीय जनसंघ के परिवर्तित स्वरूप भारतीय जनता पार्टी बहुमत के साथ अन्य दलों से गठबंधन करके 2014 से ही राजग की सरकार चला रही है।

Topics: रा.स्व.संघSarsanghchalak Shri GurujiSanghपाकिस्तान हिंदुभारतीय जनसंघ का विचारसरसंघचालक श्री गुरुजीडॉ. मुखर्जी संघ के हिंदू राष्ट्र के विचारBharatiya Jan Sangh's ideaDr. Mukherjee Sangh's idea of Hindu Rashtraजम्मू-कश्मीर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मुरुगा भक्त सम्मेलन में शामिल हुए भक्त

संगठित हिन्दू शक्ति का दर्शन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नूतन पर्व

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबल आतंकियों की हर गतिविधि पर रख रहे हैं नजर (फाइल फोटो)

भारतीय सेना ने जैश की घुसपैठ की साजिश नाकाम की, दो आतंकी ढेर, गाइड को दबोचा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

बड़बोले ट्रंप

Pakistan Shahbaz Sharif Indus water treaty

भारत के इस एक्शन से पाकिस्तान में हाहाकार, जानें क्यों गिड़गिड़ा रहे शहबाज शरीफ?

आपातकाल : …और कुर्सी हिल गई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies