लव जिहाद: प्रेम का गोरखधंधा
आदित्य भारद्वाज
वर्ष 2009 में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘कुर्बान’ में नायक की भूमिका सैफ अली खान ने निभाई थी और नायिका के रूप में करीना कपूर थीं। फिल्म की कहानी कुछ इस तरह थी कि सैफ अली खान एक पढ़ा-लिखा मुसलमान आतंकी है जिसका मकसद अमरीका जाकर वहां बम धमाके करना है। इसके लिए उसे वीजा की जरूरत है। नायिका करीना कपूर एक कॉलेज में प्रोफेसर है और एक हिन्दू लड़की है। कुछ दिनों बाद उसे अमरीका के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए जाना होता है। नायक अपने मकसद को पूरा करने के लिए करीना क पूर से दोस्ती करता है और प्रेमजाल में फंसाकर उससे शादी कर लेता है ताकि उसे अमरीका का वीजा मिल जाए। वह अपने मंसूबों में कामयाब हो जाता है। कुछ दिनों बाद नायिका को वास्तविकता का पता लगता है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
इसी तरह वर्ष 2003 में मनीषा कोइराला की भी एक फिल्म आई थी ‘ऐसकेप फ्रॉम तालिबान’। इसमें नायिका अफगानिस्तान के एक युवक से प्यार करती है और अपने परिजनों के विरोध के बाद भी उससे शादी कर अफगानिस्तान चली जाती है। वहां जाकर उसे पता चलता है कि जिस युवक से उसने शादी की है वह पहले से शादीशुदा है और उसकी और भी दो पत्नियां हैं। फिर शुरू होता है तालिबानी आतंक में प्रताड़नाओं का दौर। एक आजाद और स्वछंद माहौल में जीवन जीने वाली हिन्दू लड़की का कट्टर सोच वाले मुल्लाओं के साथ संघर्ष। ये तो हुई फिल्मों की बात जिनका अंत हमेशा अच्छा ही होता है आखिर फिल्म निदेशक को लोगों को एक संदेश भी देना होता है। देशभर के विभिन्न राज्यों में लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं। निशानेबाजी में उभरती हुई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तारा शाहदेव का प्रकरण सामने आने पर इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई। कैसे एक प्रतिभावान खिलाड़ी को उसके पति रंजीत उर्फ रकीबुल ने पहले उससे स्वयं को हिन्दू बताकर शादी की और बाद में मतांतरण करने के लिए उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाएं दीं। मामला हाईप्रोफाइल था, संज्ञान में आते ही पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई। तत्काल कार्रवाई की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। लव जिहाद का शिकार हुई उस तारा के दिल पर क्या गुजरा उसे शब्दों के माध्यम से नहीं बताया जा सकता है। आपबीती को वही अच्छी तरह से जानती है।
यदि लव जिहाद का शिकार हुई लड़कियों से पूछा जाए कि वह कैसा जीवन जी रही हैं तो उनका जवाब होगा ‘नर्क से भी बदतर’ लव जिहाद की शिकार हुई जो लड़कियां किसी तरह उनके चंगुल से बच निकलती हैं तो उनके लिए भी समाज में सम्मानपूर्वक जीना दुश्वारियों भरा होता है।
देश की राजधानी दिल्ली के कुछ ऐसे ही मामलों की हमने पड़ताल की। जिनमें लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया है।
हाल ही में दिल्ली के उस्मानपुर थाना इलाके में एक मुसलमान युवक ने हिन्दू लड़की को बहला-फुसलाकर उससे शादी कर ली। लड़की इस्लाम नहीं अपनाना चाहती थी, लेकिन कट्टर मजहबी परिवार को यह रास नहीं आया तो उन्होंने लड़की के ऊपर अत्याचार शुरू कर दिए। उसे जबरन मांस खिलाया गया और उसका मतांतरण करवाकर उसका नाम बदल दिया गया। न्यायालय में भी उसने वही बयान दिया जो लड़के के परिजन चाहते थे। 17 सितंबर को लड़की उनके चंगुल से निकल भागी। वह अपने परिजनों के पास पहुंची और वहां से थाने। जाकर उसने पुलिस को आपबीती सुनाई। लड़की का कहना था कि उसे कई-कई दिनों तक भूखा एक कमरे में बंद करके रखा गया था। उसे मानसिक तौर पर प्रताडि़त करने के लिए हिन्दू देवी-देवताओं को अपशब्द कहे जाते थे। इस मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है कि क्योंकि कानूनी तौर पर लड़की की मुस्लिम लड़के से शादी हो चुकी है और वह न्यायालय में भी लड़के के पक्ष में बयान भी दे चुकी है। शर्मिंदगी की वजह से लड़की के परिजन उसे लेकर अपना घर छोड़कर किसी दूसरी जगह चले गए हैं।
दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 33 वर्षीय मोहम्मद सलीम नामक व्यक्ति पड़ोस में रहने वाली 13 वर्षीय एक हिन्दू छात्रा को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। अजमेर ले जाकर उसने मुस्लिम रीति-रिवाजों से विवाह किया और उसका मतांतरण करवाकर नाम भी बदलवा दिया। किशोरी अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उसके परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया। स्थानीय लोगों के संज्ञान में जब मामला आया तो उन्होंने पुलिस पर दबाव बनाया। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और गत 19 सितंबर को दोनों को द्वारका से बरामद कर लिया। चंूकि लड़की नाबालिग थी, इसलिए आरोपी पर बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया। किशोरी को न्यायालय के निर्देशों के अनुसार उसके परिजनों को सौंप दिया गया। किशोरी के परिजन इस बात से इतना आहत हैं कि अपना घर बेचकर जाना चाहते हैं ताकि उनकी बच्ची इस सदमे से उबर सके।
गोकुलपुरी थाना क्षेत्र में रहने वाला इमरान नामक युवक गत 26 अगस्त को उसके पड़ोस में रहने वाली नाबालिग हिन्दू लड़की को लेकर फरार है। लड़की के परिजनों ने रपट दर्ज करा दी है। अभी तक इस सम्बंध में प्र्रगति नहीं हुई है। लड़की के परिजनों का कहना है कि एक बार उनकी बेटी मिल जाए तो वे दिल्ली छोड़कर अपने गांव चले जाएंगे।
ये पांच मामले तो केवल वे हैं जिनमें पीडि़त हिन्दू महिला या लड़की ने पुलिस से शिकायत करने की हिम्मत जुटाई है, वरना दिल्ली की बात तो छोडि़ए देश भर में लव जिहाद के अनेक मामलों की शिकार हुई लड़कियां समाज के सामने बदनामी के डर से सच्चाई उजागर करने का साहस नहीं जुटा पाती हैं। हिन्दू लड़कियों से हिन्दू बनकर दोस्ती करने वाले मजहबी उन्मादी मुस्लिम युवक एक मिशन के तहत इसे अंजाम दे रहे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए अब जरूरी हो गया है कि हिन्दू लड़कियां न केवल इनके बहकावे में आने से बचें, बल्कि इनका शिकार होने वाली महिलाएं कानून की मदद लेकर उन्हें सलाखों के पीछे पहंुचाएं।
ख्याला इलाके में 22 वर्षीय एक तलाकशुदा महिला अपने तीन वर्षीय बच्चे के साथ बहन के घर रहने आई थी। वह नौकरी की तलाश में थी तो उसकी बहन के घर आने जाने वाले एक मुस्लिम दंपती ने उसकी चार हजार रुपए महीना की नौकरी लगवा दी। महिला किराए पर कमरा लेकर अलग रहने लगी। इस बीच नौकरी दिलवाने वाले हामिद ने उसके घर आना जाना शुरू कर दिया। एक दिन उसने महिला के साथ बलात्कार किया। महिला ने जब विरोध किया तो उसने बचने के लिए महिला को शादी करने का प्रस्ताव दिया। यह भी आश्वासन दिया कि यदि वह मतांतरण कर उससे शादी कर लेगी तो वह उसके बेटे के नाम कुछ संपत्ति भी कर देगा। मजबूरी में महिला ने उसके साथ शादी कर ली। शादी के बाद एक महीने तक हामिद ने महिला को बतौर पत्नी की तरह अपने साथ रखा और बाद में अचानक छोड़कर भाग गया। महिला हामिद को तलाशते हुए उसकी पहली पत्नी के पास पहुंची तो उसे वहां से मारपीट कर भगा दिया गया। इस सम्बंध में गत छह सितंबर को महिला की ओर से थाने में शिकायत की गई। लोगों के दबाव के बाद पुलिस ने गत 24 सितंबर की देर रात दो बजे इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
होटल में छापे के दौरान मुस्लिम लड़कों के साथ मिली थीं हिंदू लड़कियां
गाजियाबाद के रेलवे रोड बजरिया स्थित होटल गोपाल प्लाजा में छापा मारा गया। मुखबिर की सूचना पर मारे गए इस छापे के दौरान पुलिस ने करीब 56 जोड़ों को पकड़ा था। इनमें से सात जोड़े शादीशुदा थे। पुलिस सभी को थाने लेकर आई तो जोड़ों में से अधिकांश दिल्ली के थे। ज्यादातर लड़कियां कॉलेज जाने वाली छात्राएं थीं। बाद में पुलिस ने उनके परिजनों को बुलाकर सबको समझाकर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक करीब 40 लड़कियां हिंदू परिवारों की थीं, जिन्हें मुस्लिम लड़के वहां लेकर गए थे। पुलिसिया जांच में यह भी सामने आया था कि होटल में कई कमरे फर्जी पहचान पत्रों के आधार पर बुक किए गए थे। हालांकि जब हमने इस संबंध में पुलिस से जानकारी लेनी चाहिए तो उसने सिर्फ छापा मारने तक की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने क्या कार्रवाई की इस संबंध में पुलिस ने कुछ नहीं बताया।
हमारे संज्ञान में एक दर्जन से अधिक ‘लव जिहाद’ के प्रकरण लाए गए हैं, जिनमें दर्जनभर की तो एफआईआर हो चुकी है। पूरी दिल्ली में अब ‘लव जिहाद’ का अभियान फैलता दिख रहा है। यह उन्मादियों को योजनाबद्ध जिहाद का सरल तरीका लगता है। प्रभावशाली तारा शाहदेव की तरह बाकी लड़कियों की कहीं सुनवाई नहीं होती, उनके माता-पिता अपनी बच्चियों को बचाने की गुहार लगाते हैं। दिल्ली में लव जिहाद का एक व्यवस्थित नेटवर्क है, पढ़े-लिखे मुसलमान युवक नाम बदलकर हिन्दुओं से कमरे किराए पर लेकर ऐसे घृणित कार्य कर रहे हैं। विहिप जल्दी ही इस गंभीर प्रकरण पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर प्राथमिकी दर्ज हुए प्रकरणों की ठोस जांच की मांग करेगी।
-रामकृष्ण श्रीवास्तव
महामंत्री इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद
‘तालिबान मुसलमानों के दुश्मन हैं और तालिबानी मानसिकता ने पूरी दुनिया में इस्लाम के नाम पर सिर्फ दहशत फैलाने का काम किया है। लव जेहाद भी उसी मानसिकता से प्रेरित है, जिहाद से निपटने का सबसे सटीक तरीका है कि इसमें पड़े मुसलमानों को मुसलमान ही न माना जाए़ ऐसे मुसलमानों के साथ किसी भी प्रकार का रहम नहीं किया जाना चाहिए। बच्चों के झगड़े से भारतमाता कभी खुश नहीं होती। आपसी एकता होगी तड्टाी देश में विकास की धारा बहेगी। किसी भी परिस्थिति में शिक्षा हासिल करनी चाहिए। तालीम ही अच्छी और खराब चीजों की पहचान कराती है।’
-मौलाना कल्बे सादिक
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष
(4 अक्टूबर 2014 को प्रकाशित, लेख में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है)
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