मथुरा। श्री कृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह प्रकरण को लेकर मथुरा कोर्ट में एक और केस दायर किया गया है। आगरा के पूर्व शासकीय अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार गुप्ता की ओर से दायर वाद में कहा गया है कि जिस जगह को विवादित कहा जाता है, वह हमारे गर्भग्रह का हिस्सा है और यहां पर पूजा करने का अधिकार हिन्दू समाज को है। उन्होंने मजबूत तर्कों के साथ दो नक्शे भी कोर्ट को सौंपे हैं।
वाद दायर करने वाले याचिकाकर्ता सुरेंद्र गुप्ता ने मीडिया को बताया कि उनका दावा अन्य दावों से बिल्कुल अलग है। सम्बंधित भवन अपने आप में साक्ष्य पेश करता है। इसकी दीवारों पर हिंदू प्रतीक चिह्न हैं और यह भवन भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर का हिस्सा है। मुगल शासन के दौरान दरबारी ने खुद लिखा था कि औरंगजेब ने आदेश दिया है कि इस मंदिर को तोड़ दिया जाए। मंदिर उस समय बहुत भव्य था। इतिहास में यह बात साफ तौर पर दर्ज है कि मंदिर 250 फीट यानी 25 मंजिल ऊंचा था और उस समय बड़ा आश्चर्य था। यह हर तरह से यह बात साबित होती है कि यह भवन मंदिर का ही हिस्सा है। दायर वाद में इन सभी बातों का जिक्र किया गया है।
भगवान श्री कृष्ण (ठाकुर केशव देव विराजमान श्री कृष्ण जन्मस्थान), स्थान श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा, विजय नगर कॉलोनी, आगरा निवासी सुरेंद्र कुमार गुप्ता, कोतवाली रोड, मथुरा निवासी प्रदीप श्रीवास्तव और लोहवन निवासी महावीर शर्मा की ओर से दायर वाद में दो नक्शे लगाये गये हैं। नक्शा-1 में पूरे परिसर को दिखाया गया है, जिसमें वह स्थल भी है, जिस पर मंदिर का होने का दावा किया गया। नक्शे में केशव वाटिका, कृष्ण कूप, गोविंद द्वार गेट नंबर-1, मंदिर गिर्राज महाराज, केशव गोशाला, भागवत भवन, लीला मंच, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, योग माया मंदिर, योग माया वाटिका, कन्हैया वाटिका दिखाते हुए उस स्थल को अवैध ढांचा दिखाया गया है, जहां मस्जिद बनी हुई है। नक्शे में गर्भगृह दिखाते हुए इसका दरवाजा बंद दर्शाया गया है। नक्शा-2 में गर्भगृह के पार्ट को बड़ा कर दिखाया है।
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण को लेकर मथुरा न्यायालय में दायर सभी वाद प्रयागराज हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। इस मामले में जिला अदालत में कई वाद दायर किए गए थे। इन सभी वादों में 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने और पूर्व में हुई डिक्री को समाप्त करने की मांग की गई थी। इसके साथ ही विवादित स्थल का आर्किलॉजिकल सर्वे कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र भी दिया गया था। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सर्वेच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज तलब किए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तिथि नियत है।
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