शरीर में सामान्य से अधिक जमा वसा को मोटापा कहा जाता है। यह किसी भी उम्र में देखने को मिलता है। सामान्यत: प्रौढ़ अवस्था में 35 की उम्र के बाद यह ज्यादा देखने में आता है।
मोटापा आज की सबसे गंभीर समस्या है। विज्ञान की प्रगति के कारण हमारे रोजमर्रा के काम आसान हो गये हैं लेकिन इससे उपजी आधुनिकता का एक खराब असर है मोटापा। शरीर में सामान्य से अधिक जमा वसा को मोटापा कहा जाता है। यह किसी भी उम्र में देखने को मिलता है। सामान्यत: प्रौढ़ अवस्था में 35 की उम्र के बाद यह ज्यादा देखने में आता है।
मोटापे से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बढ़ा हुआ वजन अनेक शारीरिक तथा मानसिक बीमारियों को आमंत्रित करता है। वजन बढ़ने पर सामान्यतया मधुमेह, उच्च रक्तचाप, लीवर की बीमारियां हो सकती हैं। वजन बढ़ने के साथ आत्मग्लानि तथा नकारात्मक विचार आना सामान्य बात है।
शरीर का वजन सामान्य से अधिक होने के कई कारण हो सकते हैं। कोई बीमारी, शरीर में हॉर्मोन में गड़बड़ी होना, शारीरिक गतिविधि का अभाव, खानपान संबंधित ज्ञान का अभाव, इसके सामान्य कारण हो सकते हैं। मोटापे का एक बहुत बड़ा कारण पाश्चात्य सभ्यता का हम पर हावी होना भी है।
हमें कम कैलोरी के भोजन, जिसमें रेशे ज्यादा हों तथा प्रोटीन की मात्रा अधिक हो, का सेवन करना चाहिए। इसमें सलाद तथा फलों को अच्छी मात्रा में लें। सब्जी तथा दालों को रोज के खाने में शामिल करें। मौसमी फल चबा-चबाकर खाएं। मीठी चीजें, ज्यादा नमक वाले पदार्थ, मैदा या बारीक आटे से बने पदार्थों से बचें। पीने के पानी की मात्रा बढ़ाएं।
पाश्चात्य देशों के तथा हमारे जलवायु व वातावरण में बहुत भिन्नताएं हैं। हमें हमेशा अपने वातावरण तथा जलवायु के हिसाब से ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। किसी वस्तु का बाजारीकरण भी मोटापे को आमंत्रित करता है। आपको दिखायी जाने वाली प्रत्येक वस्तु आपकी सेहत के लिए अच्छी हो, ये जरूरी नहीं है। इसलिए कभी भी कोई नयी चीज भोजन में शामिल करते समय सोच-विचार कर, बुद्धि का उपयोग करके ही उसे रोज के भोजन में शामिल करना चाहिए।
अब सबसे बड़ा प्रश्न आता है, बढ़े हुए वजन को कम कैसे किया जाए। वजन यदि आपकी लापरवाही से बढ़ा है तो यह आपके समय तथा ध्यान देने से ही कम हो सकेगा। शरीर का वजन एक दिन में बढ़ने वाली क्रिया नहीं है, अपितु इसे बढ़ाने में एक मुख्य भूमिका रोज के भोजन में आवश्यकता से अधिक कैलोरी के लंबे समय तक सेवन की है। बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर को आवश्यक ऊर्जा की मात्रा में कमी होने लगती है। इस समय हमारी शारीरिक क्रियाएं या नियमित व्यायाम भी नहीं हो पाता। परिणामस्वरूप वह फालतू कैलोरी शरीर में वसा के रूप मे जमा होने लगती है और धीरे-धीरे मोटापे में परिवर्तित हो जाती है।
मोटापे से व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बढ़ा हुआ वजन अनेक शारीरिक तथा मानसिक बीमारियों को आमंत्रित करता है। वजन बढ़ने पर सामान्यतया मधुमेह, उच्च रक्तचाप, लीवर की बीमारियां हो सकती हैं। वजन बढ़ने के साथ आत्मग्लानि तथा नकारात्मक विचार आना सामान्य बात है।
मोटापे को कम करने के लिए दिन में तीन-चार घंटे के अंतराल में कम मात्रा में खाद्य वस्तुओं का सेवन करना चाहिए। दिन के भोजन में से 500 कैलोरी की मात्रा घटाने की कोशिश करनी चाहिए। हमारे पूर्वजों की दिनचर्या के हिसाब से हम यदि दिन में दो बार भरपेट भोजन करें तो शायद मोटापा जल्दी आ सकता है। पहले के लोगों में शारीरिक क्रियाएं अधिक थीं, परंतु अभी हम कम शारीरिक क्रियाएं करते हैं, फलस्वरूप यदि ऐसी दिनचर्या रहे तो मोटापा आने की संभावना होती है।
हमें कम कैलोरी के भोजन, जिसमें रेशे ज्यादा हों तथा प्रोटीन की मात्रा अधिक हो, का सेवन करना चाहिए। इसमें सलाद तथा फलों को अच्छी मात्रा में लें। सब्जी तथा दालों को रोज के खाने में शामिल करें। मौसमी फल चबा-चबाकर खाएं। मीठी चीजें, ज्यादा नमक वाले पदार्थ, मैदा या बारीक आटे से बने पदार्थों से बचें। पीने के पानी की मात्रा बढ़ाएं।
मोटापा एक गंभीर समस्या है। एक ओर दिन के भोजन में कैलोरी की मात्रा को घटाकर तो दूसरी ओर शारीरिक व्यायाम को बढ़ाकर इससे निजात पाई जा सकती है।
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