हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा अब शांत होने लगी है। इस बीच तीन जिलों- रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर की 50 से ज्यादा पंचायतों का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात कही गई है। सरपंचों द्वारा साइन किए गए इन पत्रों में कहा गया है कि गांवों में रहने वाले मुसलमानों को पुलिस के पास पहचान से संबंधित दस्तावेजों को भी जमा कराना होगा। पत्र में यह भी कहा गया है कि हमारा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।
नारनौल (महेंद्रगढ़) के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें पत्रों की भौतिक प्रतियां (फिजिकल कॉपी) नहीं मिली हैं, उन्होंने उन पत्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से देखा है, जिसके बाद ब्लॉक कार्यालय से सभी पंचायतों को कारण बताओ नोटिस भेजने को कहा गया है।
उप-विभागीय मजिस्ट्रेट मनोज कुमार ने बताया कि इस तरह से पत्र जारी करना कानून के खिलाफ है। हालांकि हमें पंचायतों की तरफ से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। इनके बारे में मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि इन गांवों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी दो प्रतिशत भी नहीं है। हर कोई सद्भाव के साथ रहता है। पत्र क्यों जारी किया गया ? इस सवाल पर महेंद्रगढ़ के सैदपुर के सरपंच ने बताया कि नूंह हिंसा अभी भड़की है, लेकिन गांव में पिछले माह जुलाई में चोरी के कई केस दर्ज किए गए थे।
सरपंच विकास का कहना है कि सारी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं उसी समय से घटित होने लगीं जबसे बाहरी लोग हमारे गांवों में दाखिल होने लगे। उन्होंने कहा कि नूंह झड़प के ठीक बाद, हमने एक अगस्त को पंचायत की थी और शांति बनाए रखने के लिए उन्हें अपने गांवों के अंदर प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि जब उनके कानूनी सलाहकार ने उन्हें बताया था कि धर्म के आधार पर किसी समुदाय को अलग करना कानून के खिलाफ होता है, तो उन्होंने पत्र को वापस ले लिया था। विकास का कहना है कि उन्होंने पत्र वापस ले लिया था। उन्हें नहीं पता कि यह पत्र सोशल मीडिया पर कैसे प्रसारित होने लगा।
सरपंच द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सैदपुर पत्र जारी करने वाला पहला गांव था और बाद में अन्य लोगों ने उसका अनुसरण किया था। उन्होंने बताया कि महेंद्रगढ़ के अटाली ब्लॉक से करीब 35 पत्र जारी किए गए थे। बाकी झज्जर और रेवाड़ी से जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि पड़ोसी गांव ताजपुर के रहने वाले ने पत्र जारी करने के लिए नूंह में हिंसा की खबर और मजबूत लोगों द्वारा उकसाने का हवाला दिया था। उन्होंने बताया कि हमें यहां किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।
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