नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को दिल्ली की कोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है। टाइटलर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईपीसी की धारा 302 के तहत भी पहले ही केस दर्ज किया था। अब आरोप-पत्र में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। इसमें यह भी आरोप है कि जगदीश टाइटलर ने भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया था। उनकी दुकानें भी लूटने के लिए कहा था। चार्जशीट में प्रत्यक्षदर्शी का बयान है। टाइटलर पर दिल्ली के पुल बंगश इलाके में सिखों की हत्या का आरोप है।
चार्जशीट में कहा गया है कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था। इससे सिखों की हत्या हुई और उनकी दुकानें लूटी गईं। केंद्रीय एजेंसी ने आरोप-पत्र में कहा कि प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, कांग्रेस नेता टाइटलर अपनी सफेद एम्बेसडर कार से बाहर आए और भीड़ को पहले सिखों को मारने के लिए उकसाया और फिर उनसे उनकी दुकानें लूटने के लिए कहा। सीबीआई की चार्जशीट में जगदीश टाइटलर के ड्राइवर के बेटे का बयान भी शामिल है। इसके पर्याप्त साक्ष्य हैं कि जगदीश टाइटलर दंगा करने वाली गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा था, जो गुरुद्वारा पुल बंगश के पास इकट्ठा हुई थी।
31 अक्टूबर, 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 20 मई को टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इसके बाद पूरक चार्जशीट दाखिल हुई। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश इलाके में हुई हत्याओं के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की जमानत याचिका स्वीकार कर ली। राउज एवेन्यू कोर्ट की सत्र अदालत ने शुक्रवार को मामले में जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। अदालत ने सीबीआई को जगदीश टाइटलर को एक आरोप पत्र देने का भी निर्देश दिया। मामले की सुनवाई 11 अगस्त को होगी। जगदीश टाइटलर ने 19 में पुल बंगश इलाके में हुई हत्याओं के मामले में मंगलवार को दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
सिखों ने किया प्रदर्शन
शनिवार को जब अदालत में कार्यवाही चल रही थी, तब दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के सदस्यों ने टाइटलर को जमानत देने के फैसले के खिलाफ अदालत के बाहर धरना दिया और उसके खिलाफ नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों ने जगदीश टाइटलर को दी गई जमानत रद्द करने और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान, सुरक्षा कारणों से अदालत कक्ष का प्रवेश द्वार बंद किए जाने के बाद अदालत के बाहर डीएसजीएमसी के सदस्यों और दिल्ली पुलिस कर्मियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।
ये भी पढ़ें
84 सिख विरोधी दंगा: जगदीश टाइटलर के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट को कोर्ट ने दी मंजूरी
टिप्पणियाँ