नूंह-मेवात हिंसा पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज स्पष्ट शब्दों में कहते हैं कि हिंसा में शामिल दंगाइयों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। इसके पीछे गंभीर साजिश है लेकिन सरकार किसी की साजिश को सफल नहीं होने देगी। गंभीरता से जांच की जा रही है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। तथ्यों के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पाञ्चजन्य के विशेष संवाददाता अश्वनी मिश्र ने मेवात हिंसा पर अनिल विज से विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के संपादित अंश –
हाल की नूंह-मेवात में हिन्दुओं पर हुए हमले पर आप क्या कहना चाहेंगे?
यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। एक सोची-समझी साजिश के तहत हिंसा को अंजाम दिया गया। इसलिए मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं कि जिन तत्वों की भी इस घटना में संलिप्तता होगी, उन्हें नहीं छोड़ेंगे। पुलिस पूरी गंभीरता से जांच कर रही है। हम तथ्यों के आधार पर एक-एक व्यक्ति को चिह्नित कर रहे हैं। 83 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं, 165 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और यह कार्रवाई लगातार चल रही है। एक-एक चीज की जांच की जा रही है। जो भी वीडियो वायरल हो रहे हैं, उन्हें एकत्र करके उनकी भी जांच कर रहे हैं। इसलिए मैं कहता हूं कि जो भी दोषी होंगे, हमारी सरकार उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देगी।
मेवात हिंसा पर प्रियंका वाड्रा ने कहा है कि यह बांटो और राज करो की नीति का परिणाम है। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
यह चुनावी बयान है। इसीकांग्रेस ने ऐसे ही तरीकों से देश का बंटवारा कराया था।
क्या आपको लगता है कि यह घटना 2024 के चुनाव की पूर्व तैयारी का हिस्सा है?
बिल्कुल हो सकती है। एक वर्ग है, जो चुनाव आते ही देश में जहरीली खेती करता है, लेकिन सरकार हमारी है और हम किसी साजिश को सफल नहीं होने देंगे।
क्या नूंह की हिंसा को खुफिया तंत्र की नाकामी माना जाए? जब पहले से मालूम था कि ब्रजमंडल यात्रा निकलेगी तो प्रशासन ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए?
देखिए, नूंह-मेवात में जो भी घटना घटी है, वह साजिशपूर्ण है। एक बडे भाग में पत्थरबाजी होना, गोलियां चलना, यह किसी गहरे षड्यंत्र की ओर संकेत करता है। जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें अराजक तत्व पूरी तैयारी के साथ दिखाई दे रहे हैं। उनके हाथ में डंडे और धारदार हथियार हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि यह सब अचानक से एकत्र कर लिए गए हों। इसलिए हम इसकी विस्तृत जांच कर रहे हैं, जिसमें कुछ नाम सामने आ रहे हैं। हम तथ्य जुटा रहे हैं और उसी के आधार पर कार्रवाई करेंगे। कोई इस मुगालते में न रहे कि वह छूट जाएगा।
‘‘हरियाणा में गो-हत्या निरोधक कानून है। हमने इसे सख्ती से लागू किया है। हम गो-तस्करी और गो-हत्या के खिलाफ हैं। अगर कोई ऐसा करने की सोचता भी है, तो मेरी सलाह है कि वह इसे छोड़ दे। ’’
गुरुग्राम और उसके आसपास के इलाकों-नूंह, पुन्हाना, सोहना में जनसांख्यिकी पूरी तरह बदल चुकी है। इन इलाकों को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहा जाने लगा है। क्या इन इलाकों को सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर मान लिया जाए, जहां पुलिस-प्रशासन का प्रवेश वर्जित हो जाता है?
ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यहां कोई भी आपराधिक घटनाक्रम होता है तो पुलिस अन्य क्षेत्रों की भांति इन इलाकों में भी उसी तरह से अपना काम करती है, जैसे राज्य के अन्य इलाकों में करती है। किसी की क्या मजाल जो पुलिस के काम में बाधा खड़ी करे। दूसरी बात, हमारी सरकार इन इलाकों में अपने कार्यक्रम चलाती है। हमारी पहुंच हर जगह है, इसलिए यह कहना कि इन इलाकों में पुलिस की पहुंच नहीं है या प्रवेश वर्जित है, यह उचित नहीं होगा।
नूंह-मेवात का बड़ा क्षेत्र ऐसा था, जहां पुलिस प्रवेश नहीं कर सकती थी। आपकी सरकार आने के बाद इस स्थिति में क्या परिवर्तन आया है?
अब कहीं भी कोई पुलिस को रोकने की हिमाकत नहीं कर सकता है। किसी की मां ने ऐसा दूध नहीं पिलाया कि पुलिस को इन इलाकों में जाने से रोक दे। इतनी ताकत किसी की नहीं हुई है, वह चाहे कोई भी हो। हमारी पुलिस इन इलाकों में खूब कार्रवाई करती है। हम किसी भी तरह का अपराध सहन करने वाले नहीं हैं।
कांग्रेस के विधायक मम्मन खान ने विधानसभा में चुनौती दी कि मोनू यादव मानेसर मेवात आएगा तो गंभीर परिणाम होंगे। क्या सरकार ने इस धमकी का संज्ञान लिया?
देखिए, उन्होंने विधानसभा में जो भी बात कही थी, उसका उन्हें वहीं जवाब दे दिया गया था। राज्य में कानून का शासन है। कोई गलत है, अपराधी है, तो कानून-पुलिस अपना काम करेगी। अन्य कोई भी धमकी न दे।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि आयोजकों ने ब्रजमंडल यात्रा की अनुमति नहीं ली थी। इसमें कितनी सचाई है?
यह बात सही नहीं है। बाकायदा डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर इसकी अनुमति मांगी गई थी और आयोजकों को इसकी अनुमति दी गई थी। चूंकि यह यात्रा हर वर्ष निकलती है, तो किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसी घटना हो जाएगी। हर वर्ष जो सुरक्षा-इंतजाम किए जाते थे, इस वर्ष भी किए गए थे। लेकिन इस वर्ष साजिशपूर्ण तरीके से हिंसा की गई।
कांग्रेस के ही एक अन्य मुस्लिम विधायक ने एक विवादित वीडियो को हिंसा का कारण बताया है। इस पर क्या कहेंगे?
ये लोग जिस मोनू मानेसर की बात कर रहे हैं, उस पर हरियाणा और राजस्थान में भी मामला दर्ज है। पुलिस लगातार उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है। राजस्थान की पुलिस उसे पकड़ ले, हमने तो उन्हें रोका नहीं है। दूसरी बात, यदि मान भी लें कि किसी अपराधी ने कोई वीडियो वायरल कर दी, तो इसका मतलब यह कि तुम हिंसा कराओगे? आग लगाओगे? लाठी-डंडे चलवाओगे? गोलियों की बौछारें करवाओगे? धार्मिक अनुष्ठान नहीं करने दोगे? आखिर इसका क्या मतलब निकलता है? क्या मोनू मानेसर की जगह मंदिर में माथा टेकने जाने वाले लोगों को मार दोगे? यह किस किताब में लिखा है, जो लोग ऐसी दलील दे रहे हैं? कांग्रेस के नेता ऐसी दलीलें देना बंद करें। वह गलत जगह यह सब कह रहे हैं। हरियाणा में कानून का राज है। हम कानून से राज चलाना और मनवाना भी जानते हैं। अगर किसी अपराधी ने कुछ किया है, तो पुलिस कानून सम्मत काम करेगी।
हिंसाग्रस्त इलाके में चुन-चुनकर हिंदुओं की दुकानों, मकानों और प्रतिष्ठानों को आग के हवाले किया गया, लूटा गया। खबर है कि पुलिस पीड़ित हिंदुओं की प्राथमिकी भी दर्ज नहीं कर रही है!
देखिए, सबसे पहले तो मैं यह बताना चाहूंगा कि जिन्होंने भी हिंसा की है, उन्हें किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। रही बात प्राथमिकी दर्ज करने की, तो मैंने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि पीड़ित की प्राथमिकी तुरंत लिखें। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसमें यदि किसी पुलिसकर्मी ने ढिलाई की या इसकी शिकायत मिली, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। यहां किसी को भी डरने-भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है। सभी को सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। प्रशासन की ओर से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त किए गए हैं। हमने सारे मेवात को आठ थानों में बांट कर आठ आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की है, जो हालात पर नजर रखेंगे।
इस हिंसा में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, क्या सरकार उन्हें उचित मुआवजा देगी?
निश्चित ही सरकार इनको उचित मुआवजा देगी। मुख्यमंत्री जी ने 2 अगस्त को ही क्षतिपूर्ति पोर्टल लॉन्च कर दिया है। हिंसा में जिसका भी नुकसान हुआ है, वह इस पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। जिन लोगों की मौत हुई है, इस पर भी हमारी सरकार बात करके जल्द ही मुआवजा तय करेगी।
दिल्ली से 100 किलोमीटर दूर मेवात इलाके में मध्ययुगीन इस्लामी कबीला बसता जा रहा है। इनके लिए चोरी-डकैती, साइबर ठगी, गाड़ी काटना, गोहत्या, कन्वर्जन, लव जिहाद जैसे अपराध आम हैं। इस अपराध के केंद्र को ठीक करने के लिए प्रशासन क्या कर रहा है?
निश्चित रूप से इस इलाके में अपराध बढे हैं। हमारे संज्ञान में सब कुछ है और हम इस पर काम भी कर रहे हैं। कुछ समय पहले हमने 5,000 पुलिसकर्मी लगाए थे। घर-घर तलाशी ली थी। इस दौरान कई एटीएम कार्ड, सिम कार्ड सहित बहुत सारे मोबाइल बरामद किए थे। तब हमने 200 से अधिक लोगों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल में डाला था। इसलिए यहां के अपराध पर हमारी नजर है। हाल की हिंसा में साइबर थाने पर जो हमला हुआ, हम उसकी इस एंगल से भी जांच कर रहे हैं कि कहीं साइबर ठगों ने पुलिस से बदला लेने के लिए तो थाने को निशाना नहीं बनाया। मैंने अधिकारियों को इसे ध्यान में रखकर जांच करने का निर्देश दिया है।
हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर लगातार फेक न्यूज फैलाई जा रही है। लेकिन इसे रोकने, फर्जी करार देने का कोई तंत्र दिखाई नहीं पड़ता है। क्या राज्य सरकार इस ओर संवेदनशील नहीं है?
ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार या हमारा प्रशासन सोशल मीडिया पर चलाई जा रही खबरों या फर्जी खबरों से अवगत नहीं है। मैं बताना चाहूंगा कि हमारा एक तंत्र है, जो सोशल मीडिया पर पूरी नजर बनाए हुए है। जो भी फेक न्यूज फैलाते पकड़े जाएंगे, उन पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। यह फेक न्यूज चाहे फेसबुक की हो, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप या फिर टेलीग्राम की। हम जांच कर रहे हैं कि यात्रा से पहले और बाद तक किस-किस ने फेक न्यूज फैलाई, भड़काऊ बयानबाजी की या अन्य कोई असामाजिक गतिविधि को अंजाम दिया। मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया पर कोई भी गलत बातें न बोलें। कोई उत्तेजनात्मक पोस्ट न डालें और न ही आगे बढ़ाएं।
माना जाता है कि मेवात में होने वाली गो-तस्करी की घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण पाने का प्रयास किया जाता तो संभवत: ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता था। क्या कहेंगे आप इस पर?
मैं बस इतना ही कहूंगा कि हरियाणा में गो-हत्या निरोधक कानून है। हमने इसे सख्ती से लागू किया है। हम गो-तस्करी और गो-हत्या के खिलाफ हैं। अगर कोई ऐसा करने की सोचता भी है, तो मेरी सलाह है कि वह इसे छोड़ दे।
देश के कुछ राज्यों में प्रशासन इतना चुस्त है कि घटना के अगले ही दिन बुलडोजर कार्रवाई हो जाती है। लेकिन हिंसा के बाद नूंह-मेवात में हिंदू पलायन को मजबूर नजर आ रहा है!
किसी को भी डरने या पलायन करने की जरूरत नहीं है। हम सभी को सुरक्षा देने में सक्षम हैं। रही बात कड़ी कार्रवाई की, तो मैंने कहा है कि कोई भी अपराधी नहीं छूटेगा। हमारा प्रशासन कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा और लगातार कर रहा है।
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