हरियाणा के नूंह में सोमवार (31 जुलाई) को ब्रज मंडल यात्रा के दौरान पथराव के बाद हिंसा और आगजनी से माहौल तनावपूर्ण है। मेवात के नूंह में भड़की हिंसा गुरुग्राम सहित आसपास के जिलों तक जा पहुंची। मुस्लिम लोगों की भीड़ ने ध्वज यात्रा पर पहले पथराव किया, फिर देखते ही देखते बेकाबू लोगों की भीड़ ने फायरिंग और गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
नूंह हिंसा में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है। करीब 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। नूंह, गुरुग्राम, पलवल जिले में तनाव बना हुआ है। बताया जा रहा है कि ध्वज यात्रा पर पहले से ही सुनियोजित हमले की तैयारी थी। इस बीच अब सोशल मीडिया पर ‘मुस्लिम विक्टिम’ का नैरेटिव गढ़ने के लिए फर्जी दावे किए जा रहे हैं।
ऐसे इसलिए क्योंकि नूंह की हिंसा को लेकर पहली अफवाह मोनू मानेसर को लेकर उड़ाई गई है। ऑपइंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोनू मानेसर के जिस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि वह पिछले साल का है और वह 31 जुलाई को नूंह में आयोजित हुई शोभायात्रा में मौजूद नहीं था।
वहीं इसके बाद दूसरा दावा गुरुग्राम की एक मस्जिद को कथित तौर पर आग लगाने और इमाम की हत्या को लेकर किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कथित मस्जिद के निर्माण पर कोर्ट की रोक लगी हुई है। इसी के साथ सोशल मीडिया पर गुरुग्राम की घटना के लिए अमित हिंदू और प्रवीण हिंदुस्तानी को जिम्मेवार ठहराया जा रहा है।
घटना गुरुग्राम के सेक्टर-57 की है। ऐसे सोशल मीडिया पर आरोपित किए गए अमित हिंदू और प्रवीण हिंदुस्तानी को लेकर ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार अमित हिंदू -प्रवीण हिंदुस्तानी नूंह उस वक्त जलाभिषेक यात्रा में शामिल थे, जहां इस्लामी भीड़ ने पथराव और हमला किया था। अमित हिंदू ने बताया कि सोमवार की रात करीब 2 से 2:30 बजे वे पुलिस सुरक्षा में गुरुग्राम पहुंचे थे।
ऑपइंडिया को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि प्रवीण और वह पुलिस की सुरक्षा में रात दो-ढाई बजे ही गुरुग्राम पहुंचे थे और गुरुग्राम में निर्माणाधीन मस्जिद को जलाए जाने से उनका कोई लेना-देना नहीं था। उनका कहना है कि फर्जी खबरें फैलाने वालों की जांच की जानी चाहिए और उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग करने को तैयार हैं और उन्होंने कोई गलती नहीं की है।
अमित हिंदू ने बताया कि इस्लामवादी उन्हें फंसाने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि वे हिंदुओं की सुरक्षा के लिए जमीन पर काम करते हैं। वे हिंदू लड़कियों को लव जिहाद से बचाते हैं। वे गो रक्षा के लिए काम करते हैं। जब हिंदुओं को प्रताड़ित किया जाता है तो वे उनके साथ खड़े रहते हैं। उन्होंने अपने और प्रवीण हिंदुस्तानी के खिलाफ फर्जी खबर फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की माग भी की है।
उन्होंने कहा कि इस फर्जी खबर की वजह से शहर में और अशांति फैल सकती है। अमित ने बताया कि नूहं में हुए हमले के दौरान उनके घुटनों में चोट भी आई है। इस दौरान उनकी आंखों में लाल मिर्च भीडाली गई थी। उन्होंने मस्जिद जलाने की घटना के पीछे साजिश की आशंका जताई है और कहा कि उन्हें इसमें जलाभिषेक यात्रा में शामिल हिंदुओं की संलिप्तता को लेकर संदेह है।
प्रवीण हिंदुस्तानी ने भी बताया कि फर्जी तरीके से गुरुग्राम की घटना में उनका और अमित का नाम जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि 31 जुलाई रात वो पुलिस लाइन नूहं में थे। लगभग 2 बजे के आस-पास गुरुग्राम पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमें इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता था। कुछ लोग टि्वटर पर फेक न्यूज चलाकर, नूहं दंगा की फोटो लगाकर, हमें गुरुग्राम में बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। जो बहुत गहरा षडयंत्र है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन को फेक खबर चलाने के आरोप में इन सभी पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
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