नई दिल्ली : पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से सामने आए भयानक वी़डियो की जांच एक तरफ जहां सीबीआई ने तेज कर दी है तो अब वायरल वीडियो मामले में दोनों पीड़ित महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले में सुनवाई कर रही हैं। मणिपुर की दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं। वहीं, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है। हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
मणिपुर वायरल वीडियो मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए, कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद यह मामला सामने आया है, लेकिन यह एकमात्र घटना नहीं है, जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया है। अन्य महिलाएं भी हैं।
कोर्ट ने पूछा 3 मई के बाद से कितनी FIR हुई दर्ज ?
सीजेआई ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए हमें एक व्यवस्था भी बनानी होगा। इस व्यवस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि 3 मई के बाद से जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, ऐसी कितनी एफआईआर दर्ज की गईं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा उसके बाद कार्यवाही के सही तरीके पर फैसला करेगा। कोर्ट ने कहा कि अभी हमारे पास कोई साक्ष्यात्मक रिकॉर्ड नहीं है।
टिप्पणियाँ