झारखंड में ऐसा कोई दिन नहीं बीत रहा है जब किसी महिला या युवती के साथ दुर्व्यवहार,दुष्कर्म और अपराध की खबरें ना आ रही हों।
ताजा मामला रांची जिले के खलारी थाना क्षेत्र का है। यहां 32 वर्षीय जनजातीय महिला के साथ इरशाद अंसारी ने पहले दुष्कर्म किया उसके बाद उसका अश्लील वीडियो बनाया और निरंतर वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश करने लगा। पीड़िता को जब कोई रास्ता नही सुझा तो उसने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर डाली।
मृत महिला का देवर अमित तिर्की ने बताया कि उसकी भाभी को इरशाद अंसारी नाम का एक युवक पिछले कई महीनों से तंग कर रहा था। उसने बताया कि कुछ महीने पहले उसकी भाभी को कुत्ते ने काट लिया था। उसी के इलाज के बहाने इंजेक्शन दिलाने के लिए इरशाद उसकी भाभी को बुढ़मू अस्पताल ले गया था। वहीं पर उसने उसकी भाभी के साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया। इसके बाद वह लगातार वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा। इरशाद ऐसा इसलिए कर रहा था क्योंकि वह उस जनजातीय महिला के साथ दोबारा शारीरिक संबंध बनाना चाहता था और पीड़ित महिला इससे इंकार कर रही थी।
अमित के अनुसार 29 जुलाई की सुबह उसने इरशाद को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसी बीच कुछ ऐसी बात हुई कि उसकी भाभी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। जब थोड़ी देर तक वह अपने कमरे से नहीं निकली तो लोगों को शक हुआ और वहां मौजूद लोगों ने दरवाजा खोलने को कहा। आशंका होने पर दरवाजा तोड़ा गया तो महिला को फंदे से लटका पाया गया। इसके बाद मृतक को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आपको बता दें कि मृतक महिला मजदूरी का काम करती थी और उसके तीन बच्चे हैं । इसके पति मनीष तिर्की पिछले 1 साल से बेंगलुरु की जेल में बंद है। अब उसके बच्चों की जिम्मेदारी अमित तिर्की पर ही आ गई है और वो खुद भी किसी की गाड़ी चला कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है।
खलारी थाना प्रभारी फरीद अलम के अनुसार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और सुसंगत धाराओं में उसे जेल भी भेज दिया जाएगा।
इस मामले को लेकर रांची के सांसद संजय सेठ और विधायक समरी लाल भी खलारी पहुंचे। संजय सेठ ने कहा है कि वे इस मामले को संसद में और विधायक समरी लाल ने मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में उठाने की बात कही।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में जनजातीय समाज की यही नियति बन चुकी है। हेमंत सोरेन की सरकार अपने आपको जनजातियों की सरकार बताती है लेकिन प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था का सबसे अधिक शिकार गरीब, जनजातीय समाज और कमजोर वर्ग हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस का वसूली के लिए और राजनीतिक विरोधियों को फंसाने के लिए टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर यही कोशिश कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए की जाती तो आज राज्य की स्थिति इतनी भयावह नहीं होती।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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