झारखंड के पलामू में मुहर्रम जुलूस के दौरान तिरंगे के साथ एक बार फिर से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब 28 जुलाई को इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए पलामू पुलिस ने में कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सहित कई भाजपा नेताओं ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
क्या है पूरा मामला ?
पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर कंकारी में मुहर्रम के जुलूस के दौरान की यह घटना घटी। 28 जुलाई को दोपहर के समय नबी का जुलूस निकाला गया था। जुलूस में भारी संख्या में लोग शामिल थे। इस दौरान डीजे भी बज रहा था। इसी बीच किसी ने तिरंगे के साथ छेड़छाड़ करते हुए अशोक चक्र की जगह उर्दू में कुछ लिख कर उसके नीचे तलवार की तस्वीर वाला तिरंगा लहरा दिया।
आसपास के लोगों ने जब तिरंगे में बदलाव देखा तो उसकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल कर वायरल कर दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई और मामले की जांच में जुट गई। पलामू के समाजसेवी आशीष भारद्वाज ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि त्योहार चाहे किसी का भी हो लेकिन तिरंगे का अपमान कोई भी भारतीय बर्दाश्त नहीं कर सकता। भारत की मिट्टी को, राष्ट्रीय प्रतीक को, हमारे गौरव को अपमानित करने वाले इस राष्ट्र के विरोधी हैं। पलामू ज़िला प्रशासन इस पर सख्त करवाई करे और दोषी को गिरफ़्तार करे।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ऋषभ गर्ग ने कहा कि चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में मुहर्रम जुलूस के दौरान तिरंगे के साथ छेड़छाड़ की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, इस मामले पर सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पलामू का पुलिस बल अभी जुलूस के कार्यक्रम को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने की कोशिश में है। उसके बाद इन मामलों पर भी गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी।
झारखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी कहा कि जिस तिरंगे के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, उस तिरंगे का ऐसा अपमान शर्मसार करने वाला है। यह घटना हेमंत सरकार के तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम है। उन्होंने हेमंत सोरेन से पूछा है कि आखिर सरकार इस गंभीर मुद्दे पर अब तक मौन क्यों है?
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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