इधर एलन मस्क के ट्विटर पर विवादों की छाया गहराती जा रही थी कि उधर मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने ट्विटर का प्रतिद्वंद्वी एप जारी कर दिया। नाम है- थ्रेड्स। ट्विटर के प्रतिद्वंद्वी पहले से हैं लेकिन कोई भी ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह इस माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के दबदबे को गंभीर चुनौती दे सके। थ्रेड्स की बात अलग है।
इधर एलन मस्क के ट्विटर पर विवादों की छाया गहराती जा रही थी कि उधर मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने ट्विटर का प्रतिद्वंद्वी एप जारी कर दिया। नाम है- थ्रेड्स। ट्विटर के प्रतिद्वंद्वी पहले से हैं लेकिन कोई भी ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह इस माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के दबदबे को गंभीर चुनौती दे सके। थ्रेड्स की बात अलग है। वह इतिहास का सबसे तेजी से बढ़ने वाला एप बन चुका है जो सिर्फ पांच दिनों के भीतर 10 करोड़ सदस्यों तक पहुंच गया और उसकी वृद्धि का सिलसिला जारी है। इस लोकप्रियता ने चैटजीपीटी की लोकप्रियता को भी फीका कर दिया है जिसने दो महीने में दस करोड़ का आंकड़ा छूने का रिकॉर्ड बनाया था।
थ्रेड्स के आगमन के बाद ट्विटर के सर्वेसर्वा एलन मस्क की आक्रामक प्रतिक्रियाओं से थ्रेड्स की लोकप्रियता का अनुमान और भी स्पष्ट हो जाता है। याद रहे, कुछ महीने पहले एलन मस्क ने कहा था कि ट्विटर के दैनिक सक्रिय प्रयोक्ताओं की संख्या 26 करोड़ है। हालांकि इनसाइडर इंटेलिजेंस नामक संस्था के अनुसार उसके कुल सक्रिय प्रयोक्ताओं की संख्या लगभग 36.8 करोड़ है।
थ्रेड्स की प्रारंभिक छलांगों के मद्देनजर तकनीकी दुनिया में चर्चाएं ‘दमदार प्रतिद्वंद्विता की संभावना’ से आगे बढ़ चुकी हैं। प्रश्न पूछा जा रहा है कि क्या ट्विटर का एकाधिकार ही खतरे में पड़ जाएगा? हालांकि सोशल मीडिया में मेटा की दमदार पृष्ठभूमि के मद्देनजर यह भी असंभव नहीं है कि थ्रेड्स आगे चलकर ट्विटर को पीछे छोड़ दे। लेकिन इसके लिए आवश्यक होगा कि ट्विटर की लोकप्रियता में कमी का रुझान कायम रहे और मार्क जुकरबर्ग की कंपनी सही दिशा में कदम उठाती रहे। प्रारंभिक घटनाक्रम से कुछ-कुछ ऐसा ही लग रहा है। इनसाइडर इंटेलिजेंस का आकलन है कि सन् 2024 में ट्विटर के सक्रिय सदस्यों की संख्या घटकर 33.5 करोड़ रह जाने वाली है।
मार्क जुकरबर्ग ने एक चतुराई भरा कदम यह उठाया है कि उन्होंने थ्रेड्स की सदस्यता को अपने पहले से लोकप्रिय एप्लीकेशन इंस्टाग्राम की सदस्यता से जोड़ दिया है। यदि आप इंस्टाग्राम के सदस्य हैं, तभी थ्रेड्स के सदस्य या प्रयोक्ता बन सकते हैं। इसमें दोनों ही एप्लीकेशन्स का लाभ है, लेकिन अधिक बड़ा लाभ थ्रेड्स का है जिसे शुरुआत में ही करोड़ों इंस्टाग्राम सदस्यों का आधार मिल गया है।
थ्रेड्स वहां से लोग तो जुटा ही रहा है, उनकी प्रोफाइल की सूचना और उनके द्वारा फॉलो किए जाने वाले लोगों की सूचनाओं का भी प्रयोग कर रहा है। क्या यह सोशल मीडिया के क्षेत्र में अपनी दूसरे एप्लीकेशन्स की लोकप्रियता का लाभ उठाने वाला एकाधिकारवादी व्यवहार नहीं है? संभवत: थ्रेड्स को आगे चलकर इस सवाल का कानूनी तौर पर सामना करना पड़े। फिलहाल एलन मस्क ने आपत्ति इस बात पर की है कि ‘थ्रेड्स ट्विटर की प्रतिलिपि लगता है’ जो उसके बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है।
हालांकि स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की राय इसके विपरीत है क्योंकि एक जैसा उद्देश्य होते हुए भी दोनों की कार्यप्रणाली और सूचनाओं को देने का तरीका अलग लगता है। इंस्टाग्राम के सीईओ एडम मोसेरी ने कहा भी है कि थ्रेड्स का उद्देश्य ट्विटर की जगह लेना नहीं है बल्कि उन समुदायों को मंच उपलब्ध कराना है जिन्हें ट्विटर सुविधाजनक प्रतीत नहीं हो रहा था।
थ्रेड्स पर सूचनाएं देने का ढर्रा कुछ हद तक फेसबुक के न्यूज फीड जैसा है जिसमें सूचनाएं ट्विटर की भांति समय-क्रम के अनुसार नहीं दी जातीं बल्कि औचक (रैंडम) क्रम में दी जाती हैं। ट्विटर के उलट, थ्रेड्स वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है और सिर्फ मोबाइल एप के रूप में जारी किया गया है। इस पर फिलहाल विज्ञापन भी नहीं हैं और हैशटैग भी। आम तौर पर थ्रेड्स का स्वागत किया जा रहा है, न सिर्फ इसलिए कि प्रतिद्वंद्वी एप्स का होना अच्छा है बल्कि इसलिए भी कि कुछ समय से ट्विटर के व्यवहार में मनमानेपन और अहं की झलक दिखाने लगी थी।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं
और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)
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