पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ संसद में महिलाओं के विरुद्ध आपत्तिजनक बोल बोलकर लोगों के गुस्से के निशाने पर हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई की महिला सांसदों के लिए जो भाषा बोली है, वह स्तरहीन ही नहीं, अपमानजनक भी है।
ख्वाजा ने सदन में बैठीं पीटीआई की महिला सांसदों को ‘बचे हुए खंडहर’ कहा। उन्होंने यह भी कहा कि ये ऐसा अपशिष्ट हैं जिसे साफ करने की जरूरत है। सदन में ख्वाजा जब ये बोल रहे थे तब उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी ऐसी टिप्पणियां चारों तरफ से लानतों को आमंत्रित करेंगी।
भारत के पड़ोसी इस्लामी देश के रक्षा मंत्री की महिला सांसदों के प्रति नस्लीय टिप्पणी करने के एवज में उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है। ख्वाजा आसिफ के ऐसे बयानों ने महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों की भी नाराजगी मोल ली है। उन संगठनों के कार्यकर्ताओं, खासकर महिला कार्यकर्ताओं में इस टिपप्णी को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखने में आया है।
इन संगठनों से ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की आम जनता से भी मांग उठी है कि ख्वाजा सार्वजनिक रूप से अपने शब्दों के लिए माफी मांगें। अभी दो दिन पूर्व नेशनल असेंबली में एक सत्र चल रहा था, उसमें अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा ने विपक्ष की तरफ, विशेषकर वहां बैठी पीटीआई की महिला सांसदों की तरफ देखते हुए उन्हें ‘बचे हुए खंडहर’ बोल दिया। असल में वे कहना चाह रहे थे कि पीटीआई में अब गिनी—चुनी सांसद ही बची हैं।
ख्वाजा ने कहा, ”पीटीआई की महिला सदस्य तो बचे हुए खंडहर हैं, बचा हुआ मलबा हैं। ये बचा हुआ कचरा है पीटीआई का, जिसकी सफाई करनी होगी।” जैसे ही आसिफ ने ये बयान दिया वैसे ही उन्हें लानतें भेजी जाने लगीं। पीटीआई के सांसदों, पुरुष और महिला कार्यकताओं, महिला अधिकार कर्मियों ने उनकी निंदा करनी शुरू कर दी और आक्रोश प्रकट किया।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री देश में बाढ़ की हालत को लेकर अपना वक्तव्य रख रहे थे। इस दौरान ख्वाजा के मुंह से जो निकला उसे सुनकर न सिर्फ पीटीआई के सांसद सन्न रह गए बल्कि उनकी अपनी पार्टी के सांसद भी हैरान रह गए। उस वक्तव्य में ख्वाजा ने कहा, ”पीटीआई की महिला सदस्य तो बचे हुए खंडहर हैं, बचा हुआ मलबा हैं। ये बचा हुआ कचरा है पीटीआई का, जिसकी सफाई करनी होगी।” जैसे ही आसिफ ने ये बयान दिया वैसे ही उन्हें लानतें भेजी जाने लगीं। पीटीआई के सांसदों, पुरुष और महिला कार्यकताओं, महिला अधिकार कर्मियों ने उनकी निंदा करनी शुरू कर दी और आक्रोश प्रकट किया।
पूर्व विदेश मंत्री और इमरान की पार्टी पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद क़ुरैशी ने रक्षा मंत्री की ऐसी टिप्पणी को बहुत ही शर्मनाक कहते हुए इसकी भर्त्सना की। कुरैशी ने कहा कि ख्वाजा आसिफ के ये शब्द बहुत ही शर्मनाक हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि ख्वाजा सहित पीएमएलएन पार्टी ने महिलाओं के लिए ऐसी शर्मनाक और गलत भाषा बोली है। एक अन्य सांसद ने कहा कि किसी इंसान का बर्ताव और चरित्र उसे दूसरों से अलग करता है। एक वरिष्ठ नेता की ऐसी भाषा सुनकर हैरानी और चिंता होती है। हमने तो कभी अपने घर में भी ऐसी भाषा नहीं सुनी।
उधर पीटीआई की महिला सांसदों ने लामबंद होकर ख्वाजा से ऐसी भाषा पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। महिला सांसदों, महिला अधिकार संगठनों के साथ ही देश की कई जानी—मानी हस्तियों ने रक्षा मंत्री की टिप्पणी पर गुस्सा व्यक्त करते हुए उनसे अपने शब्द वापस लेने और माफी मांगने को कहा है।
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