नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने कहा कि ये मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के प्रगति मैदान में नव विकसित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर का उद्घाटन किया और इसके नए नाम ‘भारत मंडपम’ का अनावरण किया। लगभग 2700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित यह विशाल परिसर 123 एकड़ में फैला हुआ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जी-20 पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया।
2014 में भारत के विश्व अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे पहले कार्यकाल में जब आपने मुझे काम दिया तब हम दस नंबरी थे। दूसरे कार्यकाल में भारत दुनिया में पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। मोदी ने कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विकसित होने की राह पर बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था पांचवें से शीर्ष तीन में पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि (हमारी सरकार के) तीसरे कार्यकाल के दौरान भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। ये मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री ने विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है टिप्पणी करने और अच्छे कार्यों को रोकने की। जब ‘कर्तव्य पथ’ बन रहा था तो कई बातें ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर अखबारों के पहले पन्ने पर चल रही थीं। इसे अदालतों में भी उठाया गया, लेकिन जब इसका निर्माण हुआ तो उन्हीं लोगों ने कहा कि यह अच्छा है। मुझे यकीन है कि नकारात्मक विचारकों की ‘टोली’ भी एक दिन ‘भारत मंडपम’ को स्वीकार करेगी और यह भी संभव है कि वे यहां किसी सेमिनार में व्याख्यान देने आएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द ही दिल्ली में दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय ‘युगे युगीन भारत’ का निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने ‘भारत मंडपम’ को आजादी के अमृतकाल में देश के लोकतंत्र को उपहार बताते हुए कहा कि ‘भारत मंडपम’ को देखकर हर भारतीय आनंदित हैं और गौरव से भरा हुआ है। कुछ हफ्तों बाद यहीं पर जी-20 से जुड़े आयोजन होंगे, दुनिया के बड़े बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां उपस्थित होंगे। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम के नाम के पीछे भगवान बशवेश्वर के ‘अनुभव मंडपम’ की प्रेरणा है। अनुभव मंडपम यानि वाद और संवाद की लोकतांत्रिक पद्धति। अनुभव मंडपम यानि अभिव्यक्ति, अभिमत। उन्होंने कहा कि आज दुनिया ये स्वीकार कर रही है कि भारत लोकतंत्र की जननी है। तमिलनाडु के उत्तरामेरूर में मिले शिलालेखों से लेकर वैशाली तक भारत की जीवंत लोकतंत्र सदियों से हमारा गौरव रही है। उन्होंने कहा कि ‘भारत मंडपम’ के निर्माण से जुड़े हर श्रमिक भाई-बहन की मेहनत देख, पूरा भारत चकित है। कोरोना के कठिन काल में जब हर तरफ काम रूका हुआ था, हमारे देश के श्रमजीवियों ने दिन-रात मेहनत करके इसका निर्माण पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने कारगिल विजय दिवस के मद्देनजर शहीद सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में अपना बलिदान देने वाले प्रत्येक वीर को मैं कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं। देश के दुश्मनों ने जो दुस्साहास दिखाया था, उसे मां भारती के सपूतों ने अपने पराक्रम से परास्त कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में हमें 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला निर्माण करना ही होगा। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम हमारे सिनेमा-जगत, आर्टिस्ट्स की परफॉर्मेंस का साक्षी बनेगा। हमारे हस्तशिल्पियों, कारीगरों-बुनकरों के परिश्रम को मंच देने वाला भी बनेगा। भारत मंडपम आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियान का प्रतिबिंब बनेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी देश हो, कोई भी समाज हो, वो टुकड़ों में सोचकर, टुकड़ों में काम करके आगे नहीं बढ़ सकता। मोदी ने कहा कि भारत मंडपम इस बात का भी गवाह है कि हमारी सरकार कैसे संपूर्ण रूप से, बहुत दूर की सोचकर काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब वो चीजें हासिल कर रहा है जो पहले अकल्पनीय थीं। उन्होंने कहा कि बड़ा सोचें, बड़ा सपना देखें, बड़ा कार्य करें इसी सिद्धांत को अपनाकर भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। पिछले 5 वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी कह रही हैं कि भारत में अत्यधिक गरीबी ख़त्म होने की कगार पर है। इससे पता चलता है कि पिछले नौ वर्षों में जो निर्णय और नीतियां बनाई गई हैं, वे देश को सही दिशा में ले जा रही हैं।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ‘भारत मंडपम’ हम सभी के लिए गौरव का प्रतीक है। यह हम सभी को नई दृष्टि के साथ आधुनिक और विकसित भारत बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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