देहरादून : उत्तर प्रदेश में एटीएस ने 77 रोहिंग्या मूल के मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है, ये गिरफ्तारियां यूपी के विभिन्न जिलों में हुई है, यूपी एटीएस की इस कार्रवाई के बाद उत्तराखंड पुलिस ने भी रोहिंग्या, बांग्लादेशी लोगों की पहचान करने के लिए ड्राइव शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है रोहिंग्या, म्यांमार (बर्मा) देश से भगाए गए मुस्लिम हैं, जो पहले बांग्लादेश आए फिर भारत में घुसपैठ करने में लगे हैं। भारत में पहले से ही बांग्लादेशी मुस्लिम समस्या बन चुके हैं, अब रोहिंग्या यहां अवैध रूप से सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और ये सिर्फ भाषा बोली से ही पहचाने जाते हैं।
यूपी एटीएस ने पिछले कुछ दिनों घुसपैठियों के खिलाफ अभियान शुरू किया हुआ है और उन्हें इस कार्रवाई में बराबर सफलता भी मिल रही है।
यूपी एटीएस की कार्रवाई को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट मोड में आई है, हालांकि राज्य में पुलिस ने चार माह पहले से ही बाहरी लोगों के सत्यापन को लेकर सख्ती से अभियान चलाया हुआ है और इसमें पुलिस प्रशासन को सफलता भी मिली है, पुलिस बराबर ये सख्ती कर रही है कि कोई भी भवन स्वामी बिना पुलिस सत्यापन के कोई किराएदार नहीं रखेगा। फेरी वालों, राज मिस्त्री श्रमिकों के लिए भी सत्यापन जरूरी करा देने से यहां अवैध कब्जे करने वालों पर में अंकुश लगा है।
उत्तराखंड पुलिस ने मेरठ, सहारनपुर जिले में एटीएस के द्वारा बांग्लादेशी और रोहिंग्या मूल के लोगों की गिरफ्तारी के बाद अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया है साथ ही सभी जिल्रों के पुलिस प्रमुखों को भी अवैध रूप से आने वाले विदेशी घुसपैठियों की तलाश करने के लिए पुलिस टीमों को लगाने के लिए निर्देशित किया है। यूपी से लगे जिलों उधम सिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में पुलिस को सक्रिय किया गया है क्योंकि यहां घनी आबादी वाली मुस्लिम बस्तियों में ही संदिग्ध लोग आकर बसते रहे हैं।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर क्या कहते हैं ?
उत्तराखंड पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अंशुमान का कहना है कि हम पूर्व में ही ये अभियान चला चुके हैं, यूपी में एटीएस की कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है हम पुनः अपने राज्य में भी इस तरह का अभियान शुरू कर रहे है।
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