मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि तमिलनाडु और पुदुच्चेरी की अदालतों में सिर्फ महात्मा गांधी और तमिल संत कवि तिरुवल्लुवर की ही फोटो लगाई जा सकती है। ऐसे ही जिला अदालतों में भी किसी और की फोटो नहीं लगाई जाएगी। इसको लेकर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से सर्कुलर जारी कर दिया गया है। सर्कुलर में साफ कहा गया है कि अगर जिला अदालतों में कोई और तस्वीर लगी है तो उसे हटा दिया जाए।
कांचीपुरम के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज से कहा गया है कि वह अलंदूर के बार असोसिएशन से कहें कि नव निर्मित अदालत परिसर के गेट पर लगी डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर की फोटो हटा लें। दरअसल, कई वकीलों के संगठनों ने डॉ. आंबेडकर की तस्वीरों और मूर्तियों के अनावरण की इजाजत मांगी थी, उसके बाद यह मामला उठा।
11 अप्रैल को हुई बैठक में हाई कोर्ट की बेंच ने इस तरह की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही एक अलग से प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें कहा गया कि ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब राष्ट्रीय महापुरुषों की तस्वीरों या मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ की गई है। इसके बाद संघर्ष के हालात बन जाते हैं। इससे बचने के लिए कोर्ट महात्मा गांधी और संत कवि तिरुवल्लुवर के अलावा किसी अन्य की फोटो या मूर्ति लगाने की इजाजत नहीं देगी।
बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रार जनरल ने अपने सर्कुलर में यह भी कहा है कि तमिलनाडु और पुदुच्चेरी की अदालतों में अगर बार काउंसिल इस आदेश की अवहेलना करती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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