वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वजूस्थल को छोड़कर परिसर के एएसआई द्वारा सर्वे का आदेश दे दिया है। ये आदेश हिंदू पक्ष की चार वादिनी रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की याचिका पर आया है। हिंदू पक्ष की वादिनियों की तरफ से 16 मई 2023 को अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। कहा गया था कि ज्ञानवापी में सील किए गए वजूखाना को छोड़कर बाकी बचे परिसर का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराया जाए।
इस पर 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने आपत्ति की थी। 14 जुलाई को सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। 21 जुलाई को अदालत ने मामले में एएसआई द्वारा सर्वे कराने का आदेश दे दिया। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से जुड़ी कई और याचिकाएं भी कोर्ट में पड़ी। महत्वपूर्ण और एक ही प्रकृति की याचिकाओं को कोर्ट ने साथ मे क्लब करने का भी आदेश पहले ही दे दिया था। ज्ञानवापी का मुद्दा देश के सामने 18 अगस्त 2021 को सुर्खियों में आया।
जानिए तारीख दर तारीख केस में क्या हुआ-
- 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह समेत 5 महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में याचिका दाखिल की। याचिका में मांग की गई कि श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन की अनुमति दी जाए और परिसर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को सुरक्षित किया जाए।
- 26 अप्रैल 2022 को न्यायालय द्वारा अजय मिश्रा को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त कर परिसर के अंदर वीडियोग्राफी फोटोग्राफी के साथ रिपोर्ट देने को कहा।
- 6 और 7 मई 2022 को सर्वे का आदेश न्यायालय से मिला। 6 मई को पहली बार अधिवक्ता आयुक्त के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष ने कुछ हिस्सों का दो घंटे सर्वे किया। 7 मई को टीम जब पहुंची तो मुस्लिम पक्ष ने विरोध शुरू कर दिया।
- 12 मई को न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए अजय मिश्रा को ही अधिवक्ता आयुक्त बनाये रखा। साथ ही विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप को नियुक्त किया।
- 14, 15 और 16 मई को सुरक्षा व्यवस्था के साथ परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी हुआ। 16 मई को हिंदू पक्ष ने बताया कि वजूखाने में शिवलिंग मिला है। इस परिसर को तत्काल सील कर दिया गया।
- इस दौरान सूचनाओं के लीक होने पर अजय मिश्रा को एडवोकेट आयुक्त के दायित्व से न्यायालय ने हटा दिया। 17 मई को न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं हो पाई। 18 मई को अजय मिश्र ने पूर्व अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर अपनी दो दिन की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत कर अंदर मिले साक्ष्यों की जानकारी दी। हिंदू धर्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण आकृतियां जिसमें कमल, शेषनाग, स्वास्तिक का उल्लेख किया गया।
- 19 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने 14 से 16 मई को रिपोर्ट को प्रस्तुत की। बताया जाता है कि उन्होंने रिपोर्ट में गुम्बद के अंदर शिखर, दीवारों पर हाथी के सूंड, घंटियों का स्पष्ठ उल्लेख किया गया।
- महिला याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि नंदी और परिसर में मिले नंदी के बीच की दीवार को गिरा दिया जाए। वहीं सरकारी अधिवक्ता के ओर से भी याचिका दी गई कि सील परिसर में स्थित तालाब में मिली मछलियों को कहीं और रखा जाए।
- 24 मई 2022 को किरण सिंह द्वारा याचिका दाखिल की गई। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की।
- 25 मई 2022 को जिला जज एके विश्वेश की अदालत ने याचिका को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए भेज दिया।
- 18 अक्टूबर 2022 को दोनों पक्षों को अदालत ने लिखित बहस दाखिल करने को कहा।
- 21 अक्टूबर को जिला जज एके विश्वेश की अदालत ने अंजुमन इंतेजामिया कमेटी पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया। मुस्लिम पक्ष ने समय पर आपत्ति दाखिल नहीं की थी।
- 27 अक्टूबर 2022 को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में आदि विशेश्वर विराजमान केस में पोषणीयता को लेकर सुनवाई पूर्ण हुई। कोर्ट ने 8 नवंबर के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया।
- 2 नवंबर 2022 को हिंदू पक्ष द्वारा दोबारा कमीशन सर्वे की मांग वाली याचिका पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जिला अदालत में दाखिल की।
- 17 नवंबर 2022 को फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा। किरण सिंह के पोषणीयता के वाद को अदालत ने सुनवाई योग्य माना। वाद में मुसलमानों के ज्ञानवापी में प्रवेश को वर्जित करने की भी मांग की गई।
- 22 मार्च 2023 को जनपद न्यायाधीश वाराणसी ने ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित सात मुकदमों को समेकित करने का आदेश सोमवार 27 मार्च को नियत कर दिया।
- 17 अप्रैल 2023 को नमाज को लेकर आ रही समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल किया गया। इस पर कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को समस्या का समाधान करने आदेश दिया।
- 19 अप्रैल 2023 को जिलाधिकारी की अगुवाई में समिति की बैठक में वजू की व्यवस्था को लेकर सहमति बनी।
- 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की साइंटफिक सर्वे की याचिका को स्वीकार कर लिया।
- हिंदू पक्ष की वादिनियों रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की तरफ से 16 मई 2023 को प्रार्थना पत्र दिया गया था। कहा गया था कि ज्ञानवापी में सील किए गए वजूखाना को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराया जाए।
- 16 मई 2023 को हिंदू पक्ष की एएसआई सर्वे की याचिका को वाराणसी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
- इस पर 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने आपत्ति की थी। 14 जुलाई को सुनवाई पूरी हो गई थी।
- 23 मई 2023 को जनपद न्यायधीश वाराणसी ने एक ही प्रकृति से जुड़े मामले की सुनवाई साथ में करने की याचिका को भी स्वीकार कर लिया।
- मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होना है।
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