खतरनाक रास्ते, अजीब नाम, दुर्लभ दृश्य
July 25, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

खतरनाक रास्ते, अजीब नाम, दुर्लभ दृश्य

किन्नौर की धरती का सौन्दर्य मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां रेकांगपियो में 80 फुट ऊंचे पत्थर के प्राकृतिक शिवलिंग का दर्शन करने लोग पांच-छह दिन पैदल चल कर आते हैं

by सुरेश्वर त्रिपाठी
Jul 22, 2023, 08:40 am IST
in भारत, धर्म-संस्कृति, हिमाचल प्रदेश

शिमला से नारकण्डा लगभग 60 किलोमीटर दूर है लेकिन पहाड़ी टेढे़-मेढ़े रास्तों पर गाड़ी बहुत तेजी से नहीं चलायी जा सकती। रास्ते में पड़ने वाले हर प्राकृतिक दृश्य का आनन्द लेते हुए हम लगभग 12 बजे नारकण्डा पहुंचे। कुछ दूर आगे जाकर हमें सतलुज नदी मिल गयी।

सुरेश्वर त्रिपाठी
(लेखक यायावर,साहित्यकार और फोटोग्राफर हैं)

हम हिमाचल प्रदेश में उस जगह की यात्रा पर थे जो प्राकृतिक सुन्दरता से भरी हुई है। हमें लगभग दस दिन तक किन्नौर का भ्रमण करना था। किन्नौर में एक से एक सुन्दर और रमणीय स्थल हैं जिन्हें देखकर खुशी और अचरज, दोनों होते हैं। शिमला से नारकण्डा लगभग 60 किलोमीटर दूर है लेकिन पहाड़ी टेढे़-मेढ़े रास्तों पर गाड़ी बहुत तेजी से नहीं चलायी जा सकती। रास्ते में पड़ने वाले हर प्राकृतिक दृश्य का आनन्द लेते हुए हम लगभग 12 बजे नारकण्डा पहुंचे। कुछ दूर आगे जाकर हमें सतलुज नदी मिल गयी। हम जिस सड़क से यात्रा कर रहे थे, वह सतलुज के समानान्तर ही चल रही थी। इस सड़क को हिन्दुस्थान-तिब्बत रोड भी कहते हैं, जो तिब्बत की सीमा तक जाती है।

दत्तनगर, रामपुर बुशहर, जेवरी होते हुए हम आगे बढ़ते जा रहे थे। हमें जो सड़क मिली, उसे दुनिया की खतरनाक सड़कों में शुमार किया जा सकता है। यह सड़क सौन्दर्य सीधी-सपाट सैकड़ों मीटर चट्टानों को बीच में से काटकर बनायी गयी थी। सड़क बहुत चौड़ी नहीं थी, केवल एक वाहन के आने-जाने लायक ही थी पर बीच-बीच में सामने से आने वाले वाहनों को जगह देने के लिए थोड़ी जगह बना दी गयी थी।

साथ के लोगों के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही थीं और वे आंखों ही आंखों में इशारे करके यह जानने में लगे थे कि इतनी खतरनाक सड़क पर मैं गाड़ी चला पाऊंगा या नहीं। मैं बहुत सावधानी से गाड़ी चला रहा था पर पश्चाताप भी कर रहा था कि ऐसी जगह मेरे हाथ में स्टेयरिंग नहीं, कैमरा होना चाहिए था। रास्तों के नाम भी हमें अजीब लग रहे थे – सुंगरा, वांगटू, चूलिंग, सोंगठोंग।

किन्नौर में देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां आने के लिए बस, टैक्सी या कार का प्रयोग किया जा सकता है। किन्नौर सेब के बागीचों के लिए भी जाना जाता है। यहां किसी भी जगह रात्रि विश्राम करना हो, होटल कम पैसों में भी मिल जाते हैं। खाने-पीने की भी कोई समस्या नहीं आती।

शाम होते-होते हम सोंगठोंग पहुंचे। यहां के एक अतिथि भवन में हमने रात्रि विश्राम किया। खाना खाने के बाद थके-हारे सब बिस्तर के अन्दर चले गये। अगले दिन सुबह ही नाश्ता करने के बाद हम सब आगे निकल पड़े। आगे की यात्रा में हमें लगातार ऊंचाई की ओर ही जाना था। पोवारी से आगे दुरुह पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए हम रेकांगपियो पहुंचे। रेकांगपियो में जिस गेस्ट हाउस में हमें रुकना था, उसे देखकर आंखों को विश्वास ही नहीं हुआ।

अर्धचन्द्राकार आकृति में बनाये गये इस गेस्ट हाउस के पीछे किन्नौर कैलास पर्वत की ऊंची-बर्फीली चोटियां थीं। यहां हमें पता चला कि किन्नौर कैलास पर्वत पर 80 फुट ऊंचा पत्थर का एक प्राकृतिक शिवलिंग है और इसका दर्शन करने के लिए लोग 5-6 दिनों की पैदल यात्रा करते हैं। पहले तो यहां की बस्तियों के नाम ही आश्चर्य में डाल रहे थे। हमारे यात्री दल को भी ऐसा ही लगा, जब बताया गया कि रेकांगपियो आने वाला है। एक ने हैरानी जताई, क्या कहा? रेकांगपियो?

किन्नौर में देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां आने के लिए बस, टैक्सी या कार का प्रयोग किया जा सकता है। किन्नौर सेब के बागीचों के लिए भी जाना जाता है। यहां किसी भी जगह रात्रि विश्राम करना हो, होटल कम पैसों में भी मिल जाते हैं। खाने-पीने की भी कोई समस्या नहीं आती।

रेकांगपियो के बाद हमें कई जगह घूमना था पर हमने सबसे पहले सांगला जाने का निर्णय लिया। सांगला जाने के लिए पीछे लौटते हुए सोंगठोंग से भी आगे जाकर करचम नामक जगह पर सतलुज नदी को पार करना पड़ता है। करचम से जब हम आगे बढ़े और सड़क ऊंचाई की ओर जाने लगी तो एक बार फिर सारे यात्री अपनी अपनी सांसें रोककर बाहर के दुर्गम दृश्य का आनन्द लेने लगे।

Topics: सोंगठोंग।शिमला से नारकण्डाकिन्नौर कैलास पर्वतHindustan-Tibet RoadNatural ViewShimla to NarkandaKinnaur Kailas MountainRare Viewसुंगरावांगटूप्राकृतिक दृश्यचूलिंगहिन्दुस्थान-तिब्बत रोड
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

#सराहन : बर्फीले पहाड़ों के बीच काष्ठ मन्दिर

प्राकृतिक खूबसूरती की अनुपम छटा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बॉम्बे हाई कोर्ट

दरगाह गिराने का आदेश वापस नहीं होगा, बॉम्बे HC बोला- यह जमीन हड़पने का मामला; जानें अवैध कब्जे की पूरी कहानी

PM Modi meeting UK PM Keir Starmer in London

India UK Trade Deal: भारत और ब्रिटेन ने समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौते पर किए हस्ताक्षर, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

भारतीय मजदूर संघ की एक रैली में जुटे कार्यकर्त्ता

भारतीय मजदूर संघ के 70 साल : भारत की आत्मा से जोड़ने वाली यात्रा

Punjab Drugs death

पंजाब: ड्रग्स के ओवरडोज से उजड़े घर, 2 युवकों की मौत, AAP सरकार का दावा हवा-हवाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उधमसिंह नगर जिले में मां के साथ मतदान किया।

उत्तराखंड: पंचायत चुनाव का पहला चरण, लगभग 62 प्रतिशत हुई वोटिंग, मां के साथ मतदान करने पहुंचे सीएम धामी

संत चिन्मय ब्रह्मचारी को बांग्लादेश में किया गया है गिरफ्तार

हिंदू संत चिन्मय ब्रह्मचारी को नहीं मिली जमानत, 8 महीने से हैं बांग्लादेश की जेल में

आरोपी मोहम्मद कासिम

मेरठ: हिंदू बताकर शिव मंदिर में बना पुजारी, असल में निकला मौलवी का बेटा मोहम्मद कासिम; हुआ गिरफ्तार

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर

India UK FTA: भारत-ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर, जानिये इस डील की बड़ी बातें

बांग्लादेश के पूर्व चीफ जस्टिस खैरुल हक।

बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एबीएम खैरुल हक गिरफ्तार, शेख हसीना के थे करीबी

एक चार्जर से कई फोन चार्ज करना पड़ सकता है महंगा, जानिए इससे होने वाले नुकसान

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies