केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने विद्यार्थियों के बीच भाषाई विविधता, सांस्कृतिक समझ और शैक्षणिक सफलता को बढ़ावा देने के लिए बहुभाषी शिक्षा को मान्यता प्रदान किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुच्छेद 4.12 में शिक्षार्थियों के लिए बहुभाषिकता के लाभों पर जोर दिया गया है, विशेष रूप से उन्हें अपनी मातृभाषा पर विशेष ध्यान देने के साथ, कई भाषाओं से अवगत कराया जाता है। नीति में अनुसार कम से कम कक्षा 5 तक, उससे अधिक कक्षा 8 या फिर अग्रिम कक्षाओं में मूल भाषा, मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में उपयोग किया जाए।
कई चुनौतियों का होगा सामना
बहुभाषिक शिक्षा देने और शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा का उपयोग करने में कई चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि बहुभाषी में पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता, उच्च-गुणवत्ता वाली बहुभाषिक पाठ्यपुस्तकें तैयार करना, सीमित समयसीमा, क्योंकि बहुभाषी में शिक्षा प्रदान करने में अतिरिक्त शिक्षण समय की आवश्यकता होगी।
चुनौतियों से निपटने शिक्षा मंत्रालय ने किए उपाय
बहुभाषिक और मातृभाषा माध्यम में शिक्षा देने में आ रहीं कई चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कई उपाय किये हैं। जैसे कि शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं के माध्यम से नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसे एनसीईआरटी ने भी सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया है, ताकि अगले सत्र से सभी विद्यार्थियों को 22 अनुसूचित भाषाओं में पाठ्यपुस्तके उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा उच्च शिक्षा में तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल शिक्षा, कानून शिक्षा आदि की पाठ्यपुस्तकें अब भारतीय भाषाओं के माध्यम में आ रही हैं।
भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा प्रदान करने की दिशा में की गई पहल को ध्यान में रखते हुए, सीबीएसई से संबद्ध विद्यालय, भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में उल्लिखित भारतीय भाषाओं का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। इससे प्राथमिक स्तर से लेकर माध्यमिक स्तर तक, अर्थात् पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से लेकर बारहवीं कक्षा तक, भारतीय भाषाओं को वैकल्पिक माध्यम के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जो अन्य उपलब्ध विकल्पों के साथ एक विकल्प हो सकता है। विद्यालय उपलब्ध संसाधनों का अध्ययन कर सकते हैं, क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श कर सकते हैं और सीबीएसई विद्यालयों में बहुभाषी शिक्षा को वास्तविकता बनाने के लिए सर्वोत्तम अनुभवों को साझा करने के लिए अन्य विद्यालयों के साथ सहयोग कर सकते हैं।
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