देहरादून : सहारनपुर के मोस्ट वांटेड हाजी इकबाल की करोड़ों की संपत्ति के भू दस्तावेजों की कॉपी को किसी फर्जी आयकर अधिकारी ने उड़ा लिया है। इस मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही क्या विकास नगर के भू दस्तावेजों के रिकॉर्ड रूम को सील किया गया है ?
बड़ा सवाल ये भी उठ रहा है कि जिस उत्तराखंड राज्य में बाहरी राज्य के लोग सवा नाली अथवा ढाई हजार वर्ग फुट से ज्यादा जमीन नहीं ले सकते वहां हाजी इकबाल ने करोड़ों रुपये की जमीन कैसे खरीद ली और यदि उसने किसी और प्रयोजन से ली है तो उसका आधार क्या था ?
दिलचस्प बात ये है कि हाजी इकबाल की जमीनों के कागज बड़े ही रहस्मय तरीके से देहरादून और विकासनगर के राजस्व अभिलेखों से कोई निकाल कर ले गया।
,जानकारी के अनुसार पिछली 13 जुलाई को कुछ लोगों ने खुद को आयकर अधिकारी बताकर उसकी संपत्ति के कागज हासिल कर लिए। जबकि आयकर कार्यालय ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार किया तो विभाग में खलबली मच गई।
विकास नगर क्षेत्र में भी शाहपुर कल्याणपुर में हाजी इकबाल की संपतियों के बारे में ये कहकर दस्तावेज हासिल किए गए कि विभाग को उक्त प्रॉपर्टी सील करनी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से देहरादून जिले में जमीनों के दस्तावेज डिजिटल किए जाने का काम चल रहा है और भू माफिया इसे प्रक्रिया में बाधा डाल रहे है।
इस घटना के बाद देहरादून और विकासनगर के राजस्व विभाग सब रजिस्ट्रार कार्यालय में बवाल मचा और डीएम को इन अभिलेख कक्षों को सील करना पड़ा, जिसपर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एस आई टी जांच बिठा दी है।
वित्त राजस्व सचिव दलीप जावलकर, अपर सचिव आईजी स्टांप अहमद इकबाल आदि ने इस घटनाक्रम के बाद अपनी जांच शुरू कर दी है। अभिलेख कक्ष के बाहर गार्ड तैनातकर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं।
कैसे ले ली उत्तराखंड में भू संपत्ति
बड़ा सवाल ये भी है कि हाजी इकबाल जोकि यूपी का मूल निवासी है उसने उत्तराखंड में इतनी बड़ी भू संपत्ति कैसे खरीद ली ? क्या इसके लिए शासन से कोई अनुमति ली गई थी ? यदि अनुमति ली गई तो किसने और किस प्रयोजन के लिए दी गई ? ऐसा जानकारी में आया कि करीब तीन सौ करोड़ की संपत्ति हाजी इकबाल की उत्तराखंड में है। जिसकी जानकारी पुलिस को भी थी।
विकासनगर का शाहपुर कल्याण पुर वो क्षेत्र है जहां भविष्य में नए शहर की बसावट की, सरकार की योजना है। विकासनगर क्षेत्र ही इस समय जनसंख्या असंतुलन की समस्या पैदा कर रहा है। इस इलाके में हाजी इकबाल ही नहीं दर्जनों ऐसे भू माफिया हैं जोकि यूपी के सहारनपुर मुजफ्फरनगर शामली बेहट आदि क्षेत्रों से आकर सरकार की जमीन पर कब्जेकर बैठे हुए है। ये सभी एक वर्ग विशेष से हैं।
सहारनपुर के खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल पिछले दो सालों से यूपी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उस पर दो लाख का इनाम घोषित है और वो टॉप टेन माफिया फरार सूची में शामिल है। हाजी इकबाल का भाई पूर्व एमएलसी महमूद और बेटे भी जेल में बंद हैं। पूरे परिवार पर तीन दर्जन से अधिक मुकदमें, बलात्कार, हत्या के प्रयास, सरकारी भू संपत्ति कब्जाने लूट आदि के सहारनपुर के मिर्जापुर थाने में दर्ज हैं।
हाजी इकबाल परिवार पर एनजीटी, खनन विभाग, वन विभाग आदि ने भी यमुना और उसकी सहायक नदियों में अवैध खनन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज है। इसके अलावा उनके द्वारा औने पौने दामों पर शुगर मिलें खरीदने जैसे मामले भी सरकार की वित्त एजेंसियों ने दर्ज किए हुए हैं।
ईडी की जांच में करोड़ो रुपये की अवैध संपत्ति भी हाजी इकबाल के नाम निकली थी। हाजी इकबाल की फरारी के बाद से सरकार ने अभी तक करीब एक हजार करोड़ की संपत्ति कुर्क की हुई है। हाजी इकबाल कहां है ? ये जानकारी किसी को नहीं ऐसा बताया जाता है कि वो नेपाल के रास्ते दुबई में चला गया।
बहरहाल, हाजी इकबाल बेशक फरार है भूमिगत है लेकिन उसके गुर्गे आज भी सक्रिय हैं।
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