देहरादून। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि गाजियाबाद इस वक्त साइबर क्राइम का नया केंद्र बन चुका है, जहां से लोगों को बीमा पॉलिसी कराने के नाम पर ठगा जा रहा है। डीजीपी ने बताया कि हेलीकॉप्टर बुकिंग के नाम पर भी साइबर फ्रॉड हो रहे हैं, जिसपर उत्तराखंड पुलिस ने शिकंजा कसा है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर बुकिंग की डिमांड रहती है इसलिए साइबर ठगी के केस भी सामने आए हैं। देश में हेली सर्विस ठगी की 6100 शिकायतें दर्ज हुई हैं। उत्तराखंड में 280 मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिसके बाद 41 वेबसाइटों को बंद करवाया गया है। इन मामलों में उत्तराखंड एसटीएफ ने तीन सरगनाओं को गिरफ्तार भी किया है, जिनपर गैंगस्टर एक्ट लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार के नवादा जिले से ये फ्रॉड हो रहे हैं।
डीजीपी के अनुसार वेबसाइट के जरिए फर्जी बीमा कराने का साइबर क्राइम का केंद्र गाजियाबाद चिन्हित हुआ है। ऐसे 1400 मामले यहां चिन्हित हुए हैं। उत्तराखंड एसटीएफ ने अजीत राठी नाम से शख्स को गिरफ्तार किया है। अभी इसमें और लोगों की तलाश है। उन्होंने बताया कि साइबर ठगी मामलों में उत्तराखंड पुलिस ने सौ करोड़ से ज्यादा की रकम शिकायत कर्ताओं को वापस दिलाने में सफलता प्राप्त की है।
डीजीपी ने बताया कि झारखंड का जामताड़ा, हरियाणा, राजस्थान बॉर्डर मेवात, तेलंगाना भी साइबर क्राइम का अड्डा है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु, यूपी, तेलंगाना, दिल्ली आदि राज्यों में भी साइबर क्रिमिनल चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पॉर्न ग्राफी के मामले भी साइबर क्राइम की जद में दर्ज हुए हैं। इस साल 113 मामले उत्तराखंड में दर्ज हैं। इनमें 49 में जांच पूरी हो चुकी है और आईटी एक्ट धारा 67 के तहत कार्रवाई की गई है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय से काम हो रहा है। हम बार-बार जनता को जागरूक भी करते हैं कि वो अपने बैंक डिटेल्स, एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स की डिटेल्स किसी को भी नही बताएं और यदि कोई क्राइम हो भी जाता है तो उसकी सूचना तत्काल बैंक को पुलिस को अवश्य दिया करें।
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