गांधीनगर/नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक व्यापक और समन्वित वैश्विक नीति तथा नियमकीय व्यवस्था बनाने को लेकर चर्चा हुई। साथ ही, जी-20 सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
गांधीनगर में एफएमसीबीजी की तीसरी बैठक समाप्त होने के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक में जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर ने लोगों और दुनिया की बेहतरी को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने, सभी के लिए वैश्विक विकास को मजबूत करने एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था की मजबूती और संतुलित तथा समावेशी वृद्धि को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई गई।
सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के लिए एक व्यापक और समन्वित वैश्विक नीति तथा नियामकीय व्यवस्था बनाने को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि जी-20 की अध्यक्षता कर रहे भारत ने समूह के समक्ष डिजिटल ढांचागत सुविधा के मुद्दे को रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘भारत ने अपनी अध्यक्षता में डिजिटल ढांचागत सुविधा के एजेंडा को जी-20 की बैठक में उठाया। सदस्यों ने वित्तीय समावेश और उत्पादकता के लाभ को तेजी से आगे बढ़ाने में डिजिटल ढांचागत सुविधा (डीपीआई) की महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन किया।
वित्त मंत्री ने कर्ज समाधान के लिए साझा व्यवस्था तैयार करने पर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर कहा कि चीन का रुख उत्साहजनक था। गौरतलब है कि जी-20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अंतर-सरकारी मंच है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ