रायपुर। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी मामले में आरोपितों को सरकारी संरक्षण देने के खिलाफ तथा उनपर कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के युवाओं ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया। विधानसभा की तरफ बढ़ते समय पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में लेकर मंदिर हसौद थाना ले जाया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायतें मिली थी कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों एवं राजनीतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं। इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।
हालांकि सरकारी आदेश का पालन नहीं किया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति की रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी। लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाणपत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं, जो अभी भी सेवारत हैं और प्रमोशन भी ले चुके हैं।
इसे लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और पिछले दिनों आमरण अनशन पर बैठ गए। पर प्रशासन का रवैया निराशाजनक रहा। जिसके बाद आंदोलनकारी विधानसभा के मानसून सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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