आखिर राहुल गांधी को समस्या किससे है, अपनी बातों से किसका कर रहे समर्थन ?
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आखिर राहुल गांधी को समस्या किससे है, अपनी बातों से किसका कर रहे समर्थन ?

क्या कभी ऐसा हुआ है कि भारत आकर किसी भी विदेशी नेता ने अपने देश के नेतृत्व के विरोध में कुछ बोला हो ?

by सोनाली मिश्रा
Jul 16, 2023, 10:16 pm IST
in भारत, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दोगले पश्चिम का विकृत चेहरा और साथ ही भारत के विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सोच एक बार फिर से सामने आई है। यह बात सत्य है कि लोकतंत्र में विपक्ष का यह दायित्व है कि वह सरकार की गलत नीतियों का विरोध करे और उनके विरुद्ध जमकर आवाज उठाए। परन्तु यह भी सत्य है कि आवाज उठाने का एक मंच होता है, एक स्थान होता है और एक अवसर होता है। क्या कभी ऐसा हुआ है कि भारत आकर किसी भी विदेशी नेता ने अपने देश के नेतृत्व के विरोध में कुछ बोला हो ? भारत में जो भी विदेशी नेता आते हैं, उनके भीतर यह बोध पर्याप्त होता है कि वह अपने देश के विरोध में कुछ नहीं सुनते हैं। परन्तु क्या भारत के विपक्षी नेताओं में यह बोध परिलक्षित होता है?

यह प्रश्न इसलिए बार-बार सामने आता है क्योंकि जो विषय भारत के आतंरिक होते हैं, जिन पर आंतरिक रूप से बहस होनी चाहिए, उन्हें लेकर विदेशों के विमर्श में फंसकर भारत की सरकार को ही नहीं कोसना बल्कि भारत की अखंडता पर और भी कई तरीके से प्रश्न उठाने में भारत के विपक्षी युवराज सिद्धहस्त हैं। अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं, जब उन्होंने अमेरिका में भारत के प्रधानमंत्री का उपहास उड़ाया था।

यहां तक कि संसद में प्रधानमंत्री मोदी के दंडवत प्रणाम तक का उपहास उड़ाया था। भारत की राजनीति का यह सबसे निर्लज्ज दौर है, जहां पर विदेशों में जाकर भारत की बढ़ती शक्ति एवं धार्मिक विश्वासों का उपहास उड़ाया जा रहा है। देश के हालातों पर संसद में चर्चा न करके विदेशों में चर्चा की जाती है और कहीं न कहीं प्रत्यक्ष रूप से यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाता है कि भारत का नेतृत्व सक्षम नहीं है। स्वयं को पश्चिम का उपनिवेश मानने की मानसिकता से भारत का विपक्ष अभी तक बाहर नहीं आ पाया है।

और इसमें नई कड़ी एक और जुड़ी है और वह है एक बार फिर से भारत के विपक्षी युवराज का प्रधानमंत्री मोदी पर हमला कि मणिपुर जल रहा है, यूरोपियन युनियन ने भारत के आतंरिक मामले पर चर्चा की है और प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों में से किसी भी मामले पर चर्चा नहीं की है और राफेल ने उन्हें बैस्टिल डे परेड में टिकट दिला दिया है!

शायद राफेल को लेकर राहुल गांधी के जख्म अभी तक भरे नहीं हैं। राहुल गांधी को किसकी चिंता है ? मणिपुर के जलने की, यूरोपियन यूनियन द्वारा इसकी चर्चा किए जाने की या फिर राफेल डील के चलते भारत की बढ़ती साख की ? आखिर राहुल गांधी को समस्या क्या और किससे है और वह इस प्रकार बातें करके किसका समर्थन कर रहे हैं ? उनके इस ट्वीट को लेकर जनता में क्रोध है और लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखा कि एक व्यक्ति जो भारत के आंतरिक मामलों में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप चाहता है, एक कुंठित वंशवादी नेता, जो भारत के मेक इन इंडिया अभियान का उपहास उड़ाता है, जब हमारे प्रधानमंत्री को एक राष्ट्रीय सम्मान मिलता है। लोगों द्वारा ठुकराया गया नेता, जब वह देखता है कि अब एक भी रक्षा सौदा उसके परिवार से होकर नहीं गुजर रहा है।

स्मृति ईरानी ने जो बात उठाई है कि अब कोई भी रक्षा सौदा परिवार की देहरी से होकर नहीं गुजरता, उसे ही सोशल मीडिया पर लोग दोहरा रहे हैं कि राफेल सौदे को लेकर गांधी परिवार में बहुत शोक है। देश की जनता को अभी तक याद होगा कि कैसे राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर “चौकीदार चोर है” कहकर लगातार प्रहार किया था और साथ ही राहुल गांधी यह भी नहीं नहीं भूले होंगे कि कैसे यही अपमानजनक मुहावरा उनपर उलटा आकर पड़ा था क्योंकि देश की जनता ने उनके इस आरोप को स्वीकार किया ही नहीं था।

यहां तक कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी इस सम्बन्ध में यह कहते हुए विपक्षी युवराज के इस झूठ की हवा निकाल दी थी कि राफेल सौदे में कोई भी गड़बड़ नहीं है और राफेल की गुणवत्ता पर कोई भी प्रश्न नहीं है। और फिर चौकीदार चोर है को लेकर विपक्षी युवराज को माननीय न्यायालय के सम्मुख माफी भी  मांगनी पड़ी थी।

तो क्या राहुल गांधी अपने उस अपमान को अभी तक नहीं भूले हैं ? लगता तो ऐसा ही है क्योंकि यदि भारत के नेतृत्व को यदि विदेशी भूमि पर सम्मान प्राप्त हो रहा है तो ऐसे में विपक्षी युवराज को क्यों कोई समस्या हो सकती है ?

या तो कांग्रेस के युवराज ने देश पर अपना अधिकार मान रखा है और यह सोच रखा है कि भारत पर शासन करना केवल और केवल गांधी परिवार का अधिकार है क्योंकि अंग्रेज जाते समय जवाहरलाल नेहरू को सिंहासन सौंप कर गए थे। परन्तु विपक्षी युवराज यह भूल जाते हैं कि भारत में लोकतंत्र है और उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि जब पहली बार आम चुनाव हुए थे तो 53 दलों ने भाग लिया था और लोगों ने भी कांग्रेस सहित अन्य दलों को वोट दिए थे।

स्वतंत्रता के बाद हुए आम चुनावों से ही भारत की जनता ने यह स्पष्ट कर दिया था कि यह देश किसी एक विशेष परिवार की बपौती न होकर वास्तविक लोकतंत्र है। मगर जब-जब भारत की जनता ने गांधी परिवार से परे किसी को भी सत्ता सौंपी तो परिवार असहज हो गया। यहां तक कि कांग्रेस की ही ओर से प्रधानमंत्री बने पी वी नरसिम्हा राव के निधन के उपरान्त उनकी पार्थिव देह का अपमान किस प्रकार कांग्रेस के कार्यालय में हुआ था वह पूरा भारत जानता है।

गांधी परिवार से इतर कोई शासन कर सकता है यह परिदृश्य ही न केवल गांधी परिवार अपितु परिवार के समर्थक पत्रकारों एवं कथित प्रगतिशील वर्ग की कल्पना से परे हैं। यही कारण है कि वह लोग हर उस व्यक्ति की छवि को नष्ट करने का प्रयास करते हैं, जो भारत को उसकी लोकतान्त्रिक पहचान के माध्यम से पूरे विश्व में गौरव प्रदान करने के लिए कदम उठाते हैं।

चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जाते हैं, वहां पर भारत की उस भव्यता का प्रदर्शन करते हैं, जिसके लिए भारत आदिकाल से विख्यात रहा है अर्थात अध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक भव्यता, तो यह बात उन्हें पसंद नहीं आती है, जिन्होनें देश का नाम मात्र अपने परिवार तक ही सीमित कर दिया था।

आज एक बार फिर से राहुल गांधी ने यह प्रमाणित किया कि वर्तमान में भारत की विपक्ष की राजनीति का दायरा मात्र प्रधानमंत्री मोदी के विरोध तक सीमित होकर रह गया है, फिर उसके लिए देश की अखंडता पर प्रश्नचिह्न ही क्यों न उठाना पड़े ?

जब आवश्यकता थी कि इस बिंदु को जमकर उठाने की कि यूरोपीय युनियन कैसे भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकती है, तो भारत के विपक्षी युवराज इस मामले को लेकर भारत के प्रधानमंत्री को यह कहते हुए घेर रहे हैं कि राफेल ने उन्हें परेड में जाने का अवसर दिया! यह संभवतया विपक्षी राजनीति का सबसे हताश दौर है, जिसमें रचनात्मक विरोध एक ऐसी कुंठा ने ले लिया है, जिसके मूल में परिवार को शासन न मिलने की हताशा है।

Topics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीराहुल गांधीPrime Minister Narendra ModiBJPRahul GandhiCongressSmriti Iraniस्मृति ईरानीMohabbat Ki Dukaanमोहब्बत की दुकानSmriti Irani Statement on Rahul ghandhiबीजेपीकांग्रेस
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी कोर्ट को कर रहे गुमराह, दी गलत जानकारी, ईडी की बड़ी दलीलें

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

ममता बनर्जी  एवंं असदुद्दीन ओवैसी

मतदाता सूची : बवाल के पीछे असल सवाल

कांग्रेस

भारतीय राजनीति में कांग्रेसी रीति-नीति की छाया और बदलाव की चुनौतियां

विश्व में भारत का गौरव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Kolhapuri Slippers Dispute

कोल्हापुरी चप्पल विवाद: चोरी की ये कहानी है पुरानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

फ्री इलाज के लिए बनवाएं आयुष्मान कार्ड, जानें जरूरी डाक्यूमेंट्स और पूरा प्रोसेस

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies