UN रिपोर्ट का खुलासा-विश्व में 73.5 करोड़ लोगों के नसीब में पेटभर खाना नहीं
December 7, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम विश्व

UN रिपोर्ट का खुलासा-विश्व में 73.5 करोड़ लोगों के नसीब में पेटभर खाना नहीं

2019 के बाद से एक बहुत बड़ी आबादी भूख से दो दो हाथ करने को विवश है। उस साल दुनिया में 61.8 करोड़ ऐसे थे जो भूख की मार झेल रहे थे। लेकिन आज ये संख्या कहीं ज्यादा हो चुकी है

by WEB DESK
Jul 15, 2023, 05:30 pm IST
in विश्व
Representational Image

Representational Image

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

विश्व के अनेक देश जहां एक तरफ तरक्की के रिकार्ड तोड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बहुत बड़ी आबादी ऐसी भी है जिसे एक जून का खाना भी भरपेट नहीं मिल रहा है। भुखमरी की कगार पर पहुंची ये आबादी किस तरह जान बचाए हुए है, यह समझ पाना बहुत मुश्किल बात है। यूएन ने खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रस्तुत की ताजा रिपोर्ट में जो आंकड़े दिए गए हैं वे हैरान करने वाले हैं और एक बहुत भयानक तस्वीर पेश करते हैं।

यू.एन. की रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2023’ बताती है कि दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है जो एक वक्त के खाने तक के लिए तरस रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि विश्व में आज 73.5 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें भुखमरी की कगार पर पहुंचा कहा जा सकता हैं। इसके मायने ये कि वे दाने दाने को तरस रहे हैं।

आगे यह रिपोर्ट बताती है कि 2019 के बाद से एक बहुत बड़ी आबादी भूख से दो दो हाथ करने को विवश है। उस साल दुनिया में 61.8 करोड़ ऐसे थे जो भूख की मार झेल रहे थे। लेकिन आज ये संख्या कहीं ज्यादा हो चुकी है। बीते तीन साल में उक्त संख्या में 12.2 करोड़ की बढ़ोतरी हो गए हैं। यानी अब एक वक्त के खाने के लिए तरसने वालों की संख्या 73.5 करोड़ हो चुकी है।

आखिर यह स्थिति आई कैसे? रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य वजहें तीन हैं—एक, कोविड-19, दो, पर्यावरण में बदलाव और तीन, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध। एक और हैरानी की बात जो इस रिपोर्ट से सामने आई है। वह यह कि आने वाले 7 साल में यानी 2030 तक विश्व के 60 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार होंगे, अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो। 2022 की बात करें तो तब 90 करोड़ लोग ठीक से पेट भरने से वंचित रहे थे।

रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में मंहगाई बढ़ी है। अनेक देशों में लोगों की खरीदने की ताकत कम हुई है। यहां तक कि रोजाना जरूरत की चीजें भी लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। उल्लेखनीय है कि भुखमरी के सबसे ज्यादा मामले में कांगो, इथोपिया जैसे अफ्रीकी देशों तथा अफगानिस्तान में देखने में आए हैं।

यानी हर तीन में एक इंसान भूखे पेट सोया। यानी विश्व की को मजबूर हुआ। आसान शब्दों में कहें तो दुनिया के 240 करोड़ लोगों या 29.6% आबादी ऐसी रही जिसे एक वक्त का खाना मिल गया तो दूसरे वक्त का कोई ठिकाना नहीं था। यानी दो जून की रोटी की बजाय एक ही जून की रोटी नसीब हो पाई। और बात सिर्फ पेट भरने की नहीं है, जो खाना मिला वह कितना पोष्टिक था? इसके आंकड़े देखें तो 2021 में 310 करोड़ लोगों को पौष्टिक खाना नहीं मिला था, यानी कुल आबादी का 42 प्रतिशत हिस्सा बिना पौष्टिक खाना खाए ही सोया।

‘स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशियन इन द वर्ल्ड’ की इस रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2022 में 4.5 करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार हुए। ये आंकड़ा 5 साल के बच्चों का है। इसके साथ ही 14.8 करोड़ बच्चे ऐसे देखे गए जिनका विकास बाधित हो चुका था। बेहद कमजोर बच्चे किसी तरह सांस लेते पाए गए। बच्चों का वजन भी उम्र के हिसाब से सही नहीं पाया गया।

रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर में मंहगाई बढ़ी है। अनेक देशों में लोगों की खरीदने की ताकत कम हुई है। यहां तक कि रोजाना जरूरत की चीजें भी लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। उल्लेखनीय है कि भुखमरी के सबसे ज्यादा मामले में कांगो, इथोपिया जैसे अफ्रीकी देशों तथा अफगानिस्तान में देखने में आए हैं। रिपोर्ट बताती है कि युद्ध की वजह से ऐसे हालात बहुत लंबे वक्त तक बने रह सकते हैं।

इसी तरह कोरोना महामारी की वजह से जो लॉकडाउन लगे उसकी वजह से खाद्य आपूर्ति की श्रृंखला प्रभावित हुई थी। इस दौरान कुपोषण कोरोना का खतरा बढ़ाने की भी वजह बन सकता था। ऐसे बच्चों की मौतों का खतरा सबसे बढ़कर था। क्योंकि कुपोषण की वजह से बीमारी से लड़ने की क्षमता बहुत कम हो जाती है।

इसके साथ ही पर्यावरण बदलाव के कारण जहां कई देशों में बाढ़ आई तो कई देशों में एक बूंद पानी प बरसने से भयंकर सूखे की स्थिति बनी। गर्म हवाओं की वजह से फसलें जल गईं। जलवायु परिवर्तन से खेती का सबसे ज्यादा नुकसान देखने में आया है।

Topics: foodखानाscarcityepidemicविश्वsecuritychildrenafricahungercovid19malnutritionUNभुखमरीpopulationभूख
ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

‘विश्व में शांति के लिए भारत की ओर देख रहे अरब के देश’, सऊदी राजदूत के इस बयान के मायने क्या

‘विश्व में शांति के लिए भारत की ओर देख रहे अरब के देश’, सऊदी राजदूत के इस बयान के मायने क्या

WHO की नींद उड़ाने वाली नई चीनी बीमारी कितनी खतरनाक?

WHO की नींद उड़ाने वाली नई चीनी बीमारी कितनी खतरनाक?

वैश्विक संस्थाएं और विनाशकारी ‘खेल’

भारत ने संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर फिर उठाए सवाल, व्यापक सुधार की जरूरत बताई

मध्य पूर्व में क्यों खुल रहा चीन का फौजी अड्डा? पेंटागन के कान खड़े होने के मायने!

मध्य पूर्व में क्यों खुल रहा चीन का फौजी अड्डा? पेंटागन के कान खड़े होने के मायने!

Singapore : पीएम ली ने खुलकर की मोदी की प्रशंसा, कहा-‘भारत विकास की राह पर है, तो चीन होता जा रहा बूढ़ा’

Singapore : पीएम ली ने खुलकर की मोदी की प्रशंसा, कहा-‘भारत विकास की राह पर है, तो चीन होता जा रहा बूढ़ा’

क्या PAKISTAN लौटा पाएगा अवैध रूप से बसे 17 लाख अफगानियों को? UNHCR कर रही विरोध

क्या PAKISTAN लौटा पाएगा अवैध रूप से बसे 17 लाख अफगानियों को? UNHCR कर रही विरोध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

MP News : लाड़ली बहनों को लखपति बनाने का कार्य अभियान के रूप में किया जाएगा – शिवराज सिंह चौहान

MP News : लाड़ली बहनों को लखपति बनाने का कार्य अभियान के रूप में किया जाएगा – शिवराज सिंह चौहान

Sukhdev Singh murder case : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी ने दर्ज कराई FIR, शिकायत में अशोक गहलोत का भी है नाम

Sukhdev Singh murder case : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी ने दर्ज कराई FIR, शिकायत में अशोक गहलोत का भी है नाम

MP News : रीवा में बनेगा IT पार्क, 30 करोड़ रुपये स्वीकृत, मार्च तक एयरपोर्ट निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश

MP News : रीवा में बनेगा IT पार्क, 30 करोड़ रुपये स्वीकृत, मार्च तक एयरपोर्ट निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश

ABVP का राष्ट्रीय अधिवेशन : 2000 किमी की दूरी तय कर दिल्ली पहुंचेगी‌ ‘हिंदवी स्वराज यात्रा’, गूंजेगा वंदेमातरम्

ABVP का राष्ट्रीय अधिवेशन : 2000 किमी की दूरी तय कर दिल्ली पहुंचेगी‌ ‘हिंदवी स्वराज यात्रा’, गूंजेगा वंदेमातरम्

नेहरू की गलती की वजह से बना PoK, नहीं तो भारत का हिस्सा होता : अमित शाह

नेहरू की गलती की वजह से बना PoK, नहीं तो भारत का हिस्सा होता : अमित शाह

Dr. Bhimrao Ambedkar : बाबा साहेब और मुस्लिम महिलाओं की पर्दा प्रथा

Dr. Bhimrao Ambedkar : बाबा साहेब और मुस्लिम महिलाओं की पर्दा प्रथा

जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो विधेयक लोकसभा में पारित, विधानसभा में कश्मीरी हिंदुओं को मिलेगा आरक्षण

जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो विधेयक लोकसभा में पारित, विधानसभा में कश्मीरी हिंदुओं को मिलेगा आरक्षण

घर वापसी : 25 लोगों ने एकसाथ की घर वापसी, मजहब त्याग अपनाया सनातन धर्म

घर वापसी : 25 लोगों ने एकसाथ की घर वापसी, मजहब त्याग अपनाया सनातन धर्म

West Bengal : TMC के 60 विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज, पीएम के लिए किया था ‘अभद्र’ भाषा इस्तेमाल

West Bengal : TMC के 60 विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज, पीएम के लिए किया था ‘अभद्र’ भाषा इस्तेमाल

Cardiac Arrest Treatment : इस तकनीक से आप भी बचा सकते हैं मरने वाले व्यक्ति की जान, हर किसी को होनी चाहिए जानकारी

Cardiac Arrest Treatment : इस तकनीक से आप भी बचा सकते हैं मरने वाले व्यक्ति की जान, हर किसी को होनी चाहिए जानकारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies