लापरवाही छोटी, परिणाम घातक!
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विज्ञान और तकनीक

लापरवाही छोटी, परिणाम घातक!

कंप्यूटर प्रणालियों को समय और आवश्यकतानुसार अपडेट न किये जाने से बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए अधिकांश बार अपडेट की कोई लागत भी नहीं होती

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Jul 14, 2023, 06:55 pm IST
in विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कंप्यूटर प्रणालियों को समय और आवश्यकतानुसार अपडेट न किये जाने से बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए अधिकांश बार अपडेट की कोई लागत भी नहीं होती

23 नवंबर, 2022 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की कंप्यूटर प्रणालियों पर रैंसमवेयर हमला हुआ जिसे भारत में हुए अब तक के सबसे घातक साइबर हमलों की श्रेणी में गिना जाता है। संस्थान के रोजमर्रा के कामकाज में गंभीर अवरोध आ गया, बड़ी संख्या में पुराने रिकॉर्ड पहुंच से बाहर हो गए और कामकाज जारी रखने के लिए मैनुअल (फाइल, फोल्डर, कागजात, पर्चियां) तरीकों का सहारा लेना पड़ा। संस्थान के कामकाज को फिर से पुराने ढंग से शुरू करने में दो सप्ताह का समय लगा। इस बीच, जितना रिकॉर्ड अपराधियों के हाथ लगा होगा, उनकी संख्या लाखों में मानी जाती है। रैंसमवेयर अटैक में हैकर आपके कंप्यूटरों का डेटा लॉक (एनक्रिप्ट) कर देते हैं और उसे लौटाने के लिए ‘फिरौती’ की मांगते हैं।

आयुर्विज्ञान संस्थान के साइबर हमले से मिले सबकों में से एक यह भी था कि आपको अपनी कंप्यूटर प्रणालियों को हमेशा अपडेट रखने की आवश्यकता है। हिंदुस्तान टाइम्स समूह के एक समाचार के अनुसार, संस्थान के कंप्यूटर और आईटी सिस्टम पिछले 30 साल से अपग्रेड नहीं हुआ था। पुराने सिस्टमों में से कई ऐसे होंगे जिनका सपोर्ट (सॉफ़्टवेयर कंपनियों के अपग्रेड आदि) समाप्त हो चुका होगा।

अगर इन प्रणालियों को समय और आवश्यकतानुसार अपडेट किया गया होता तो इतना नुकसान न होता। ऐसी घटनाएं भारत तक सीमित नहीं हैं। 2017 में इक्विफैक्स नामक कंपनी पर जबरदस्त साइबर हमला हुआ था जिसमें करीब 15 करोड़ लोगों का निजी रिकॉर्ड हैकरों के हाथ लग गया था। इक्विफैक्स एक क्रेडिट रिपोर्टिंग कंपनी है जो लोगों के ऋण आदि का ब्योरा रखती है। इक्विफैक्स के वेब एप्लीकेशनों में अपाची स्ट्रट्स नामक फ्रेमवर्क का प्रयोग होता था जिसमें सेंध की गुंजाइश थी। हालांकि इसका समाधान करते हुए पहले ही सॉफ्टवेयर अपडेट जारी किया जा चुका था लेकिन इक्विफैक्स ने इसे लागू नहीं किया था।

नोतपेत्या साइबर हमले में यूक्रेन के दर्जनों संस्थानों को निशाना बनाया गया था। हमलावरों ने आॅपरेटिंग सिस्टम में सेंध लगाकर ऐसा किया, हालांकि यह सेंध लगने से बचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कई महीने पहले सिक्यूरिटी अपडेट जारी कर चुकी थी। ऐसी अनगिनत मिसालें हैं जिनके पीछे एक छोटी-सी लापरवाही की भूमिका है और वह है कंप्यूटर प्रणालियों को समय पर अपडेट न किया जाना।

ऐसी ही एक घटना वान्नाक्राई रैंसमवेयर अटैक के नाम से कुख्यात है जिसके तहत 2017 में दुनिया के लाखों कंप्यूटरों पर रैंसमवेयर हमला हुआ था। वान्नाक्राई एक वॉर्म (एक तरह का कंप्यूटर वायरस) था जिसके जरिए विंडोज की एक खास सीमा का लाभ उठाया गया। हालांकि इस कमी का समाधान करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट दो महीने पहले ही सिक्यूरिटी अपडेट जारी कर चुकी थी। लाखों लोगों के कंप्यूटरों का डेटा एनक्रिप्ट कर दिया गया, हार्ड डिस्क लॉक कर दी गई और लोगों के पास संदेश आने लगे कि वे बिटकॉइन में धन का भुगतान करके ही अपना डेटा वापस हासिल कर सकेंगे।

क्या आपको 2018 और 2019 के दो बोइंग 737 मैक्स विमानों की दुर्घटनाएं याद है? लायन एअर (इंडोनेशिया) और इथियोपियन एअरलाइंस के दो विमान इसलिए दुर्घटनाग्रस्त हुए क्योंकि उनके भीतर कार्यरत स्वचालित फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम मनमर्जी से काम कर रहा था और पायलट विमान पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे थे। इस गड़बड़ी के दो प्रमुख कारण थे- विमानों की संचालन प्रणाली का एक अकेले सेंसर पर निर्भर होना और आवश्यक सॉफ्टवेयर को अपडेट न किया जाना। पहली त्रासदी में 189 और दूसरी में 157 लोगों की जान गई। क्या सिस्टम अपडेट करना इतना मुश्किल था?

सन् 2017 के नोतपेत्या साइबर हमले में यूक्रेन के दर्जनों संस्थानों को निशाना बनाया गया था। हमलावरों ने आॅपरेटिंग सिस्टम में सेंध लगाकर ऐसा किया, हालांकि यह सेंध लगने से बचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कई महीने पहले सिक्यूरिटी अपडेट जारी कर चुकी थी। ऐसी अनगिनत मिसालें हैं जिनके पीछे एक छोटी-सी लापरवाही की भूमिका है और वह है कंप्यूटर प्रणालियों को समय पर अपडेट न किया जाना।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं
और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)

Topics: Notpetya Cyberकंप्यूटर प्रणालियों पर रैंसमवेयरdeadlyअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानइक्विफैक्स नामक कंपनीमैक्स विमानों की दुर्घटनाएंनोतपेत्या साइबरNegligence smallConsequences All India Institute of Medical SciencesCompany named EquifaxMax planes crashes
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : भाऊराव देवरस सेवा न्यास के स्थापना दिवस पर, माधव सेवा विश्राम सदन में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को AIIMS अस्पताल से मिली छुट्टी, शुभचिंतकों व समर्थकों में खुशी की लहर

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस

मारे जाएंगे 2 करोड़ लोग! WHO ने कोरोना से बड़ी महामारी की तरफ किया इशारा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies