अमदाबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के विरुद्ध गुजरात युनिवर्सिटी की ओर से दायर मानहानि के केस में गुरुवार को अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में सुनवाई की गई। केजरीवाल ने वकील के जरिए दिल्ली में हुए बाढ़ के हालात को लेकर कोर्ट में हाजिर नहीं होने की वजह बताई। कोर्ट ने आगामी 26 जुलाई को नई तारीख देते हुए उन्हें कोर्ट में हाजिर होने को कहा है।
गुजरात हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिग्री दिखाने के मामले में 31 मार्च को फैसला सुनाते हुए पूर्ण विराम लगा दिया था। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस कर प्रधानमंत्री के डिग्री के मुद्दे पर अयोग्य शब्दों का उल्लेख किया। 2 अप्रैल को संजय सिंह ने भी प्रधानमंत्री के डिग्री मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस और ट्वीट में गुजरात यूनिवर्सिटी का भी उल्लेख किया गया। यूनिवर्सिटी की ओर से कुल सचिव डॉ पियुष पटेल ने मेट्रो कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था। बुधवार को इसी मामले में अमदाबाद मेट्रो कोर्ट में सुनवाई की गई।
सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की ओर से बताया गया कि दिल्ली में भारी बरसात के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए हैं। दिल्ली में इमरजेंसी मीटिंग का दौर चल रहा है। इसकी वजह से केजरीवाल को आज की कोर्ट में उपस्थिति से उन्हें मुक्ति प्रदान किया जाए। इसके अलावा गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री उपलब्ध नहीं है, इसे लेकर अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट के 31 मार्च के फैसले पर रिव्यू फैसला दाखिल किया है। इसकी सुनवाई 21 जुलाई को की जाएगी। अरविंद केजरीवाल के वकील ने मेट्रो कोर्ट में केस की सुनवाई 21 जुलाई के बाद और अगस्त के पहले सप्ताह में रखने की विनती की। परंतु, सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश के अनुसार विधायकों और सांसदों के विरुद्ध केस के शीघ्र निष्पादन करने और उसके रिपोर्ट करने का आदेश है। इसे लेकर 15 दिन में उसकी सुनवाई करनी होगी। इससे कोर्ट ने 26 जुलाई को हाजिर रहने का आदेश दिया। पिछली सुनवाई में भी अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन वे उस समय भी गैरहाजिर थे।
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