यू.के. को इस बात की पूरी आशंका है कि जिहाद को अपनी सत्ता की नीति में जोड़कर चलने वाले देश, पाकिस्तान में जल्दी ही आतंकी हमले हो सकते हैं। उसकी नजर में यह खतरा इतना वास्तविक है कि यू.के. की सरकार ने पाकिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को सतर्क करते हुए एक ‘सलाह’ जारी की है।
ब्रिटेन सरकार की वह ‘सलाह’ यह है कि ‘पाकिस्तान में आतंकवादी हमले हो सकते हैं। इसलिए किसी भी तरह के सियासी प्रदर्शनों, भीड़-भाड़ वाली जगहों तथा सार्वजनिक समारोहों में जाने से बचें’। वजह वही है कि जाने कहां कौन इस्लामी जिहादी हमला हो जाए। इसलिए खतरे को पहचानें और बाहर निकलने से पहले दो बार सोचें। ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी की गई यह ‘ट्रेवल एडवाइजरी’ पड़ोसी इस्लामी देश के वर्तमान हालात की पोल खोलकर रख देती है। वैसे, पाकिस्तान में ऐसे हालात कमोबेश बने ही रहते हैं।
पाकिस्तान के समाचार चैनल एआरवाई न्यूज ने रिपोर्ट दिखाई है कि यू.के. के विदेश, राष्ट्रमंडल तथा विकास कार्यालयों ने पाकिस्तान में रह रहे ब्रिटिश नागरिकों को ‘सलाह’ दी है कि भीड़ में न जाएं और किसी पार्टी के धरने—प्रदर्शनों से दूर रहें। ब्रिटिश सरकार को गहरा संदेह है कि ऐसी जगहों में कोई जिहादी हमला हो सकता है और बड़े पैमाने पर लोग हताहत हो सकते हैं। इसलिए उसने अपने नागरिकों की फिक्र करते हुए यह मशविरा दिया है।
ब्रिटेन की सरकार ने खतरे के दायरे में बलूचिस्तान के तटवर्ती क्षेत्रों और नियंत्रण रेखा के आसपास की जगहों को भी जोड़ा है, ब्रिटेन के नागरिकों को वहां भी न जाने की सलाह दी गई है। ब्रिटेन के नागरिकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने को पाकिस्तान में हो रहे राजनीतिक धरने—प्रदर्शनों से अलग रखें। क्यों? क्योंकि वहां मौजूद कुछ तत्व पश्चिम के विरुद्ध भावनाएं भड़का रहे हैं।
अपनी ‘सलाह’ में यू.के. सरकार ने उन इलाकों को चिन्हित किया है जहां ऐसे आतंकवादी हमलों का उसे खतरा महसूस हो रहा है। इन इलाकों में हैं पेशावर, रिंग रोड, डेरा इस्माइल खान, चित्राल, बाजौर, खैबर, मोहमंद, टैंक, ओरकजई, बानू, लक्की मारवात, डीआई खान, बुनेर, लोअर दीर, स्वात सहित कुछ अन्य इलाके। खैबर पख्तूनख्वा का इलाका भी खतरे की जद में माना गया है, वहां भी न जाने की ‘सलाह’ दी जाती रही है।
ब्रिटेन की सरकार ने खतरे के दायरे में बलूचिस्तान के तटवर्ती क्षेत्रों और नियंत्रण रेखा के आसपास की जगहों को भी जोड़ा है, ब्रिटेन के नागरिकों को वहां भी न जाने की सलाह दी गई है। ब्रिटेन के नागरिकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने को पाकिस्तान में हो रहे राजनीतिक धरने—प्रदर्शनों से अलग रखें। क्यों? क्योंकि वहां मौजूद कुछ तत्व पश्चिम के विरुद्ध भावनाएं भड़का रहे हैं। ब्रिटेन के राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालयों ने तो यहां तक कहा है कि ब्रिटेन के नागरिक पाकिस्तान में रहते हुए, वहां के स्थानीय समाचारों पर नज़र रखें।
यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने कहा कि पाकिस्तान में होने वाले धरने—प्रदर्शन शुरू में शांतिपूर्ण ही होते हैं, लेकिन फिर वहां तनाव बनने लगता है, हिंसा तक होने लगती है जो फिर फैलती जाती है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की सरकान ने अपने नागरिकों के लिए ऐसी ‘एडवाइजरी’ तब भी जारी की थी जब इमरान खान के पकड़े जाने के बाद कई शहरों में विरोध—प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएं देखने में आई थीं।
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