पाकिस्तान के मशहूर उर्दू दैनिक ‘डेली जंग’ के कराची स्थित वरिष्ठ पत्रकार का दो दिन पहले ‘अपहरण’ हो गया है। मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, ‘जंग’ के पत्रकार सैयद मुहम्मद अस्करी जब एक शादी के समारोह से घर लौट रहे थे उस वक्त नकाब पहने कुछ ‘लोग’ आए और उन्हें उठाकर ले गए। अस्करी ने बताया भी कि वह पत्रकार हैं, लेकिन तब भी ‘अपहर्ताओं’ ने उनके साथ मारपीट की और जबरदस्ती साथ ले गए। मीडिया में यह चर्चा भी है कि अस्करी को सादे कपड़ों में आई ‘पुलिस’ ने ‘गिरफ्तार’ करके अनजान जगह पर रखा है।
कराची में हुआ यह मामला अपनी तरह का इकलौता मामला नहीं है। उस इस्लामी देश में पत्रकारों पर मुसीबत बढ़ती जा रही है। उनको अगवा करने के अनेक मामले सामने आ चुके हैं। ‘डेली जंग’ के वरिष्ठ संवाददाता सैयद मुहम्मद अस्करी इस कड़ी में ताजा नाम है। उनको गत 8 जुलाई को कराची के कोरंगी मार्ग पर कय्यूमाबाद केपीटी चौक के पास से ‘गिरफ्तार’ किया गया है।
पाकिस्तान के अंग्रेजी दैनिक द न्यूज इंटरनेशनल में इस संबंध में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि अस्करी को रास्ते में बिना वजह बताए रोककर मारा—पीटा गया। उनके यह बताने पर कि वह एक पत्रकार हैं, ‘पुलिस’ ने उनकी एक न सुनी और अपने साथ गाड़ी में बैठाकर ले गए।
कराची में पहले भी अनेक पत्रकारों को ऐसी ही ‘अगवा’ किया जा चुका है। गत माह जियो न्यूज के पत्रकार जुबैर अंजुम को कराची की मॉडल कॉलोनी स्थित उनके घर से उठा लिया गया था। अंजुम के पड़ोसियों ने बताया था कि पुलिस की दो गाड़ियां अंजुम के घर आई थीं जिनमें पुलिस वाले थे। सादे कपड़ों में आए हथियारबंद पुलिस वालों ने अंजुम के परिवार के साथ मारपीट भी की थी।
हैरानी की बात यह है कि पुलिस भी इस मामले पर लापरवाही का बर्ताव करती दिखी है। इस मामले की रिपोर्ट लिखाने के लिए जब अस्करी के एक रिपोर्टर दोस्त ने पुलिस हेल्पलाइन को फोन किया जो उसे संबंधित पुलिसथाने से बात करने को कहा गया।
इसके बाद जमान टाउन पुलिसथाने के प्रभारी रफीक से शिकायत की गई तो रफीक ने भी अनदेखी करते हुए कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी ही नहीं है। उधर अस्करी के परिवार का बुरा हाल है, उसने भी पुलिस से अस्करी का तुरंत पता लगाने की गुहार की है। बताया गया है कि परिवार ने पुलिस अधिकारियों पर ही केस दर्ज करा दिया है। घटना पर कराची प्रेस क्लब, कराची यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स तथा एजुकेशन रिपोर्टर्स एसोसिएशन ने कड़ी प्रतिक्रिया की है। कराची के पत्रकारों ने भी पुलिस पर दबाव बनाया हुआ है कि अस्करी को फौरन ढूंढा जाए।
जैसा पहले बताया, कराची में पहले भी अनेक पत्रकारों को ऐसी ही ‘अगवा’ किया जा चुका है। गत माह जियो न्यूज के पत्रकार जुबैर अंजुम को कराची की मॉडल कॉलोनी स्थित उनके घर से उठा लिया गया था। अंजुम के पड़ोसियों ने बताया था कि पुलिस की दो गाड़ियां अंजुम के घर आई थीं जिनमें पुलिस वाले थे। सादे कपड़ों में आए हथियारबंद पुलिस वालों ने अंजुम के परिवार के साथ मारपीट भी की थी। हालांकि अंजुम ‘अगवा’ होने के एक दिन बाद सही—सलामत घर लौट आया।
अस्करी के मामले पर दबाव बढ़ता देखकर सिंध के सूचना मंत्री शरजील ईनाम मेमन ने कहा कि अस्करी को ढूंढने की पूरी कोशिश की जा रही है। शरजील का कहना है कि उन्होंने आईजी, पुलिस से बात करके मामले पर फौरन कार्रवाई करने और ‘लापता’ अस्करी का पता लगाने को कहा है।
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