देहरादून। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में पिछले चार दिनों से मानसून सक्रिय होने से भारी बारिश हो रही है, जिसके बाद से नदियां उफान पर हैं। भूस्खलन की वजह से कई मार्ग बंद हो गए हैं। चार धाम सहित अन्य हिमालय तीर्थों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई है। वहीं, दूसरी ओर कांवड़ यात्रा में शिव भक्तों का जोश बरकरार है।
भारी बारिश के चलते व्यासघाटी के आदि कैलाश ॐ पर्वत यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। यात्रा प्रबंध करने वाले कुमाऊं मंडल विकास निगम के महा प्रबंधक ए के वाजपेई के अनुसार भारी बारिश की वजह से फिलहाल 31 जुलाई तक व्यास घाटी की यात्रा को स्थगित किया गया है। चारधाम यात्रा भी सड़कें अवरुद्ध होने से बार-बार प्रभावित हो रही है। बद्रीनाथ मार्ग पर छिनका के पास बार-बार पहाड़ी मलबा आने से सड़क बंद हो रही है। अभी भी दस हजार यात्री बद्रीनाथ मार्ग में फंसे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में 112 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं जिन्हे खोलने के लिए प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और एसडीआरएफ कोशिश कर रही है। मौसम विभाग ने पूरे राज्य में अगले तीन दिनों तक भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। धारचूला क्षेत्र में भी बादल फटने से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
कांवड़ यात्रा जारी
हरिद्वार में शिवभक्त कांवड़ियों का आना और गंगा जल लेकर अपने अपने शिवालयों की तरफ बढ़ना जारी है। रोजाना बारह लाख से ज्यादा कांवड़िए हरिद्वार जल लेने पहुंच रहे हैं, ज्यादातर कांवड़ियों ने पञ्जक के दिन गंगा जल नहीं भरा, लेकिन जैसे ही पञ्जक काल खत्म हुआ हरकी पैड़ी भगवामय हो गई। गंगा स्नान कर कांवड़ भरते कांवड़ियों का दृश्य कुंभ स्नान से कम नहीं था। लाखों की संख्या में कांवड़िए बम बम भोले का जयघोष करते हुए निकल रहे हैं। हरिद्वार से यूपी जाने वाले मार्ग पगडंडियों में भगवाधारी कांवड़िए दूर दूर तक दिखाई दे रहे हैं।
हरिद्वार जिला प्रशासन ने कांवड़ की वजह से सत्रह जुलाई तक स्कूलों को बंद कर दिया है। सिडकुल में भी कर्मचारियों की उपस्तिथि कम है। ये कर्मचारी भी कांवड़ लेने गए है और माल ढुलाई का काम भी प्रभावित है। हरिद्वार की आबादी से दो से तीन गुना ज्यादा कांवड़ियों की संख्या से जाम के हालात हैं, हालांकि पुलिस यातायात सुचारू रखने के लिए मुस्तैदी से डटी हुई है।
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