नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को अगली सुनवाई से कोर्ट में सशरीर पेश होने का निर्देश दिया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा सिसोदिया की पेशी के दौरान कोर्ट में पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता और नेता मौजूद नहीं रहेगा।
सीबीआई ने 25 अप्रैल को इस मामले में दिल्ली में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी नाम है। इसके अलावा पूरक चार्जशीट में बुची बाबू, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढल को भी शामिल किया गया है। बुची बाबू तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव की बेटी के. कविता के सीए रह चुके हैं।
सीबीआई ने 25 नवंबर 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने 15 दिसंबर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे। पहली चार्जशीट में शामिल कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू के खिलाफ कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
मनीष सिसोदिया ने आबकारी घोटाला मामले में हाई कोर्ट से जमानत याचिका ख़ारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सिसोदिया ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 जुलाई को मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। ईडी के मुताबिक मंत्री समूह के मुखिया होने के नाते सिसोदिया को कैबिनेट के बारे में सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। ईडी के मुताबिक आबकारी नीति में फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत ली गई।
सिसोदिया को 26 फरवरी को किया गया था गिरफ्तार
ईडी के मुताबिक कोई भी नीति हवा में नहीं बनाई जाती है। मंत्री समूह की बैठक में लाइसेंस फीस और प्रॉफिट मार्जिन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। याचिका में सिसोदिया की ओर से कहा गया है कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लांड्रिंग का कोई मामला ही नहीं बनता है। ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। याचिका में कहा गया है कि मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया। कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
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