नई दिल्ली। कन्वर्जन और हिजाब पोस्टर से विवादों में आए दमोह (मध्य प्रदेश) के गंगा जमुना स्कूल की मान्यता निलंबित है। उसे जबलपुर हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। कोर्ट ने कानून के अनुसार आगे बढ़ने के निर्देश के साथ याचिका का निपटारा कर दिया था। तीन लोग गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। बुधवार को स्कूल के बच्चों और अभिभावकों ने प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर और शिक्षा अधिकारी से स्कूल फिर से खोलने की मांग की। इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष ने ट्वीट कर जानकारी दी है। कहीं से राहत न मिलता देख इस स्कूल के प्रबंधन ने बच्चों और महिलाओं का सहारा लिया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया कि दमोह के गंगा जमना स्कूल में अनियमितताओं के चलते एनसीपीसीआर द्वारा संज्ञान लिए जाने के पश्चात जांच के निर्देश दिए गए और जिला शिक्षा अधिकारी की जाँच के बाद पाई गयी कमियों के आधार पर राज्य सरकार द्वार स्कूल की मान्यता निलम्बित की गयी जिसकी घोषणा माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश ने स्वयं की थी। इसके विरुद्ध स्कूल संचालकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील की गयी जिसमें उनको कोई स्थगन नहीं मिला और सरकार को 4 सप्ताह में मामले के निपटारे का निर्देश दिया गया। क़ानूनी रास्ते से काम न निकलता देख गंगा जमुना स्कूल के संचालकों ने वही किया जो कट्टरवादी, अतिवादी इस्लामिक धार्मिक उन्मादी समूह दुनिया में कई स्थानों पर करते हैं। आम लोगों की भावनाओं को भड़का कर एक अराजक भीड़ इकट्ठा कर के आंदोलन के नाम पर सड़कों पर भेज दिया तथा बच्चों और औरतों को उसके आगे कर दिया जिससे कि सहानुभूति मिल सके व हिंसा की स्थिति में अपराधी व्यक्ति बच्चे और महिलाओं का इस्तेमाल ढाल की तरह कर सकें। ये भीड़ दमोहकेंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के घर के परिसर के भीतर भेजी गयी जो कि गम्भीर घटना है, एक केंद्रीय मंत्री के घर इस तरह भीड़ को बेक़ाबू कर भेजना निश्चित प्रशासनिक चूक है, पुलिस के गोपनीय विभाग की विफलता है एवं सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही है।
स्कूल की मान्यता निलंबित करने के कई कारण
- भारत के नक़्शे से देश के पूर्वी भाग को काट कर दिखाना
- बच्चों को डार्विन के सिद्धांत के विपरीत उत्पत्ति का इस्लामिक रूढ़िवादी सिद्धांत सिखाना
- हिंदू बच्चों को इस्लामिक धार्मिक प्रार्थना में शामिल करना
- इस्लाम के सर्वोच्च होने की गवाही दिलवाना व कलमा पढ़वाना
- स्कूल में लड़के-लड़कियों लिए पर्याप्त पृथक शौचालय नहीं हैं
- मान्यता में प्रदत्त क्षमता से कई गुना अधिक बच्चे भर्ती किए गए
- स्टाफ़ के पुलिस सत्यापन नहीं
- स्टाफ़ क्वालिफ़ायड नहीं है
बच्चों के दूसरे स्कूलों में दाखिले के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है
बच्चों के दूसरे स्कूलों में दाख़िले के लिए कलेक्टर ने हेल्प डेस्क बनाई है सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में सीटें ख़ाली हैं हमने भी न्यायालय में ऐसे स्कूलों की जानकारी दी है। इसके बावजूद देश भर के एजेंडावादी और आंदोलनजीवी अब इसमें शामिल हो गए हैं।
गंगा जमुना स्कूल पर हुई है ये कार्रवाई
पुलिस ने अब तक गंगा जमुना विद्यालय के इस प्रकरण में प्रबंध समिति के 13 सदस्यों पर आपराधिक मामला दर्ज किया है । जिसमें जुवेनाइल जस्टीज जेजे एक्ट, धारा, 506, 295 और धर्मांतरण कन्वर्जन की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन सदस्यों गिरफ्तार किया गया है, शेष प्रबंधन समिति के आरोपित सदस्य फरार चल रहे हैं।
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