महाराष्ट्र की राजनीति में बुधवार का दिन अहम रहा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थिति लगभग साफ हो चुकी है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में मुंबई में हुई पार्टी की बैठक में 13 विधायक, 3 एमएलसी और 5 सांसद मौजूद रहे। वहीं सूत्रों का कहना है कि अजित पवार ने मुंबई में जो बैठक बुलाई थी उसमें 32 विधायक शामिल हुए हैं, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। अजित पवार गुट ने एनसीपी पर भी दावा ठोक दिया है, एनसीपी के चुनाव चिह्न की भी मांग की है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पार्टी चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है। अजित को पार्टी पर दावे के लिए 37 विधायकों की जरूरत होगी।
बैठक के बाद शरद पवार का बयान आया कि जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जायेगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं।
उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने चाचा शरद पवार को इंगिंत करते हुए कहा कि आपने मुझे सबके सामने खलनायक के रूप में दिखाया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) लिए सम्मान है। आप मुझे बताएं, IAS अधिकारी 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। राजनीति में भी भाजपा नेता 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आप (शरद पवार) हमें अपना आशीर्वाद दें, लेकिन आप 83 वर्ष के हैं, क्या आप रुकने वाले नहीं हैं? हमें अपना आशीर्वाद दें और हम प्रार्थना करेंगे कि आपकी उम्र लंबी हो। अजित पवार ने दावा किया पार्टी के 40 से अधिक विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने ये भी कहा कि एनसीपी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं।
तो एनसीपी का मुख्यमंत्री होता
अजित पवार ने कहा कि 2004 के विधानसभा चुनाव में NCP के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।
शरद पवार की बैठक में ये रहे मौजूद
मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली बैठक में कुल 13 विधायक, 3 एमएलसी और 5 सांसद मौजूद रहे। 13 विधायकों में अनिल देशमुख, रोहित पवार, राजेंद्र शिंगणे, अशोक पवार, किरण लहमाटे, प्राजक्ता तानपुरे, बालासाहेब पाटिल, जीतेंद्र अव्हाड, चेतन विट्ठल तुपे, जयंत पाटिल, राजेश टोपे, संदीप क्षीरसागर और देवेंद्र भुयार शामिल हैं। सांसदों में श्रीनिवास पाटिल (लोकसभा), सुप्रिया सुले (लोकसभा), अमोल कोल्हे (लोकसभा), फौजिया खान (राज्यसभा) वंदना चव्हाण (राज्यसभा) शामिल हैं। एमएलसी में शशिकांत शिंदे, बाबाजानी दुरानी, एकनाथ खडसे शामिल हैं।
वे पार्टी खत्म करना चाहते हैं
अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल ने कहा कि हम पर कानूनी मामलों के डर से यहां (अजित पवार के साथ) आने का आरोप लगाया जा रहा है। यह सही नहीं है। धनंजय मुंडे, दिलीप वाल्से पाटिल और रामराजे निंबालकर के खिलाफ कोई मामला नहीं है। हम यहां केवल इसलिए हैं क्योंकि आपके (शरद पवार) साहब के आसपास कुछ करीबी सहयोगी हैं, वे पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। एक बार जब आप उन्हें किनारे कर देंगे तो हम आपके पास वापस आने के लिए तैयार हैं।
जिसके पास 0 सांसद है…उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे
अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर बीजेपी के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला बीजेपी के साथ चले गए और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं। मैं शरद पवार के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का दृश्य देखकर मुझे हंसने का मन हुआ। वहां 17 विपक्षी दल थे, 7 में से लोकसभा में केवल 1 सांसद है और एक पार्टी ऐसी है जिसके पास 0 सांसद हैं। उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे। हमने यह फैसला (एनडीए में शामिल होने का) देश और अपनी पार्टी के लिए लिया है, व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं।
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