अमेरिका सरकार ने अपने नागरिकों को चीन जाने को लेकर हर तरह से सोच—समझ लेने को कहा है। कारण, अब चीन ने अपने कानून ऐसे बना लिए है जिनमें अब अमेरिका के लोगों के लिए जोखिम पैदा हो गया है। इसलिए अमेरिकी सरकार को लगता है कि अगर उनके नागरिकों से एक कदम भी गलत पड़ा तो जिनपिंग सरकार उन्हें जेल में डाल देगी।
दरअसल चीन के एक लंबे वक्त से अमेरिका से संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। अपने यहां चीन अमेरिकी नागरिकों पर मनमाने तरीके से कानूनों कि क्रियान्वयन, वहां से निकलने को लेकर प्रतिबंधों और गलत तरीके से हिरासत में लिए जाने का खतरा पैदा कर चुका है। यही भांपकर अमेरिका ने अपने नागरिकों से सावधान रहने और सोच—समझकर ही चीन जाने को कहा है। इतना ही नहीं, जो अमेरिकी चीन जाने को तैयार बैठे हैं उनसे भी कहा गया है कि वे अपने फैसले पर फिर से गौर कर लें।
चीन में जो नए कानून बने हैं उनमें है कि, एक, कोई विदेशी चीन सरकार के विरुद्ध किसी विरोध प्रदर्शन को आयोजित नहीं करेगा, न ऐसे किसी प्रदर्शन में भाग लेगा। दो, कोई विदेशी चीन सरकार की किसी नीति के विरुद्ध नहीं बोलेगा। चीन की सत्ता ने पिछले दिनों एक जासूसी-रोधी कानून भी पास किया है। इसके तहत अनेक कार्यालयों पर छापे पड़े हैं। बीजिंग की इस हरकत से कारोबार करने आए विदेशी लोगों को चिंता पैदा हो गई है।
चीन और अमेरिका के बीच संबंधों में जो खटास बनी हुई है उसके निकट भविष्य में कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। विस्तारवादी कम्युनिस्ट चीन अपनी कूटनीतिक चालों और अजीब से कानूनों के लिए दुनिया भर में बदनाम है। यह ठीक है कि अभी हाल में ही अमेरिका के दो प्रमुख मंत्री चीन होकर आए हैं, लेकिन तो भी अमेरिकी ने भांप लिया है कि अमेरिकी नागरिक चीन में चीनी तानाशाही और दुर्भावना के शिकार बनाए जा सकते हैं।
चीन में जो नए कानून बने हैं उनमें है कि, एक, कोई विदेशी चीन सरकार के विरुद्ध किसी विरोध प्रदर्शन को आयोजित नहीं करेगा, न ऐसे किसी प्रदर्शन में भाग लेगा। दो, कोई विदेशी चीन सरकार की किसी नीति के विरुद्ध नहीं बोलेगा। चीन की सत्ता ने पिछले दिनों एक जासूसी—रोधी कानून भी पास किया है। इसके तहत अनेक कार्यालयों पर छापे पड़े हैं। बीजिंग की इस हरकत से कारोबार करने आए विदेशी लोगों को चिंता पैदा हो गई है।
दरअसल अभी मई माह में चीन में 78 साल के अमेरिकी नागरिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जिस पर जासूसी को कथित आरोप लगाया गया था। अमेरिकियों को शंका है कि चीन अपने ‘व्यापक विदेशी संबंध कानून’ के अंतर्गत ‘चीन के हितों’ को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशियों के विरुद्ध कोई प्रतिक्रियात्मक कदम उठा सकता है। संभवत: यही वजह है कि अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए वक्त रहते अपनी ‘सलाह’ जारी की है। इस ‘सलाह’ में साफ कहा है कि ‘चीन जाने वाले या वहां रहने वाले अमेरिका के नागरिकों को अमेरिकी दूतावास की सेवाओं तक पहुंच के बिना उनके किसी कथित अपराध की आड़ में उन्हें पकड़ा जा सकता है।’
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