देहरादून। सावन माह में उत्तराखंड में आबादी का बोझ बढ़ने वाला है। हरिद्वार में गंगा किनारे जहां चार करोड़ कांवड़ियों का आना जाना होगा। वहीं, चारधाम यात्रा में भी 17 लाख तीर्थ यात्रियों की रजिस्ट्रेशन वेटिंग चल रहा है। उत्तराखंड की कुल आबादी सवा करोड़ भी नहीं है और यहां सावन के दिनों में चार करोड़ लोग केवल हरिद्वार में ही आएंगे जाएंगे। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रशासन के आगे कितनी बड़ी चुनौती व्यवस्था बनाने को लेकर खड़ी होने वाली है।
उत्तराखंड में धार्मिक तीर्थाटन की वजह से हरिद्वार से लेकर हिमालय तक गंगा किनारे भारी भीड़ रहती है। पावन गंगा का भगवान शिव के प्रति रिश्ता ऐसा है जिसे शिव भक्त कांवड़िए ही बयां कर सकते हैं। हरिद्वार हर की पैडी से गंगा जल लेकर शिव भक्त कांवड़िए अपने-अपने शिवालयों की तरफ आस्था और विश्वास की यात्रा शुरू करते हैं। इस साल अधिमास की वजह से सावन 59 दिनों का है और इस बार अनुमान है कि चार करोड़ कांवड़िए गंगा जल लेने हरिद्वार आएंगे।
हरिद्वार प्रशासन के आगे सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर है कि लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था करनी है। चारधाम के श्रद्धालु भी हरिद्वार से ही अपनी देवभूमि हिमालय यात्रा शुरू करते हैं। वाहनों की भीड़ से जाम की स्थिति हमेशा बनी हुई है। हरिद्वार में दिल्ली-माना हाईवे पर सुस्त गति से बन रहा फ्लाई ओवर जाम लगने का मुख्य कारण है।
चार धाम में भी है वेटिंग
उत्तराखंड के हिमालय तीर्थस्थल चार धामों में 28 अप्रैल से अभी तक 33 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। जबकि रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 50 लाख से ज्यादा हो चुका है। यानि अगले कुछ दिनों में 17 लाख तीर्थ यात्री चारधाम पहुंचने की प्रतीक्षा में हैं।
अब तक केदारनाथ में 1094671, बदरीनाथ में 999640, गंगोत्री धाम में 58412, यमनोत्री धाम में 497295 और श्री हेमकुंड में 112845 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए हैं। चारधाम दर्शन करने वालों में नेपाल अमेरिका मलेशिया आदि 107 देशों के 43 हजार अप्रवासी श्रद्धालुओं ने भी दर्शन किए हैं। चारधाम में 93500 संख्या एक से 10 साल के बच्चों की भी दर्ज की गई है।
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