नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष के शपथ पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार और उप राज्यपाल को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। साथ ही 21 जून को जारी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर भी रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक पद ग्रहण करने पर रोक लगा दी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी करेंगे। सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और नियुक्ति के लिए अध्यादेश ले आई और उप राज्यपाल ने उसके तहत नियुक्ति कर दी। यह सही नहीं है, क्योंकि दिल्ली का प्रशासन दिल्ली सरकार को चलाना है। दिल्ली सरकार वोटरों के लिए जिम्मेदार है, लेकिन उसके पास कदम उठाने का अधिकार नहीं है। दिल्ली सरकार ने 200 यूनिट दिल्ली की जनता को फ्री बिजली देने की स्कीम चलाई, उप राज्यपाल ने इस स्कीम को बंद कर दिया।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अभिषेक मनु सिंघवी की दलील का विरोध करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट पर भरोसा न कर तथ्यों पर दलील देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वह कानून के सवाल पर सुनवाई करेगा, जिसमें कोर्ट यह तय करेगा कि डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार को है या उप राज्यपाल को।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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