अयोध्या में स्थित अन्तरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय, श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसी के साथ ही प्रदेश सरकार और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बीच बातचीत शुरू हो गई है। रामकथा संग्रहालय ट्रस्ट को लीज पर दिया जाएगा। इस संबंध में विधिक प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। इस संग्रहालय के मिलने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अलग से संग्रहालय का निर्माण नहीं कराना पड़ेगा।
रामकथा संग्रहालय में करीब एक हजार से ज्यादा पुरातात्विक महत्व की दुर्लभ वस्तुएं सुरक्षित हैं। संग्रहालय में प्रभु श्रीराम से जुड़ी हुई पुरातात्विक महत्व की वस्तुएं अभी भी सुरक्षित हैं। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र के अनुसार राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की पहल पर यह निर्णय लिया गया है। गत 30 सितंबर 2022 को राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रामकथा संग्रहालय को मंदिर ट्रस्ट को सौंपने के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था।
इस पत्र का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही की कैबिनेट बैठक में इस पर स्वीकृति दे दी है। संग्रहालय के उप निदेशक योगेश कुमार के अनुसार इस संग्रहालय की स्थापना 1988 में अयोध्या के तुलसी स्मारक भवन में की गई थी। वर्ष 2015 में इसका भवन सरयू तट के निकट बनकर तैयार हुआ। उसके बाद तुलसी स्मारक भवन से इस संग्रहालय को नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया। वर्तमान समय में संग्रहालय परिसर करीब 3 एकड़ में फैला हुआ है।
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